डेयरी टुडे नेटवर्क,
गाज़ियाबाद, 4 सितंबर 2017,
जिलाधिकारी मिनिस्ती एस ने मोरटा के पास कामधेनु डेयरी योजना के निरीक्षण किया। जिलाधिकारी ने पूरे डेयरी परिसर का बारीकी से निरीक्षण किया और वहां मौजूद सुविधाओं और संसाधनों के बारे में जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने किसानों को सुझाव देते हुए कहा कि, कामधेनु डेयरी योजना, मिनी कामधेनु योजना, तथा माइक्रो कामधेनु योजना प्रदेश सरकार द्वारा किसानों को स्वालंबी बनाने और दूध का उत्पादन बढ़ाने के उददेश्य से चलायी जा रही है। इस मौके पर जिलाधिकारी ने कहा कि कामधेनु डेयरी योजना में लाभार्थी के पास शेड की भूमि के अतिरिक्त दो एकड़ भूमि होना अनिवार्य है।
कामधेनु डेयरी योजनान्तर्गत परियोजना लागत की 25 प्रतिशत धनराशि लाभार्थी को मार्जिन मनी के रूप में वहन करना होता है। शेष 75 प्रतिशत धनराशि ब्याज मुक्त ऋण के रूप में लाभार्थी को उपलब्ध करायी जाती है। साथ ही योजना के अन्तर्गत 100 दुधारू पशु पालना अनिवार्य है। परियोजना में लागत मूल्य लगभग एक करोड़ है।
इसी प्रकार से मिनी कामधेनु योजना में भी 25 प्रतिशत मार्जिन मनी लाभार्थी को वहन करना होता है। शेष 75 प्रतिशत धनराशि ऋण के रूप में ब्याज रहित बैंक से उपलब्ध कराई जाती है। परियोजना की अधिकतम लागत 52 लाख रूपये है तथा दुधारू पशुओं की संख्या कम से कम 50 है। माइक्रो कामधेनु डेयरी योजना में परियोजना 27 लाख रूपये तथा 75 प्रतिशत ऋण धनराशि ब्याज रहित लाभार्थी को उपलब्ध करायी जाती है। जिसमे पशुओं की संख्या 25 होनी चाहिए।
इस मौके पर मौजूद मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ बिजेन्द्र कुमार ने बताया कि, इस डेयरी में 550 लीटर दुग्ध उत्पादन प्रतिदिन होता है, पशुओं चारा पानी तथा शेड की साफ-सफाई की सभी आवश्यक व्यवस्थाऐं उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि स्थानीय किसानों को डेयरी व्यवसाय अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
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