क्या है आनंदा के प्लांट में सीज किए गए मिल्क पाउडर की सच्चाई?,बरामद कट्टों की संख्या पर प्रबंधन ने खड़े किए सवाल

BY नवीन अग्रवाल
हापुड़/नोएडा, 2 सितंबर 2017,

हापुड़ के पिलखुवा में खैरपुर खैराबाद इलाके में स्थित गोपाल जी डेयरी फूड्स(आनंदा) के डेयरी प्लांट में बरामद किए गए मिल्क पाउडर की पहेली उलझती जा रही है। प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग का कहना है कि कंपनी प्रबंधन ने सीज किए गए मिल्क पाउडर के आधे से ज्यादा कट्टों को गोदाम की सील तोड़कर गायब कर दिया है, जबकि कंपनी की तरफ से कहा जा रहा है सीज करते वक्त प्रशासन के अफसरों ने कट्टों की गिनती नहीं की थी और अपनी मर्जी से कट्टों की संख्या 12 हजार लिख दी थी। डेयरी टुडे ने पूरे मामले की पड़ताल की और पता लगाने की कोशिश की आखिर बरामद मिल्क पाउडर के कट्टों की सच्चाई क्या है?

29 जुलाई को पड़ा था आनंदा के प्लांट पर छापा


आपको बता दें कि 29 जुलाई को धौलाना के उप जिलाधिकारी हनुमान प्रसाद के नेतृत्व में जिले के खाद्य सुरक्षा विभाग के अफसरों ने खैरपुर खैराबाद में स्थित आनंदा के डेयरी प्लांट में छापेमारी की थी और प्लांट में स्थित एक गोदाम में बगैर एक्सपाइरी की तारीख और बैच नंबर लिखे  हुए मिल्क पाउडर के हजारों कट्टे बरामद किए थे। बैच नंबर और तारीख नहीं लिखे होने की वजह से ये साफ नहीं था कि ये मिल्क पाउडर कितना पुराना है, कहां से लाया गया है और इसका क्या करना था। हालांकि कंपनी का कहना था कि ये मिल्क पाउडर अपने इस्तेमाल के लिए रखा था। आपको बता दें कि फूड सेफ्टी विभाग की तरफ से स्पष्ट निर्देश हैं कि चाहे अपना ही प्रोडक्ट क्यों न बनाना हो पैक्ड मिल्क पाउडर पर पूरी जानकारी लिखी होनी चाहिए। प्रशासन के मुताबिक छापेमारी के दौरान गोदाम में 25-25 किलोग्राम मिल्क पाउडर के 12 हजार कट्टे बरामद किए गए थे। बरामद किए गए मिल्क पाउडर की कीमत करोड़ों में बताई गई थी। इतनी बड़ी मात्रा में मिल्क पाउडर बरामद होने के बाद डेयरी इंडस्ट्री में हड़कंप मच गया था। किसी कंपनी के प्लांट में इतनी बड़ी मात्रा में मिल्क पाउडर मिलने का ये पहला मामला था। प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग ने बरामद मिल्क पाउडर के सैंपल भी जांच के लिए भेजे थे।

गोदाम की सील तोड़ कर कट्टे गायब करने का आरोप


इस पूरे मामले में नया मोड़ तब आ गया जब छापेमारी के एक महीने बाद 29 अगस्त को खाद्य सुरक्षा विभाग को सूचना मिली की आनंदा डेयरी के प्लांट में सील गोदाम में रखे मिल्क पाउडर के कट्टों को गायब कर दिया गया है। इस सूचना के बाद खाद्य सुरक्षा विभाग में हड़कंप मच गया। शिकायत मिलने पर एसडीएम हनुमान प्रसाद और खाद्य सुुरक्षा विभाग के डीओ पवन कुमार ने लाव-लश्कर के साथ एक बार फिर छापेमारी की। एसडीएम के मुताबिक जांच के दौरान सूचना सही पाई गई और मौके पर गोदाम की सील से छेड़छाड़ मिली। खाद्य सुरक्षा विभाग के डीओ पवन कुमार का कहना है कि सील तोड़कर माल को गायब किया गया है। वहीं एसडीएम ने बताया कि जांच के दौरान सील माल में से मिल्क पाउडर के बोरे कम मिले हैं। जांच के दौरान 7140 कट्टे कम मिले हैं। गायब माल की कीमत करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये है। उन्होंने कहा कि इस मामले में कंपनी प्रबंधन के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई  गई है और गोदाम को फिर से सील कर दिया गया है। लैब में भेजा गया सैंपल भी फेल हो गया है, इस पर भी कार्रवाई की जा रही है।

कंपनी प्रबंधन ने प्रशासन के दावे पर खड़े किए सवाल


वहीं इस पूरे प्रकरण में गोपालजी डेयरी फूड्स (आनंदा) के कॉर्पोरेट गवर्नेंस के हेड और कंपनी के लीगल मामलों को देखने वाले वी के अरो़ड़ा का कहना है गोदाम की सील तोड़ कर मिल्क पाउडर के कट्टे गायब करने का आरोप निराधार है। उन्होंने कहा कि  प्रशासन और खाद्य सुरक्षा विभाग के अधिकारी शुरू से ही इस मामले में नियम विरुद्ध काम कर रहे हैं। श्री अरोड़ा के मुताबिक प्लांट के गोदाम में बगैर बैच नंबर के मिल्क पाउडर के कट्टे रखे हुए थे लेकिन ये सब प्लांट इंचार्ज की लापरवाही की वजह से था। मिल्क पाउडर कंपनी के प्लांट में  ही बना था और उसकी गुणवत्ता भी मानक के मुताबिक थी। उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को छापेमारी के दौरान अधिकारियों ने प्लांट इंचार्ज से खाली फार्म पर साइन करा लिए थे और बाद में उस पर बगैर गिने ही अंदाजे से 12 हजार कट्टे लिख दिए। जबकि उस गोदाम में इतने कट्टे रखे ही नहीं जा सकते। उन्होंने कहा कि 29 जुलाई को छापेमारी के वक्त गोदाम में करीब 4,800 कट्टे रखे हुए थे और ये बैंक के स्टॉक रजिस्टर में भी दर्ज है। उन्होंने छापे के वक्त अफसरों पर फार्म 5-ए भी नहीं देने का आरोप लगाया। उन्होंने ये भी कहा कि जिस गोदाम को सील किया गया था वो बैंक की कस्टडी में है।

पूरे प्रकरण से उच्च अफसरों को अवगत कराया:प्रबंधन

वी के अरोड़ा के मुताबिक उन्होंने 30 जुलाई और 14 अगस्त को इस पूरे मामले की शिकायत लखनऊ में खाद्य सुरक्षा आयुक्त से भी की थी और उसके बाद  सहायक आयुक्त ने प्लांट का निरीक्षण भी किया था। श्री अरोड़ा ने बताया कि कंपनी की नीति रही है कि वो क्वालिटी से कभी भी समझौता नहीं करती है और हमेशा नियम, कानून के मुताबिक काम करती है। लेकिन उन्हें लगता है कि इस पूरे मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग अपनी गलती को छिपाने के लिए कंपनी पर कट्टों को गायब करने का आरोप लगा रहा है। उन्होंने ये भी कहा कि अभी तक अधिकारियों ने सैंपल की जांच रिपोर्ट भी उपलब्ध नहीं कराई है। श्री अरोड़ा ने बताया कि कंपनी की तरफ से एक बार फिर पूरे प्रकरण की जानकारी उच्च अधिकारियों को दी गई है और उन्हें उम्मीद है कि जल्द ही सब कुछ साफ हो जाएगा और उन्हें न्याय मिलेगा।

डेयरी टुडे की पड़ताल के दौरान सूत्रों ने ये भी बताया कि कि पूरे मामले में खाद्य सुरक्षा विभाग के स्थानीय अधिकारी भी संदेह के घेरे में हैं और अपनी गलती को छिपाने के लिए कंपनी पर मिल्क पाउडर के कट्टे गायब करने का आरोप लगा रहे हैं।  हालांकि अब इस मामले में एफआईआर दर्ज की जा चुकी है और जांच के बाद पूरी सच्चाई सामने आ जाएगी।

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4 thoughts on “क्या है आनंदा के प्लांट में सीज किए गए मिल्क पाउडर की सच्चाई?,बरामद कट्टों की संख्या पर प्रबंधन ने खड़े किए सवाल”

  1. आनंद बहुत अच्छा ब्रांड है और और प्रोडक्ट बहुत अच्छा आता है जो भी हुआ है उसकी अच्छे से जाच हो जिससे की सच्चाई का पता चले

  2. Ye khadya vibhag waale chor hai, me 15 saal se aananda ka products bech raha hoon , koi shikayat nahi mili abhi tak.

  3. Ananda ka paneer bahut achcha hai, dahi bhi kaafi achcha hai, lagata to nahi hai ye milawat karte gain. Kahin inhe fasaya to nahi jaa raha.

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