डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 19 मई 2020,
राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के चेयरमैन दिलीप रथ ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत डेयरी किसानों की कठिनाई को कम करने के लिए डेयरी क्षेत्र को प्रदान किए गए आर्थिक पैकेज का स्वागत किया है। डेयरी क्षेत्र पर कोविड-19 के आर्थिक प्रभाव और लॉकडाउन पर प्रतिबंध लगाने के लिए मोदी सरकार ने डेयरी गतिविधियों (एसडीसी और एफपीओ) में शामिल डेयरी सहकारी समितियों और किसान उत्पादक संगठनों के लिए एक नई योजना डेयरी क्षेत्र के लिए कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज उपशमन की शुरुआत की है।
यह योजना शीघ्र और समय पर पुनर्भुगतान और ब्याज सर्विसिंग के मामले में 2% प्रति वर्ष अतिरिक्त ब्याज प्रोत्साहन के साथ 2% प्रति वर्ष की ब्याज उप-व्यवस्था प्रदान करती है। इससे अधिशेष दूध से निपटने के लिए कार्यशील पूंजी संकट को कम करने और किसानों को समय पर भुगतान को सक्षम करने में मदद मिलेगी। यह योजना राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के माध्यम से कार्यान्वित की जाएगी और 5000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त तरलता को अनलॉक करेगी।
श्री दिलीप रथ के मुताबिक उच्च दुग्ध उत्पादन क्षमता वाले देश के कई क्षेत्रों को 15,000 करोड़ रुपये के पशुपालन अवसंरचना विकास कोष के माध्यम से लाभ होगा। यह फंड पहली बार डेयरी प्रसंस्करण, मूल्य संवर्धन और पशु चारा बुनियादी ढांचे में निजी निवेश को बढ़ावा देगा। आला उत्पादों के लिए निर्यात उन्मुख इकाइयों के लिए संयंत्रों की स्थापना भी एक स्वागत योग्य कदम है।
13,343 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ राष्ट्रव्यापी टीकाकरण कार्यक्रम के माध्यम से एफएमडी और ब्रुसेलोसिस को नियंत्रित करने और उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय पशु रोग नियंत्रण कार्यक्रम एक अत्यंत स्वागत योग्य पहल है। यह इन दो बीमारियों को नियंत्रित करने में मदद करेगा, पशुओं की उत्पादकता, उत्पादन और पशु मूल उत्पादों की गुणवत्ता को बढ़ाएगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में धन का सृजन होगा, किसानों को बेहतर लाभ मिलेगा और निर्यात के अवसर मिलेंगे।
एनडीडीबी अध्यक्ष श्री रथ ने यह भी कहा कि एग्री इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत कोल्ड चेन इन्फ्रास्ट्रक्चर की स्थापना से डेयरी सेक्टर को फायदा होगा, इससे दूध की गुणवत्ता में सुधार होगा। किसान क्रेडिट कार्ड के तहत पशुपालन को शामिल करने से प्रवासी मजदूरों को भी मदद मिलेगी जो अपनी आजीविका को बनाए रखने के लिए दुधारू पशुओं की खरीद के लिए गांवों में वापस रहेंगे।
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Sir bundelkhand k Hamirpur s hu m dairy kholna chahta hu prosis kya hogi sir
25 जानवर की एक ईकाई लगाना चहते है।
सर हमारा आप से अनुरोध है कि अगर कोई स्पष्ट योजना बनी हो तो कृपया बताएं जैसे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने “कामधेनु योजना ” चलाया था जो पूर्ण रूप से स्पष्ट थी ।बैक और विभागीय अधिकारियों के सहयोग न मिल पाने के कारण हम लोगो को लाभ नही मिल पा रहा है।
हम आशा रखते है कि कृषि स्नातक छात्र अगर इस बिजनेस मे आना चहता है तो क्या योजना है और सरकार किस तरह से मदद कर सकती है।
Hum sabko ullu samja he sarkar ne
ਜੋ ਕਿਸ਼ਾਨ ਪਾਚ ਪਸੂ ਸੇ ਡੇਅਰੀ ਚਲਾਤੇ ਹੈ ੳਨ ਕੌ ਵੀ ਸਹੂਲਤ ਚਾਹੀਏ।
Provide high quality feed & fodder to farmers 4 increase production and GDP…
सिर्फ सहकारी समिति को ही क्यों ।प्राइवेट डैरी को दूध देने वाले किसान क्या इस देश के दूध उत्पादक नहीं है ।