डेयरी टुडे नेटवर्क
पूर्णिया, 13 मई, 2018
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने केंद्र सरकार की मदद से पूर्णिया में 64 करोड़ की लागत से बनने वाले फ्रोजेन सीमेन स्टेशन की आधारशिला रखी. यह पटना के बाद बिहार का दूसरा और देश का सबसे बड़ा अत्याधुनिक सीमेन स्टेशन होगा. मुख्यमंत्री ने उम्मीद जतायी है कि इसके बनने से सीमांचल समेत पूरा बिहार न केवल दूध उत्पादन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनेगा, बल्कि किसानों की आमदनी में भी इजाफा होगा.
इस मौके पर केंद्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी मौजूद थे. मुख्यमंत्री ने शनिवार को पूर्णिया के मरंगा स्थित बकरी प्रजनन केंद्र में आयोजित शिलान्यास समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सीमेन स्टेशन से न केवल दूध के उत्पादन में वृद्धि होगी, बल्कि किसानों को भी आमदनी का एक बड़ा जरिया मिलेगा. उन्होंने कहा कि यहां की अनुकूल जलवायु होने की वजह से डेयरी विकास की असीम संभावनाएं हैं. इस स्टेशन के खुलने से पशुपालकों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि देसी नस्ल की गायों में न केवल सुधार होगा, बल्कि दुग्ध उत्पादन में भी वृद्धि होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार की 89 फीसदी आबादी कृषि पर निर्भर है. किसानों की आय बढ़ेगी तो स्वाभाविक रूप से बिहार आगे बढ़ेगा. इसी नजरिये से बिहार में कृषि रोड मैप बनवाया गया था,जिसमें खेती के साथ पशुपालन पर विशेष रूप से फोकस किया गया. आज फिर इसी उद्देश्य से पूर्णिया में सीमेन स्टेशन शुरू किया जा रहा है. इस सीमेन स्टेशन के पीछे उनका दो बड़ा लक्ष्य और भी है. वह यह कि किसानों की आय बढ़े और हर हिंदुस्तानी की थाली में बिहारी व्यंजन हो. उन्होंने कहा कि अभी यहां सालाना 50 लाख सीमेन यूनिट तैयार किया जायेगा. अभी बिहार में 74 लाख गायों की तुलना में मात्र तीन लाख यूनिट सीमेन तैयार होता है. इस लिहाज से पूर्णिया सीमेन स्टेशन का भविष्य में विस्तार किया जायेगा. इस स्टेशन की स्थापना के लिए मुख्यमंत्री ने खास तौर से केंद्रीय कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह को साधुवाद दिया.
समारोह की अध्यक्षता पशु एवं मत्स्यपालन विभाग मंत्री पशुपति कुमार पारस कर रहे थे. इस मौके पर ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव, आपदा प्रबंधन मंत्री एवं पूर्णिया प्रभारी दिनेश चंद्र यादव, कला संस्कृति विभाग के मंत्री कृष्ण कुमार ऋषि, पूर्णिया के सांसद संतोष कुशवाहा, विधायक लेसी सिंह, विधायक बीमा भारती, विधायक विजय खेमका, नगर निगम की मेयर विभा कुमारी एवं जिला परिषद अध्यक्ष क्रांति देवी मौजूद थे.
मुख्यमंत्री ने बिहार के किसानों की आमदनी को बढ़ावा देने के लिए जैविक खेती पर जोर दिया है. उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत बिहार के चार जिलों में पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया है. इसके लिए 21 हजार किसानों का चयन किया गया है. सभी चयनित किसानों को जैविक खेती के लिए राज्य सरकार द्वारा छह-छह हजार की सहायता दी गयी है. इस प्रोजेक्ट की सफलता के साथ ही पूरे प्रदेश में यह योजना लागू कर दी जायेगी. इसमें खास यह है कि जैविक खेती से न केवल कीटनाशकों के साइड इफेक्ट से बचा जा सकता है, बल्कि पशुओं के गोबर व गौ मूत्र के जरिये भी आय बढ़ायी जा सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार में जैविक खेती का असर यह है कि उसे देखने के लिए अमेरिका के वैज्ञानिक नालंदा आये थे. वैज्ञानिक किसानों द्वारा उगाये गये फूल गोभी को देख कर हैरान रह गये.
(साभार-दैनिक भास्कर)
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