BY नवीन अग्रवाल
हापुड़/गाजियाबाद, 30 जुलाई, 2017,
जिले के कोतवाली पिलखुवा में एसडीएम व खाद्य विभाग की टीम ने गोपालजी डेरी दूध प्लांट पर छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों ने 6 करोड़ रुपये की कीमत के 12 हजार नकली मिल्क पाउडर के कट्टे को सीज कर दिया है। खाद्य विभाग ने मिल्क पावडर के सैंपल के साथ साथ दूध, घी के भी सैम्पल लिये हैं। अचानक हुई इस छापेमारी से गोपालजी के मिल्क प्लांट में हड़कंप मच गया।
पिलखुवा कोतवाली के खैरपुर खेडा स्थित गोपालजी मिल्क प्लांट में आनन्दा नाम से मिल्क प्रोडक्ट बनाये जाते हैं। दूध प्लांट में उस समय हड़कंप मच गया जब धौलाना के उपजिलाधिकारी हनुमान प्रसाद और खाद्य विभाग के अधिकारीयों ने पुलिस के साथ इस प्लांट पर छापेमारी की। अधिकारियों के उस समय होश उड़ गए जब 25 किलोग्राम के 12 हजार कट्टों में 6 करोड़ रुपये का मिल्क पाउडर भरा हुआ मिला।
गोपालजी के प्लांट में छापेमारी करते एसडीएम हनुमान प्रसाद और खाद्य विभाग के अधिकारी
एसडीएम हनुमान प्रसाद ने बताया कि छापे के दौरान मिल्क पाउडर के कट्टों पर कोई भी मार्का व एक्सपायरी डेट नहीं मिली। नकली मिल्क पाउडर की आशंका के चलते अधिकारियों ने 6 करोड़ के माल को सील कर सैम्पलिंग कर दी। अधिकारियों ने मिल्क पाउडर के साथ-साथ दूध और घी के भी सैंपल लेकर जांच को भेज दिए हैं।
दिल्ली-एनसीआर सहित आसपास के कई राज्यों में मिल्क पाउडर से धड़ल्ले से प्रयोग होता है। ताजा दूध की कमी के चलते नामचीन कंपनियां और उपभोक्ता मिल्क पाउडर का प्रयोग करते हैं। मिल्क पाउडर के मार्केट इसमें गोपालजी के आनंदा ब्रांड का शेयर सबसे ज्यादा है। मिठाइयां, दूध, दही और पनीर आदि बनाने में मिल्क पाउडर का इस्तेमाल धडल्ले से किया जाता है। ज्यादातर मावा भी इसी से तैयार किया जा रहा है।
ऐसे में मिलावटी व सिंथेटिक मिल्क पाउडर का प्रयोग जानलेवा हो सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि पैकिंग डेट में खेल करने के लिए ही मिल्क पाउडर के पैकिंग पर एक्सपायर-मनोफैक्चर डेट नहीं डाली गई होंगी। जाहिर है कि दूध सस्ता होने पर डेयरी प्रोडक्ट की कंपनियां मिल्क पाउडर का निर्माण बड़े स्तर पर कर लेती हैं और उनको दिवाली आदि त्योहारी सीजन में उसी समय की डेट डालकर सप्लाई कर देती हैं।
नियम के मुताबिक मिल्क पाउडर सहित दूध और इससे तैयार सामान के प्रयोग की तारीख तय होती है। उसके बाद में इनका प्रयोग नहीं किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक पिलखुआ में गोपालजी के डेयरी प्लांट में बड़ी मात्रा में पकड़ा गया मिल्क पाउडर इसी खेल के चलते स्टाक किया गया था। मिल्क पाउडर को पैक कर रख लिया गया और उस पर एक्सपायर-मैनुफैक्चर डेट नहीं डाली गईं। बताया जा रहा है कि बाजार में डिमांड आने के साथ ही दूध पाउडर के कट्टों पर तारीख डालकर सप्लाई दे दी जाती। और उपभोक्ता मिल्क पाउडर पैकिंग पर लिखी डेट के आधार पर उसको ताजा मानकर ही प्रयोग करते।
खाद्य विभाग के अधिकारी के मुताबिक मिल्क पाउडर को लंबे समय तक रोकने के लिए कंपनियां इसमें केमिकल मिलाती हैं। जिससे ये लंबे समय तक खराब होने का अहसास नहीं होता है और इसके स्वाद में भी बदलाव नहीं आता है। हालांकि पुराने हो जाने पर ये स्वास्थ्य मानकों पर फेल हो जाते हैं और केमिकल के चलते लोगों को कैंसर, किडनी फेल्योर, लीवर सोरोसिस, हार्ट अटैक आदि का कारण बनते हैं।
त्योहारी सीजन में दूध की किल्लत के वक्त स्टाक किए गए मिल्क पाउडर को सप्लाई कर दिया जाता है। विशेषज्ञों का कहना है कि मिल्क पाउडर से दूध तैयार करके भी बाजार में सप्लाई दी जाती है। ये दोनों ही स्थितियां मानकों के खिलाफ हैं। मिल्क पाउडर से तैयार दूध या अन्य मिल्क प्रोडक्ट का प्रयोग नहीं किया जा सकता।
स्थानीय सरकारी अस्पताल के प्रभारी डा. ब्रह्मदयाल ने बताया कि एक्सपायर, सिंथेटिक या पुराने मिल्क पाउडर या इससे तैयार फूड प्रोडक्ट का प्रयोग जानलेवा हो सकता है। इनसे आंत, लीवर व किडनी का कैंसर होने, हार्ट अटैक , गुर्दे फेल होने त्वचा रोग होने की आशंका बढ़ जाती है। इसका सबसे ज्यादा नुकसान बच्चों और गर्भवती महिलाओं को होता है।
इधर एसडीएम धौलाना हनुमान प्रसाद ने कहा कि किसी को लोगों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा। यही वजह है कि गोपाल जी डेयरी में छापेमारी कर संदिग्ध प्रतीत होने पर मिल्क पाउडर को सील किया गया है। मिल्क पाउडर के सैंपल जांच के लिए भेजे जा रहे हैं। जांच रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।
2828total visits.