छोटी डेयरी कंपनियों में निवेश होगा फायदेमंद, शेयरों से मिल सकता है बड़ा रिटर्न

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 22 दिसंबर 2017,

फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स सेगमेंट के तहत आने वाले डेयरी सेक्टर की कंपनियां हाल के समय में ग्रोथ की राह पर रही हैं। इसका प्रमुख कारण अच्छा मॉनसूनी सीजन है। चारे की मात्रा और गुणवत्ता बढ़ने के साथ दूध उत्पादन भी बढ़ा है। इससे दूध के दाम घटे हैं। रिलायंस सिक्योरिटीज के सीनियर एनालिस्ट समीर देशमुख ने कहा, ‘डेयरी रॉ मिल्क के दाम में गिरावट के मुताबिक पैकेज्ड मिल्क के दाम घटा रही हैं, लेकिन उन्होंने वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स के दाम जस के तस रखे हैं। इससे उन्हें मार्जिन बेहतर करने में मदद मिली है।’

अच्छे रह सकते हैं डेयरी कंपनियों के नतीजे

अधिकतर डेयरी कंपनियों ने वित्त वर्ष 2017-18 की दूसरी तिमाही के लिए अच्छे नतीजों का ऐलान किया है। आने वाली तिमाहियों में उनके आंकड़े इससे भी अच्छे रह सकते हैं। गरीबी उन्मूलन में फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री के महत्व को समझमते हुए सरकार ने इस सेक्टर को इंसेंटिव देना शुरू किया है। इससे इस सेक्टर की हालत बेहतर होगी और ऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स इसकी ग्रोथ की अगुवाई करेंगे। अनऑर्गनाइज्ड से ऑर्गनाइज्ड सेगमेंट की ओर शिफ्टिंग नोटबंदी और जीएसटी के असर के चलते तेज हुई है। 75 पर्सेंट से ज्यादा मार्केट शेयर अनऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स के पास होने को देखते हुए ऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स के लिए अवसर बहुत बड़ा है। इडलवाइज की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया था, ‘ऑर्गनाइज्ड इंडियन डेयरी मार्केट सालाना 20 पर्सेंट की दर से बढ़ेगा और साल 2020 तक इसका आकार दोगुना होकर 2.5 लाख करोड़ रुपये का हो जाएगा।’

देश में बढ़ रही है दूध की खपत

शाकाहारी लोगों के बीच दूध का उपभोग बढ़ रहा है, जो प्रोटीन के लिए इस पर निर्भर रहते हैं। शहरीकरण और अफोर्डेबिलिटी में बढ़ोतरी से भी डेयरी बिजनेस को मदद मिल रही है। आईआईएफएल के रिसर्च हेड अमर अंबानी ने कहा, ‘पैकेज्ड मिल्क और मिल्क प्रॉडक्ट्स के मामले में भारतीय लोग क्वॉलिटी चेन में ऊपर जा रहे हैं। इससे वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स पेश करने वाली डेयरी प्लेयर्स के लिए अच्छा अवसर बन रहा है।’

इन कंपनियों पर रखें नजर

अमूल जैसी बड़ी ऑर्गनाइज्ड प्लेयर्स को-ऑपरेटिव सेक्टर की हैं और वे लिस्टेड नहीं हैं। एनालिस्ट्स नेस्ले जैसी कंपनियों पर भी बुलिश नहीं हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि नेस्ले विशुद्ध रूप से डेयरी कंपनी नहीं है। रिलायंस सिक्योरिटीज के देशमुख ने कहा, ‘किसानों से दूध खरीदकर बाजार में वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स बेचने वाली दमदार रीजनल कंपनियों को अगले 3-5 वर्षों में हो सकने वाली स्ट्रक्चरल ग्रोथ का बड़ा फायदा होगा।’

मिल्क इंडस्ट्री में ग्रोथ की प्रबल संभावनाएं

हालांकि इसका यह अर्थ नहीं है कि रीजनल प्लेयर्स को किसी चुनौती का सामना नहीं करना पड़ेगा। इंडस्ट्री की ग्रोथ की संभावना मजबूत है, लिहाजा इन छोटी कंपनियों को बढ़ी हुई प्रतिस्पर्द्धा के लिए तैयार रहना चाहिए। उन्हें डेयरी बिजनेस में एंट्री करने वाले बड़े देसी कॉरपोरेट हाउसेज या डैनॉन सरीखी विदेशी डेयरी कंपनियों से कड़ी चुनौती मिल सकती है। एक्सपर्ट्स हालांकि मान रहे हैं कि यह बाजार इतना बड़ा है कि इसमें सबके लिए फायदे की गुंजाइश है। अंबानी ने कह, ‘दशकों से अच्छा प्रदर्शन कर रहीं रीजनल कंपनियां अभी बेहतर स्थिति में हैं। भविष्य में होड़ बढ़ेगी, लेकिन उनके लिए यह बड़ी परेशानी नहीं होनी चाहिए क्योंकि इस इंडस्ट्री की ग्रोथ रेट ज्यादा है।’

पराग मिल्क फूड

मिड-कैप डेयरी कंपनियों में पराग मिल्क फूड सबसे दमदार कंपनी है। ऐसी कंपनियों के बीच वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स का सबसे बड़ा मार्केट शेयर उसके पास है। जिस तरह अमूल ने मिल्क सेगमेंट में अच्छा प्रदर्शन किया है, उसी तरह पराग चीज सेगमेंट में प्रदर्शन कर रही है। इसके गोवर्द्धन और गो ब्रांड्स पश्चिमी भारत में काफी लोकप्रिय हैं।

हेरिटेज

जिन कंपनियों ने किसानों से दूध खरीदने का प्रोसेस जमा लिया है, उन्हें दूसरों पर बढ़त हासिल है। इडलवाइज की एक हालिया रिपोर्ट में कहा गया, ‘हेरिटेज को किसानों से सीधी खरीदारी (95%) के मामले में बढ़त हासिल है। यह रिटर्न ऑन कैपिटल एंप्लॉयड के मामले में भी आगे है।’

क्वॉलिटी

ब्रांड क्वॉलिटी काफी दमदार है, लेकिन दूध खरीदारी के मामले में यह कंपनी कमजोर है। क्वॉलिटी केवल करीब 25 पर्सेंट दूध ही सीधे किसानों से खरीदती है और बाकी का इंतजाम वह कॉन्ट्रैक्टर्स के जरिए करती है। हालांकि कंपनी डायरेक्ट सोर्सिंग बढ़ाने का प्रयास कर रही है, जिससे उसे कम लागत में बेहतर क्वॉलिटी का दूध हासिल करने में मदद मिलेगी। कंपनी अपना बीटुसी वर्टिकल भी बढ़ाने पर विचार कर रही है, जो अभी इसके बिजनेस में 40 पर्सेंट योगदान करता है।

प्रभात डेयरी

प्रभात डेयरी का दूध खरीदारी का नेटवर्क दमदार है और यह कंपनी हाई वैल्यू ऐडेड प्रॉडक्ट्स के सेगमेंट में भी है, लेकिन इसके अधिकतर प्रॉडक्ट्स या तो सीधे फूड चेंस को बेचे जाते हैं या मल्टीनेशनल कंपनियों के लिए बनाए जाते हैं। हालांकि कंपनी का मैनेजमेंट बीटुसी कारोबार का लेवल मौजूदा करीब 30 पर्सेंट से बढ़ाकर 50 पर्सेंट करने के कदम उठा रहा है। हाल के समय में इस शेयर का दाम काफी चढ़ा है, लिहाजा निवेशकों को बेहतर प्राइस लेवल का इंतजार करना चाहिए।

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