इस योजना में किसानों को मिल रही है 24 लाख रुपये की सब्सिडी, पढ़ें पूरी खबर और हो जाएं मालामाल!

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली/लखनऊ, 5 जुलाई 2019,

कृषि मंत्रालय के मुताबिक अगर कोई किसान एग्रीकल्चर मशीनरी बैंक बनाता है तो उसमें 40 प्रतिशत रकम सरकार लगाती है। मशीनरी बैंक के लिए किसान अधिकतम 60 लाख रुपये तक का प्रोजेक्ट पास करवा सकता है और अपने इलाके किसानों की जरूरत के मुताबिक मॉर्डन मशीनों को खरीद सकता है। आपके इस प्रोजेक्ट में 40 प्रतिशत रकम यानी 24 लाख रुपये गवर्नमेंट लगाएगी। यदि कोई किसान अकेले कृषि यंत्र बैंक नहीं बना सकता है तो 6 से 8 किसानों का कॉपरेटिव ग्रुप बनाकर भी मशीन बैंक स्थापित कर सकता है। ग्रुप में अधिकतम 10 लाख रुपये का प्रोजेक्ट पास होगा। यानी आपको 8 लाख रुपये तक की सब्सिडी मिल सकती है। आपको बता दें कि सरकार की इस स्कीम से देशभर में अब तक करीब 20 हजार कृषि यंत्र बैंक बन चुके हैं।

देखिए कैसे किसानों की जिंदगी में आएगा बदलाव

जाहिर है कि देश में 90 फीसदी से अधिक छोटे किसान हैं, जिनके पास जमीन तो कम है ही, उनकी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं है कि महंगे आधुनिक कृषि यंत्र खरीद सकें। इसलिए इसे ठीक तरह से लागू किया जाए तो किसानों की जिंदगी में बदलाव आएगा। केंद्र सरकार एग्रीकल्चर मशीनरी बैंकों के लिए राज्यों को फंड दे रही है। यही आपको ऐसी बैंक बनानी है तो अपने राज्य के एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट के इंजीनियरिंग डिवीजन में संपर्क करना होगा।

जानिए सरकार की किन शर्तों के मुताबिक करना होगा काम

सरकार ने एग्रीकल्चर मशीनरी बैंक से मशीने किराए पर देने की कुछ शर्तें भी लगा रही है। जैसे अगर उत्तर प्रदेश की बात करें तो, यहां बैंक स्थापित करने के लिए जमीन का इंतजाम खुद करना पड़ता है। मशीन बैंक के मालिक के पास सड़क के किनारे शेड बनाने की जमीन होनी चाहिए साथ ही उसे ऑफिस भी बनाना पड़ेगा। इस स्कीम के तहत खरीदी गई मशीनरी को पांच साल तक बेचा नहीं जा सकता। मशीनरी बैंक के दफ्तर में अटेंडेंस रजिस्टर, मशीनरी रजिस्टर, हर मशीन के किराये की दर, मशीन मूवमेंट रजिस्टर, किराये की रसीद, सीए द्वारा सर्टिफाइड बैलेंस शीट रखनी होगी।

मशीनों के किराया भी सरकार करेगी निर्धारित

सरकार ने अलग-अलग मशीनों के लिए किराया निर्धारित किया है और उसी दर पर मशीन किराए पर देनी होगी। इसके तहत जो ट्रैक्टर लिया जाएगा उसका इस्तेमाल कृषि के मौसम में केवल कृषि कार्य के लिए किया जाएगा। बारिश के समय जब कृषि का काम नहीं होता है तभी ट्रैक्टर का इस्तेमाल दूसरे काम में किया जाएगा। कृषि विभाग के अधिकारी समय-समय पर मशीन बैंक का निरीक्षण कर सकते हैं। एक-एक मशीन का रिकॉर्ड सरकार रखेगी।

कुछ दस्तावेज जमा कर मिल जाएगा लोग, जानिए कैसे

हर राज्य में कृषि विभाग में आग कृषि मशीनरी बैंक के लिए आवेदन कर सकते हैं। मसलन यदि आप उत्तर प्रदेश के किसान हैं तो यहां के कृषि विभाग में ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। इसमें निवास प्रमाण पत्र, शैक्षणिक योग्यता, हैसियत प्रमाण पत्र, बैंक में कर्ज न होने का प्रमाण पत्र और खेती के कागजात लगाने होंगे। सारे दस्तावेज जांचने के बाद विभाग आवेदन स्वीकार करेगा। आवेदन के साथ 100 रुपये के स्टांप पेपर पर नोटरी से सत्यापित करवाकर एक सहमति पत्र भी देना होगा। उप कृषि निदेशक पूरा प्रोजेक्ट बैंक को देंगे। बैंक की स्वीकृति के बाद ही प्रोजेक्ट पास होगा। इसी तरह अलग-अलग प्रदेशों में वहां के कृषि विभाग ने यंत्र बैंक बनाने के लिए स्कीम बनाई हुई है। अपने राज्य और जिले के कृषि उप निदेशक से सीधे संपर्क करके आप इसका फायदा उठा सकते हैं।

स्कीम के तहत 30 फीसदी महिलाओं को मिलेगा लोन

सरकार की इस स्कीम के कुल लाभार्थियों में 30 फीसदी महिलाएं रहेंगी। 50 फीसदी लघु एवं सीमांत किसान होंगे। अनुसूचित जाति के किसानों का 16 प्रतिशत और अनुसूचित जनजाति के किसानों का आठ प्रतिशत कोटा होगा। कृषि मशीनरी बैंक में ट्रैक्टर, कंबाइन हार्वेस्टर, जीरो टिल सीड कम फर्टिलाइजर ड्रिल, पैडी राइस ट्रांसप्लांटर, लेजर लैंड लेवलर, रोटावेटर, फर्टिलाइजर ड्रिल, मल्टीक्रॉप थ्रेशर, एक्सियल फ्लो पैडी थ्रेशर जैसी आधुनिक मशीनों को रखा जा सकता है।

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