डेयरी टुडे नेटवर्क,
रांची, 30 मार्च 2020,
कोराना बंदी ने पूरे देश में डेयरी कारोबार से जुड़ी कंपनियों और लोगों को लिए मुश्किल खड़ी कर दी है। झारखंड की मेधा डेयरी का इस लॉकडाउन में बुरा हाल हो गया है। मेधा डेयरी ने तीन दिनों तक किसानों से दूध नहीं उठाने का फैसला किया है और सोमवार से आधे दूध का ही उठाव होगा। मेधा डेयरी में पहले जहां रोज 1.20 लाख से लेकर 1.30 लाख लीटर दूध का उठाव होता था, वहीं अब मात्र 60 हजार लीटर ही उठाव होगा। जो किसान पहले 10 लीटर दूध दे रहे थे, उनसे मात्र 5 लीटर दूध लिया जाएगा। बताया जा रहा है कि डेयरी प्लांट में अभी भी करीब 8 लाख लीटर मेधा दूध के पैकेट पड़े हैं। लॉकडाउन की स्थिति में बिक्री में कमी को देखते हुए डिस्ट्रीब्यूटरों ने दूध लेने से इनकार कर दिया, परिणाम स्वरूप पिछले तीन दिनों से डेयरी प्रबंधन ने दूध का उठाव बंद कर दिया था।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार फिलहाल, बाजार में 30 हजार लीटर दूध की स्थाई खपत को देखते हुए सोमवार से फिर दूध के उठाव का निर्णय लिया गया है। डेयरी प्रबंधन ने भी यह तय किया है कि वह केवल रजिस्टर्ड दुग्ध उत्पादक किसानों का ही दूध लेगा। गौरतलब है कि लॉकडाउन की स्थिति में बंद हुए होटलों ने दूध की आपूर्ति लेने से मना कर दिया है, ऐसे में वे किसान भी डेयरी को दूध देने लग गए थे। इस स्थिति में डेयरी के पास रोज करीब 40 से 50 हजार लीटर दूध अधिक आने लगा था। डेयरी ने तय किया है कि जो किसान पहले से दूध देते थे, उनसे ही दूध लिया जाएगा।
मेधा डेयरी के पास पाउडर बनाने का संयत्र नहीं है। सामान्य स्थिति में दूध का उठाव अधिक होने की स्थिति में डेयरी प्रबंधन बचे दूध को पाउडर बनाने वाली प्राइवेट कंपनियों को दे देता था। परंतु आजकल पाउडर बनाने वाली कंपनियों ने भी हाथ खड़े कर दिए हैं।
21 मार्च – 1.15 लाख ली.
22 मार्च – 16 हजार ली.
23 मार्च – 93 हजार ली.
24 मार्च – 67 हजार ली.
25 मार्च – 63 हजार ली.
26 मार्च – 33 हजार ली.
27 मार्च – 30 हजार ली.
28 मार्च – 31 हजार ली.
29 मार्च – 30 हजार ली.
झारखंड मिल्क फेडरेशन के एमडी सुधीर कुमार ने कहा कहा है कि वे किसानों के सहयोग में खड़े हैं। विपरीत परिस्थितियों में होने के बावजूद फेडरेशन की ओर से 30 मार्च से विभिन्न गांवों से दूध का उठाव होगा। हालांकि इसमें थोड़ा प्रतिबंध रहेगा। पहले जहां सुबह-शाम दूध का उठाव होता था, वहीं अभी यह एक ही बार होगा। एमडी ने कहा कि कुछ लोगों में इस बात का भ्रम है कि दूध के पैकेट लेने पर वे कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकते हैं। सुधीर कुमार ने इसे गलत बताते हुए कहा कि लोगों को इससे डरने की आवश्यकता नहीं है। वे दूध लें। उनके दूध लेने से झारखंड के दुग्ध उत्पादक किसानों का भला होगा।
(साभार- दैनिक भास्कर)
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Dairy plant has no options
than to restrict or close milk collection