डेयरी टुडे नेटवर्क,
जयपुर/चित्तौड़गढ़, 31 मार्च 2020,
कोरोना संकट का सबसे बुरा असर देश के डेयरी उद्योग पर पड़ा है। देश में करीब एक करोड़ किसान पशुपालन का काम करते हैं और दूध बेचकर अपनी आजीविका चलाते हैं। लेकिन कोरोना के कारण हुए लॉकडाउन ने दूध की खपत एकदम कम कर दी है। इसकी वजह से जहां देशभर में बड़ी संख्या में डेयरी प्लांट या तो बंद हो गए हैं या फिर उनकी मिल्क प्रोसेसिंह क्षमता कम हो गई है। राजस्थान में चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ यानि सरस डेयरी की हालत इस कोरोना बंदी में खस्ता हो गई है। संघ ने 31 मार्च, 2020 यानि आज से सरस डेयरी को दूध सप्लाई करने वाली डेयरी किसानों से दूध संकलन बंद करने का आदेश जारी किया है। बताया जा रहा है कि सरस डेयरी के पास करीब सवा सौ टन घी का स्टॉक हो चुका है, लेकिन घी की मांग नहीं के बराबर रह गई है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार चित्तौडग़ढ़-प्रतापगढ़ दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ चित्तौडग़ढ़ के प्रबंध संचालक नटवर सिंह ने सोमवार को जारी आदेश में कहा है कि 31 मार्च की शाम से अग्रिम आदेश तक दुग्ध संकलन बंद किया जाता है। यदि किसी बीएमसी व समिति पर दुग्ध संकलन किया जाता है तो उसकी समस्त जिम्मेदारी स्वयं सचिव की होगी तथा संघ द्वारा डेयरी किसानों को किसी प्रकार का भुगतान नहीं किया जाएगा। जब हालात सुधरेंगे तब दुग्ध संकलन पुन: प्रारंभ करने के लिए अलग से सूचित किया जाएगा। प्रबंध संचालक के इस आदेश से कोरोना वायरस के चलते लॉक डाउन में संकट के दौर से गुजर रहे पशुपालकों पर अब दोहरा संकट आ गया है। सरस डेयरी के भरोसे बरसों से अपना व्यवसाय कर रहे हजारों पशुपालकों के सामने समस्या यह आ गई है कि डेयरी उनका दूध खरीदना बंद कर देगी तो वे दूध बेचेंगे कहां। संकट की इस घड़ी में डेयरी के इस निर्णय के चलते पशुपालकों के लिए पशुओं के चारे-पानी का खर्चा निकालना भी मुश्किल हो जाएगा।
इधर प्रबंध संचालक का कहना है कि डेयरी के पास करीब सवा सौ टन घी का स्टॉक हो गया है। सबसे ज्यादा पन्द्रह टन घी हर माह राजस्थान का सांवलियाजी मंदिर मण्डल ट्रस्ट खरीदता था, वह भी इन दिनों बंद हो गया है। इसके अलावा जहां प्रतिदिन अस्सी से नब्बे हजार लीटर दूध की बिक्री हो जाती थी, वह अब घटकर चालीस हजार लीटर प्रतिदिन ही रह गई है। लॉकडाउन के चलते दुकानें, चाय की रेड़ी, मिठाई की दुकानें आदि बंद होने के कारण दूध की बिक्री में कमी आई है। ऐसे में दूध संकलन करने से स्टॉक ज्यादा हो जाएगा और बिक्री के अभाव में खराब भी हो जाएगा, इसलिए 31 मार्च से दूध का संकलन बंद करने का निर्णय किया गया है।
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I am from kekri(Ajmer) Rajasthan. यहां पर भी दूध लेना सरस, पायस, अमूल, रिलायंस सभी ने बहुत कम कर दिया है बचे हुए दूध का हमें घी बनाना पड़ रहा है लेकिन घी भी बनाए तो कितना,,
डेरी कंपनी भी क्या करें, दूध नहीं बिकेगा तो वो दूध का क्या करेंगी? अभी तो ये पूरे भारत में होगा। बर्बाद हो जाएगा डेयरी उद्योग।
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