राम रहीम केस: खट्टर सरकार को HC की फटकार, कहा- राजनीतिक फायदे के लिए जलने दिया शहर

पंचकूला, 25अगस्त 2017,

डेरा सच्चा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला की सीबीआई की एक कोर्ट ने शुक्रवार को रेप के 15 साल पुराने मामले में दोषी माना. बाबा को दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद ही उनके समर्थक उग्र हो गए और हरियाणा-पंजाब समेत 5 राज्यों में उन्होंने तांडव मचाया. हिंसा का सबसे ज्यादा असर पंचकूला में देखने को मिला, जहां 29 लोगों की मौत हो गई. वहीं सिरसा में भी 2 लोगों की जान चली गई.

हिंसा पर पंजाब-हरियाणा हाई कोर्ट ने खट्टर सरकार को लगातार तीसरे दिन जमकर लताड़ा है. कोर्ट ने कहा कि सरकार ने राजनीतिक फायदे के लिए शहर को जलने दिया. ऐसा लगता है कि सरकार ने सरेंडर कर दिया.

इससे पहले शुक्रवार को कोर्ट के फैसले के बाद पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय ने आदेश दिया कि स्वयंभू बाबा गुरमीत राम रहीम सिंह के अनुयायियों द्वारा की जा रही हिंसा और आगजनी के कारण हुई क्षति की भरपाई डेरा सच्चा सौदा से कराई जाए.

अदालत ने आदेश दिया कि कोई भी राजनीतिक, सामाजिक या धार्मिक नेता कोई भड़काऊ बयान नहीं दे और अगर कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाए. पीठ ने आदेश में कहा, स्थिति से निपट रहे अधिकारी बिना भय के और निष्पक्षता के साथ अपना काम करे. अगर कोई अधिकारी कर्तव्य के निर्वहन में चूकता है तो उसके खिलाफ अदालत कड़ी कार्रवाई करेगी.

हाई कोर्ट ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर हरियाणा सरकार की खिंचाई की थी. बता दें कि पूरे मामले में बेहद सख्त रुख दिखाने वाले कोर्ट ने कहा था कि फैसले के बाद स्थिति को नियंत्रित करने के लिए अगर हथियार या फोर्स का इस्तेमाल भी करना पड़े तो जरूर करें.

एक पीआईएल पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने यह भी निर्देश दिया था कि किसी भी कीमत पर हरियाणा, पंजाब और चंडीगढ़ की कानून व्यवस्था नहीं बिगड़नी चाहिए. हाई कोर्ट ने फैसले पर किसी भी तरह के राजनीतिक, सामाजिक और धार्मिक स्टेटमेंट पर पाबंदी लगाते ऐसा करने वालों के खिलाफ एफआईआर करने का निर्देश दिया था.

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