नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 25 अगस्त 2024,
मार्केट में दुग्ध उत्पाद बेचने वाली कंपनियां अब ए1 और ए2 के नाम से दूध, घी और मक्खन नहीं बेच पाएंगी। भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण (FSSAI) के अधिकारी के मुताबिक ई-कॉमर्स कंपनियों सहित सभी खाद्य कारोबारियों को पैकेजिंग पर से ए1 और ए2 दूध और दुग्ध उत्पादों के दावों को हटाने का निर्देश दिया है। FSSAI अधिकारी ने बताया कि ये दावे खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 के अनुरूप नहीं हैं।
FSSAI के अनुसार ए1 और ए2 संबंधी दावों की विस्तार से जांच की गई थी और इसमें पाया गया कि ए1 और ए2 दूध में अंतर बीटा कैसिन प्रोटीन की संरचना से जुड़ा है, जो गाय की नस्ल के आधार पर भिन्न होता है।
FSSAI ने कहा कि वर्तमान में जो नियम हैं, वह इस अंतर को मान्यता नहीं देते हैं। FSSAI ने कंपनियों को पहले से ही मुद्रित पैकेजिंग को खत्म करने के लिए छह महीने का समय दिया गया है और भविष्य में इस समय सीमा को नहीं बढ़ाया जाएगा। घरेलू दुग्ध उत्पादन इंडस्ट्री ने इस फैसले का स्वागत किया है।
ए1 और ए2 दूध क्या है?
यूरोप, अमेरिका, आस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड से आने वाली विदेशी गायों का दूध ए1 होता है। ए1 बीटा कैसिन में पेप्टाइड्स को अमीनो एसिड्स में ब्रेक नहीं किया जा सकता। इसी कारण से ये पचाने योग्य नहीं होता है, जो कई तरह के रोगों को जन्म देता है।
ए2 बीटा कैसिन भारत की देसी नस्लों की गायों से मिलने वाला दूध है। दरअसल, दूध में जो प्रोटीन होता है, वह पेप्टाइड्स में तब्दील होता है। बाद में यह अमीनो एसिड्स का स्वरूप लेता है। इस तरह का दूध पचाने में आसान रहता है।
277total visits.