नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
रांची/नई दिल्ली, 19 अप्रैल 2023,
जैस-जैसे लोग जागरूक हो रहे हैं, शुद्ध दूध एवं दूसरे Dairy Product की मांग में बढ़ोतरी होती जा रही है। इस मांग को पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में लोग डेयरी बिजनेस में उतर रहे हैं और अपनी मेहनत व लगन के दम पर सफलता की कहानी लिख रहे हैं। आज हम डेयरी टुडे में आपका बताने जा रहे हैं झारखंड के रांची शहर के दो युवाओं की सक्सेस स्टोरी। राजधानी रांची के लालपुर निवासी मनीष पीयूष और नामकुम निवासी आदित्य कुमार ने मल्टीनेशनल कंपनी की लाखों रुपये के पैकेज वाली नौकरी छोड़ कर जनवरी 2019 में यह डेयरी स्टार्टअप ‘प्योरेश डेली’ शुरू किया था। आज इनकी कंपनी रांची के हजारों घरों में रोजाना ऑर्गेनिक दूध और केमिकल रहित डेयरी प्रोडक्ट की आपूर्त कर रही है।
मनीष के अनुसार उन्होंने इस कंपनी को 10 लाख रुपये की जमापूंजी से बिजनेस टू कंज्यूमर (बी-टू-सी) मॉडल पर शुरू किया था। उस समय उन्हें डेयरी बिजनेस की ज्यादा जानकारी नहीं थी, लेकिन अपने सप्लाई चेन से उन्होंने लोगों का भरोसा हासिल किया। उनकी कंपनी गूगल इंडिया की सूची में जगह बनाने में सफल रही है और फिलहाल एक ऐसी प्रॉफिटेबल स्टार्टअप कंपनी बन चुकी है, जिसकी वैल्युएशन करोड़ों रुपये में है। उन्होंने बताया कि कंपनी का सालाना टर्नओवर पांच करोड़ रुपये का है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मनीष ने बताया कि कंपनी शुरू करने से पहले उन्होंने शुद्ध दूध एवं इसके उत्पादों की डिमांड और डिलिवरी के बारे में पूरी जानकारी हासिल करने के मकसद से 200 महिलाओं के बीच सर्वे किया। कंपनी को तकनीक से जोड़ा, हैवी मशीनरी और सॉफ्टवेयर तैयार किये, जिसकी मदद से लोग बी-टू-सी मॉडल से जुड़ने लगे। फिलहाल उनकी प्योरेश डेली कंपनी में 85 लोगों की टीम काम कर रही है।
प्योरेश डेली बिजनेस-टू-बिजनेस (बी-टू-बी) मॉडल के तहत रिटेल शॉप्स पर भी अपने उत्पाद पहुंचा रही है। साथ ही ‘होराइजन मॉडल’ यानी बड़े होटल और रेस्टोरेंट चेन में शुद्ध दूध व अन्य उत्पाद की सप्लाई कर रही है। खास पैकेजिंग के साथ कंपनी के उत्पादों को बेंगलुरु व मुंबई समेत अन्य राज्यों में समय पर उपलब्ध कराया जा रहा है। वहीं, कोलकाता के एक्सपोर्टर से जरिये प्योरेश डेली के प्रोडक्ट को गल्फ कंट्री तक सप्लाई किया जा रहा है।
मनीष और आदित्य दोनों ही बीआइटी मेसरा के मैकेनिकल इंजीनियरिंग 2006 बैच के पासआउट हैं। मनीष ने आईआईएम इंदौर से 2012 में मैनेजमेंट की शिक्षा हासिल की। इसके बाद टाटा मोटर्स से जुड़े और विदेश चले गए। वर्ष 2017 तक कई देशों में काम करने के बाद वे मोमेंटम झारखंड के दौरान रांची लौटे। लोगों को सीधे रोजगार से जोड़ सकें, इसलिए स्टार्टअप शुरू किया। वे अपने डेयरी फार्म पर कॉलेज के युवाओं को भी पार्ट टाइम जॉब के माध्यम से जोड़ रहे हैं। उनकी कंपनी अपनी बेजनेस बढ़ाने के लिए अब फ्रेंचाइजी भी उपलब्ध करा रही है।
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