डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 12 अक्टूबर 2017,
दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार देसी गायों से दुग्ध उत्पादन करने वालों को नंद बाबा पुरस्कार देगी। दुग्ध विकास विभाग की ओर से बुधवार को गन्ना संस्थान में गोकुल पुरस्कार वितरण समारोह में दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने यह घोषणा की। उन्होंने कहा कि भले हमारा प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देशभर में पहले नंबर पर है, लेकिन प्रदेश की क्षमता के हिसाब से उत्पादन और बढ़ाने की जरूरत है। इसलिए सरकार अब जिलास्तर पर देसी गाय से सबसे ज्यादा दूध का उत्पादन करने वाले को 51 हजार रुपये और प्रदेशस्तर पर 1 लाख रुपये का पुरस्कार देगी।
मंत्री ने गोकुल पुरस्कार की धनराशि अगले साल से बढ़ाने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा कि अगले साल से विजेता को 2 लाख और उपविजेता को 1.5 लाख रुपये दिए जाएंगे। अभी तक विजेता को 1.5 लाख और उपविजेता को 1 लाख रुपये दिए जाते थे।
बच्चों को मिलेगी छात्रवृत्ति
दूध के कलेक्शन को बढ़ावा देने के लिए सरकार ऐसे पशुपालकों के बच्चों को पूरी पढ़ाई के लिए छात्रवृत्ति देगी, जो डेटा प्रॉसेसिंग मिल्क कलेक्शन यूनिट (डीपीएमसीयू) के तहत दूध पराग को देंगे। मंत्री ने बताया कि इस यूनिट (मशीन) से दूध के फैट और उसकी गुणवत्ता पता चलती है और उत्पादकों के सामने ही दूध के मूल्य का निर्धारण हो जाता है। दुग्ध विकास विभाग के प्रमुख सचिव सुधीर एम बोवड़े ने बताया कि अभी तक प्रदेश में 800 यूनिट लगाई गई है। जल्द और भी लगाई जाएंगी।
पशु आरोग्य मेला 22 से
प्रमुख सचिव ने बताया कि पशुओं की सेहत का ध्यान रखने के लिए अन्य प्रदेशों की तर्ज पर पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया जाएगा। 22 अक्टूबर से इस मेले का आयोजन शाहजहांपुर में किया जाएगा।
राजपति और वरुण को पहला पुरस्कार
समारोह में 2015-16 और 2016-17 में प्रदेश में सबसे ज्यादा दुग्ध उत्पादन करने वाले लोगों को सम्मानित किया गया। 2015-16 के लिए फैजाबाद की राजपति देवी, फर्रुखाबाद के जौहर सिंह और लखीमपुर के रामसनेही को क्रमश: पहला, दूसरा और तीसरा मिला। 2016-17 के लिए लखीमपुर के वरुण सिंह को पहला और लखनऊ की नीलम सिंह को दूसरा स्थान मिला।
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