डेयरी टुडे नेटवर्क,
करनाल, 13 मार्च 2020,
करनाल के नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट (NDRI) में शुक्रवार को तीन दिवसीय राज्य स्तरीय पशु मेला का शुभारंभ हुआ। गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने एनडीआरआई परिसर में पशुपालन विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय राज्य स्तरीय पशु मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि हरियाणा में सरकार की पशुधन विकास योजनाओं एवं क्रियाकलापों से उन्नत किस्म के दुधारू पशुओं की संख्या बढ़ने के साथ-साथ दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धी हो रही है। परिणामस्वरूप डेयरी फार्मिंग के व्यवसाय से केन्द्र का वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का संकल्प पूरा हो सकेगा।
उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के हित को लेकर उदार है, यही कारण है कि सरकार ने नये वित्तीय वर्ष में पशुपालन से जुड़ी योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए 1 हजार करोड़ रूपये से भी अधिक की धन राशि का प्रावधान किया है। इससे दुग्ध उत्पादन में वृद्धी होगी और पशुपालक, किसान खुशहाल होंगे। उन्होंने बताया कि विश्व में ब्राजील के बाद भारत दुनिया का सबसे बड़ा दुग्ध उत्पादक देश है। अब उसकी बराबरी करने के लिए देश में आधुनिक एवं स्थापित वैज्ञानिक सिंद्घातों एवं कौशल के इस्तेमाल से उत्तम तकनिकों को डेयरी पशुपालकों तक पहुँचाया जा रहा है। हरियाणा इस तरह के प्रयासों में अग्रणी रूप से काम कर रहा है।
राज्यपाल ने बताया कि वे स्वयं गौरक्षक और पशुपालक हैं। उनके प्रयासों से गुरूकुल कुरूक्षेत्र में उन्न्त गाय रखी गई हैं। जिनमें अधिक दूध देने वाली गाय शामिल हैं। इनसे हर वर्ष दूध उत्पादन में वृद्धी की जा रही है। उन्होंने बताया कि वे करीब 15-20 सालों से इस मिशन पर काम रहे हैं और गुरूकुल की गाय ने 48 किलो 200 ग्राम दूध देकर राज्य में प्रथम स्थान हासिल किया है उनकी एक गाय 52 लीटर दूध देती है। उनका प्रयास है कि देसी नसल की साहीवाल सिन्धी व गीर गायों की संख्या में वृद्धी कर दूध उत्पादन को बढ़ाया जाए।
राज्यपाल ने आगे बोलते हुए कहा कि पशुधन विकास राष्ट्र की सेवा है और पशु मेलों के आयोजन से पशुपालकों को प्रोत्साहित करने का अवसर मिलता है। किसान मेले में आकर पशुपालन से जुड़ी उपयोगी जानकारी हासिल करते हैं और उसके प्रयोग से पशुधन विकास करके दूसरे किसानों को भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने मेले आयोजन को लेकर पशुपालन विभाग की सरहाना की और मेले में आए पशुपालकों को बधाई देते हुए कहा कि प्रदेश सरकार के प्रयासों से हरियाणा आने वाले समय में एक मॉडल बनकर उभरेगा। राज्यपाल ने प्रदेशभर से आए उन्नत नस्ल के पशुओं की प्रदर्शनी तथा भिन्न-भिन्न विभागों एवं कम्पनियों की ओर से लगाए गए स्टालों का अवलोकन किया।
हरियाणा के कृषि एवं पशुपालन मंत्री जय प्रकाश दलाल ने इस अवसर पर राज्यपाल का स्वागत किया। उन्होंने बोलते हुए कहा कि हरियाणा में फसलों की लागत कम करके किसानों की आय दोगुनी करने के लिए आर्गेनिक खेती को बढ़ावा देने के प्रयास किए जा रहे हैं। इससे हर साल 4 से 5 हजार प्रति एकड़ लागत कम होगी। उन्होंने कहा कि खेती के साथ-साथ प्रदेश में पशुपालन पर बढ़ावा देने पर भी विशेष बल दिया जा रहा है। इसके लिए पशु क्रेडिट कार्ड योजना चालू की गई है जिससे पशुपालक 3 लाख तक का ऋण 4 प्रतिशत साधारण ब्याज पर प्राप्त कर सकता है। इससे छोटे व सीमांत किसानों को फायदा होगा आने वाले सालों में किसानों के लाखों की संख्या में पशु क्रेडिट कार्ड बनाए जाएंगे।
इसके तहत गन्नौर में अर्तराष्ट्रीय फल एवं सब्जी मंडी, पिंजौर में सेब मंडी, सोनीपत में मसाला मंडी तथा गुरूकुल कुरूक्षेत्र में फूलों की मंडी बनाई जा रही है। मंडी एक्ट में बदलाव किया गया है, कोई भी एफपीओ अपनी मंडी बना सकता है। उसे सरकार को कुछ नहीं देना पड़ेगा। उन्होंने बताया कि बेमौसमी बारिश से प्रदेश में ओलावृष्टि के कारण जिन किसानों की फसलें खराब हुई है उन्हें घबराने के जरूरत नहीं हैं। बीमित किसानों को कम्पनियां मुआवजा देंगी और जिन किसानों की फसलों का बीमा नहीं है उसे हरियाणा सरकार देगी। उन्होंने बताया कि प्रदेश में नहरों में जल संवर्धन के लिए 2 हजार करोड़ रूपये का बजट रखा गया है। इजराईल की पद्धति पर टपका सिंचाई की वृद्धी को बढ़ावा दिया जाएगा। नहरों से पानी को होद तक पहुंचाया जाएगा और होद से खेतों में पानी ड्रिप सिंचाई के माध्यम से पहुंचाया जाएगा।
इस पद्धति को अपनाने वालों किसानों को सरकार द्वारा 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दी जाएगी, इससे बूंद-बूंद पानी का सदुपयोग होगा वहीं हर खेत को उचित पानी मिल सकेगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश में ड्रीप सिंचाई सिस्टम पर 1200 करोड़ खर्च किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पदमश्री सुभाष पालेकर की प्राकृतिक तरीके से खेती करने की पद्धति की शुरूआत प्रदेश के बहुत बड़े भू-भाग में की जाएगी इससे हरियाणा देश का पहला ऐसा राज्य होगा जो इस पद्धति को अपनाएगा। उन्होंने कहा कि इस पद्धति से गुरूकुल कुरूक्षेत्र में भी खेती की जा रही है।
कृषि मंत्री से पूर्व पशुपालन विभाग के महानिदेशक ओपी छिक्कारा ने राज्यपाल, कृषि मंत्री व पशु प्रदर्शनी में आए किसानों का स्वागत किया। उन्होंने बताया कि पशु प्रदर्शनी में पशुओं की 53 श्रेणियां बनाई गई हैं। विजेता पशुपालकों को आकर्षक इनाम दिए जाएंगें। उन्होंने बताया कि विश्व में हरियाणा सर्वाधिक दूध उत्पादन में दूसरे स्थान पर है। हरियाणा पहला प्रदेश में जहां मुंहखुर व गलघोटू बीमारी का संयुक्त टीका ईजात किया गया है। इस बीमारी से गतवर्ष किसी भी पशु की मृत्यु नहीं हुई। यह अपने आप में बहुत बड़ी उपलब्धि है।
पशु प्रदर्शनी के संदर्भ में उन्होंने कहा कि इसका आयोजन हर वर्ष किया जा रहा है और इस प्रदर्शनी में पशुपालकों के लिए 36 लाख रुपये के ईनाम रखे गए है। श्रेष्ठï सांड अथवा भैंसे के लिए 2 लाख 50 हजार रुपये का ईनाम है। रनर अप के लिए 1 लाख रुपये तथा जिला स्तर पर 31 हजार रुपये, 21 हजार रुपये व 11 हजार रुपये के पुरस्कार दिए जाएंगे। पशुपालन विभाग हरियाणा के विशेष सचिव हरदीप सिंह ने राज्यपाल, कृषि मंत्री, अन्य अतिथि व पशुपालकों का धन्यवाद किया। कार्यक्रम में लाला लाजपत राय, पशु चिकित्सा एवं पशु विश्वविद्यालय हिसार के वाईस चांसलर डॉ. गुरदयाल सिंह, करनाल के मेयर रेनू बाला गुप्ता, भाजपा नेता शमशेर नैन भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
(साभार-haryanaexpress.in)
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Good job I agree
Mai dairy se judna chahta hu ply help me