डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 29 जुलाई 2019,
पूरी दुनिया में रिमोट सर्जरी, एडवांस लेवल के रोबोटिक्स का संचालन और बगैर ड्राइवर की कार संचालित करने के लिए 5जी नेटवर्क का इस्तेमाल किए जाने की तैयारी की जा रही है, लेकिन भारत में 5जी नेटवर्क इन सब तकनीकों से अलग, गायों की निगरानी करने के लिए इस्तेमाल होगा। देश की पहली 5जी केस लैब में से एक लैबोरेटरी गायों और डेयरी विकास की निगरानी करने के लिए तैयार की जाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसके तहत गायों पर सेंसर लगाए जाएंगे, जो उनकी सेहत, उनके खान-पान और प्रजनन पर नजर रखेंगे। इससे गायों का एक इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) इकोसिस्टम तैयार हो जाएगा। इसके जरिए गायों के बारे में डाटा कलेक्ट किया जा सकेगा और अनुमान लगाया जा सकेगा कि गाय कितना दूध देंगी।
उच्च स्तर के सरकारी पैनल 5G Implementation Oversight Committee ने इस बारे में फैसला लिया है। इसमें डिपार्टमेंट ऑफ टेलीकम्युनिकेशन (DoT, दूरसंचार विभाग) की भी रजामंदी है। देश में 5जी के लिए ट्रायल करना और कमर्शियल तौर पर उसे शुरू करने की जिम्मेदारी DoT को मिली है। विज्ञान व तकनीकी विभाग और राष्ट्रीय डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड के साथ मिलकर दूरसंचार विभाग 5जी के इस्तेमाल के लिए केस लैब तैयार करेगा।
5जी तकनीक में ऐसी कई खूबियां हैं, जिससे पशुपालक किसानों की आय बढ़ सकती है। 5जी स्पेक्ट्रम के जरिए बड़ी संख्या में डाटा भेजा जा सकता है। इसके जरिए डाटा भेजने में रुकावट भी नहीं आएगी। यानी किसान रियल-टाइम बेसिस पर बड़ी मात्रा में डाटा का ट्रांसफर कर सकेंगे। साथ ही सर्विलांस कैमरा से पशुओं पर नजर रख सकेंगे। इस तकनीक के जरिए दूध के उत्पादन से लेकर पेमेंट तक सब कुछ एक ही स्थान पर हो सकेगा। पशुपालक किसानों को रियल टाइम जानकारी मिलेगी, जिससे वे गायों की उत्पादकता और अपनी आय को बढ़ा सकेंगे। बड़े को-ऑपरेटिव और कंपनियां इस नेटवर्क की मदद से दूध का स्टोरेज, ट्रांसपोर्टेशन और डिस्ट्रीब्यूशन का ट्रैक रख सकेंगी।
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