डेयरी टुडे नेटवर्क
नई दिल्ली, 9 अगस्त 2017,
ग्लोबल वार्मिंग के कारण वर्ष 2020 तक दूूध उत्पादन में 1.6 मिलियन टन तक नकारात्मक असर पड़ने की आशंका है। केंद्र ने मंगलवार को लेकसभा में इस बात की जानकारी दी। कृषि एवं किसान कल्याण राज्यमंत्री सुदर्शन भगत ने लोकसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में बताया कि वैश्विक जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़े हुए तापमान का दबाव दूध देने वाले पशुओं के लिए तकलीफदेह हो सकता है। इससे दूध उत्पादन पर प्रभाव पड़ सकता है।
उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न भागों में जलवायु दबाव के कारण दुग्ध उत्पादन में 1.8 मिलियन टन की कमी आई है। वैश्विक तापमान वृद्धि से वर्ष 2020 तक दूध उत्पादन में 1.6 मिलियन टन तक और वर्ष 2050 तक 15 मिलियन टन तक से अधिक आगे और नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। भगत ने बताया कि ज्यादा दूध देने वाली संकर गायों और भैंसों पर स्वदेशी गोपशुओं की तुलना में अधिक प्रभाव पड़ेगा।
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Deshi nasal ko badana chahiye Jo Global warming ka asar jhel sakti he