डेयरी टुडे नेटवर्क,
अलीगढ़, 6 मार्च 2018,
डेयरी क्षेत्र से जुड़े विशेषज्ञों, कंपनियों और पेशेवरों के सबसे बड़े संगठन इंडियन डेयरी एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा.जीएस राजौरिया ने कहा है कि डेयरी उद्योग से किसानों की आय को दोगुना किया जा सकता है, जरूरत है तो बस वैज्ञानिक सोच और युवा पीढ़ी के जुड़ने की। उन्होंने कहा कि अगर वैज्ञानिक तरीके से पशुपालन किया जाए तो दोगुना दुग्ध उत्पादन किया जा सकता है।
डॉ. राजौरिया अलीगढ़ में प्रख्यात वैज्ञानिक लक्ष्मण प्रसाद के आवास पर आयोजित सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे। आपको बता दें कि डा.राजौरिया देश-विदेश में दुग्ध उत्पादन और उसकी गुणवत्ता के मामले में किए गए शोधों को लेकर काफी प्रख्यात हैं और उन्होंने डेयरी उत्पादों को सरल तरीके से बनाने की कई तकनीकों को खोजा है।
डॉ. राजौरिया ने कहा कि दुर्भाग्य का विषय है कि देश की युवा पीढ़ी कोल्डड्रिंक्स और जंक फूड के चक्कर में लगातार फंसती जा रही है। इससे युवाओं में विटामिन बी-12 की कमी होती जा रही है। इसके कारण युवाओं में गुस्सा, चिड़चिड़ापन और निराशा की भावना घर करती जा रही है।
उन्होंने बताया कि मुंबई में तीन आईटीयंस छात्रों ने लाखों की नौकरी छोड़कर ऐसी गायों की गौशाला बनाई है, जो दूध देना बंद कर चुकी हैं। वे गोबर और मूत्र से दर्जन भर से अधिक उत्पाद बना रहे हैं और उनका टर्नओवर भी करोड़ों में है।
डॉ. राजौरिया ने कहा कि देश में गायों की चालीस नस्लें हैं, जिनमें सुधार की जरूरत है। यदि पशुओं की वैज्ञानिक ढंग से देखभाल की जाये तो दूध का उत्पादन दुगना हो सकता है। उन्होंने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ द्वारा प्रत्येक जनपद में गौशाला खोलने की योजना का स्वागत करते हुए बताया कि गौशाला को चैरिटी के साथ-साथ व्यवसायिक रूप भी दिया जाए तो इससे लाखों लोगों को रोजगार मिल सकता है। इस मौके पर पूर्व वैज्ञानिक लक्ष्मण प्रसाद ने डा. राजौरिया का शॉल उढ़ाकर सम्मान किया। इस मौके पर डेयरी उद्योग से जुड़े उपनीत राजौरिया, नानक चंद आदि मौजूद रहे।
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