डेयरी टुडे डेस्क,
मुंबई, 19 अगस्त 2017,
अप्रैल-जून की पहली तिमाही में डेयरी कंपनियों का प्रॉफिट कम हुआ है। इसकी मुख्य वजह हैं दूध खरीदने की कीमत में बढ़ोतरी और मई के महीने में महाराष्ट्र समेत दूसरे राज्यों में किसानों की हड़ताल के कारण दूध की सप्लाई कम होना।
चंद्रबाबू नायडू की हेरिटेज फूड ने इस वित्ती वर्ष की पहली तिमाही में 616.44 करोड़ रुपये का बिजनेस किया है जो पिछले वर्ष की पहली तिमारी की तुलना में थोड़ा ज्यादा जरूर है, लेकिन इसी दौरान पिछले वित्तीय वर्ष की तुलना में उसका प्रॉफिट 17.11 करोड़ की तुलना में 10.37 करोड़ रह गया है। कुछ इसी तरह क्वालिटी लिमिटेड का प्रॉफिट भी पिछले साल के पहली तिमाही में 42.27 करोड़ की तुलना में इस वर्ष 27.88 करो़ड़ रह गया है। जबकि उमंग डेयरीज को इसी दौरान 2.90 करोड़ का घाटा उठाना पड़ा है जबकि पिछले वर्ष पहली तिमाही में उसे 1.48 करोड़ का मुनाफा हुआ था।
हालांकि पराग मिल्क फूड और हटसन एग्रो प्रोडक्ट कंपनियां पहली तिमाही में दूध की आपूर्ति बाधित रहने और किसानों के आदोलन के बाद भी अपने प्रॉफिट मार्जिन को बरकार रखने में कामयाब रही हैं। डेयरी कंपनियों के प्रॉफिट में कमी आने की एक वजह जीएसटी भी है। क्योंकि जीएसटी लागू होने के बाद असंगठित क्षेत्र के दूध विक्रेताओं ने तो 2-4 रुपये प्रतिकिलो रेट बढ़ा दिए हैं लेकिन संगठित क्षेत्र की डेयरी कंपनियां अपने प्रॉफिट को कम कर पुराने रेट ही बनाए रखने को मजबूर हैं, क्योंकि उन्हें दूसरी कंपनियों के साथ प्रतिस्पर्धा में टिके रहना है।
डेयरी क्षेत्र के सूत्रों के मुताबिक दुग्ध संग्रह केंद्रों और मिल्क प्लांट के बीच दूरी के हिसाब से अप्रैल से जून के बीच दूध खरीद की लागत में करीब 6 से 10 फीसदी की बढ़ोतरी हो गई है। पिछले दिनों किसानों ने देशव्यापी हड़ताल के दौरान भारी मात्रा में दूूध सड़कों पर बहा दिया और दूध ले जा रहे टैंकरों को निशाना बनाया था। आंदोलन कर रहे ये किसान दूध खरीद के रेट बढ़ाने की मांग कर रहे थे। इन किसानों की मांग थी कि दूध के रेट बढ़ाने संबंधी एम एस स्वामिनाथन की रिपोर्ट को तत्काल लागू किया जाए।
गोवर्धन ब्रांड से दुग्ध उत्पाद बनाने वाली महाराष्ट्र की कंपनी पराग मिल्क फूड्स लिमिटेड के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट शिरीश उपाध्याय के मुताबिक पिछले साल दिसंबर के बाद से ही दूध की खरीद की कीमत बढ़ रही थी जहां गाय के दूध के रेट 28 से 29 रुपये प्रति लीटर के बीच रहे वहीं उत्तर भारत में भैंस के दूध की कीमत 38 रुपये प्रति लीटर के आसपास रही। इस दौरान किसानों की हड़ताल की वजह से दूध की सप्लाई प्रभावित हुई है लेकिन उम्मीद है कि अक्टूबर में पीक सीजन के दौरान दूध की आपूर्ति बढ़ेगी और इसके दामों में 1 से 2 रुपये प्रति लीटर की कमी आएगी।
कुछ इसी तरह की उम्मीद क्वालिटी डेयरी, अमूल डेयरी और दूसरी कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों ने जताई है। यानी इन दिनों डेयरी इंडस्ट्री थोड़े मुश्किल दौर से गुजर रही है, हालांकि आने वाले वक्त में ये मुश्किलें कम हो सकती हैं और एक बार फिर डेयरी उद्योगी मुनाफे के रास्ते पर जा सकता है।
साभार-Business Standard
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