महाराष्ट्र में पूर्ण ऋणमाफी के लिए 25,000 किसानों ने निकाला पैदल मार्च

डेयरी टुडे नेटवर्क
नासिक, 7 मार्च 2018,

पूर्ण ऋण माफी की मांग सहित अनेक मांगों को लेकर महाराष्ट्र के तकरीबन 25,000 किसानों ने नासिक से मुंबई तक की अपनी लंबी यात्रा बुधवार को भी जारी रखी। उत्तरी महाराष्ट्र के नासिक से करीब 25,000 किसान ऑल इंडिया किसान सभा (एआईकेएस) के आह्वान पर पूर्ण ऋण माफी और अन्य समस्याएं हल करने की मांग के साथ मुंबई तक के एक लंबे मार्च पर निकले हैं।

बड़ी संख्या में किसानों ने 180 किलोमीटर लंबी यात्रा की शुरुआत मंगलवार को नासिक के सीबीएस चौक से की। रात में उन्होंने विश्राम किया और बुधवार को मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर अपनी यात्रा दोबारा शुरू की। यात्रा का आयोजन करने वाले अखिल भारतीय किसान सभा के सुनील मालुसारे ने कहा कि12 मार्च को मुंबई पहुंचने के बाद महाराष्ट्र विधानसभा का घेराव करने की उनकी योजना है।

किसान ऋण माफी के साथ ही बिजली के बिल माफ करने की भी मांग कर रहे हैं। साथ ही, स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें भी लागू करने की उनकी मांग है। एआईकेएस के सचिव राजू देसले ने मंगलवार को किसान यात्रा की शुरुआत के वक्त अपने संबोधन में कहा था, ‘हम ये भी चाहते हैं कि राज्य सरकार विकास परियोजनाओं के नाम पर सुपर हाइवे तथा बुलेट ट्रेन के लिए कृषियोग्य भूमि का जबरदस्ती अधिग्रहण नहीं करे।’

देसले ने दावा किया कि भाजपा नीत राज्य सरकार द्वारा 34,000 करोड़ रुपये की सशर्त कृषि ऋण माफी की पिछले साल जून में घोषणा के बाद से अब तक 1,753 किसान आत्महत्या कर चुके हैं। एआईकेएस के राष्ट्रीय अध्यक्ष अशोक धावले ने कहा कि भाजपा सरकार ने किसानों से किए गए वादों को पूरा न करके उनके साथ धोखा किया है। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार पर ‘किसान-विरोधी’ नीति अपनाने का आरोप लगाया. उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकार पर किसान विरोधी नीतियां अपनाने का आरोप लगाया।

स्थानीय विधायक जेपी गवित और अन्य नेता इस मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं. किसानों की यह यात्रा 12 मार्च को समाप्त होगी। ठाणे और पालघर के किसान भी मुंबई जा रहे हैं और ऐसी उम्मीद है कि वह भी इस मार्च में शामिल होंगे। इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अशोक धावले ने कहा, ‘हम नासिक, पालघर और ठाणे में प्रस्तावित नदी जोड़ो योजना में पूरी तरह बदलाव चाहते हैं. ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आदिवासी गांव डूबे नहीं और इन जिलों और दूसरे सूखाग्रस्त क्षेत्रों में पानी उपलब्ध हो सके।’

1144total visits.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय खबरें