क्वॉलिटी डेयरी को खरीदने की रेस में हल्दीराम, एलवीपी फूड्स और टीपीजी कैपिटल

डेयरी टुडे नेटवर्क
नई दिल्ली, 28 अप्रैल 2019,

घाटे में चल रही क्वॉलिटी डेयरी को खरीदने में हल्दीराम स्नैक्स, जेक ग्रुप की एलवीपी फूड्स, टीपीजी कैपिटल और इंडिया रिसर्जेंस फंड जैसे स्ट्रैटिजिक और फाइनैंशल इन्वेस्टर्स ने दिलचस्पी दिखाई है। क्वॉलिटी डेयरी में 2016 में 520 करोड़ रुपये का इन्वेस्टमेंट करने वाले प्राइवेट इक्विटी फंड KKR ने पिछले वर्ष कंपनी के खिलाफ बैंकरप्ट्सी प्रोसीडिंग शुरू की थी। KKR ने इन्सॉल्वंसी ऐंड बैंकरप्ट्सी कोड के तहत नैशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल (NCLT) के सामने इनसॉल्वंसी याचिका दायर की थी।

निवेशकों ने क्वॉलिटी डेयरी के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंट्रेस्ट (EoI) कंपनी के रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल शैलेन्द्र अजमेरा को दिए हैं। EoI जमा करने की अंतिम तिथि 31 मार्च थी। इस डिवेलपमेंट की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया, ‘रेजॉलुशन प्लान 15 मई तक देना है। फाइनैंशल क्रेडिटर्स ने कंपनी पर कुल 2,100 करोड़ रुपये का दावा किया है।’ इस बारे में टिप्पणी के लिए अजमेरा उपलब्ध नहीं थे।

क्वॉलिटी डेयरी को पिछले वर्ष दिसंबर में समाप्त हुए क्वॉर्टर में 1,500 करोड़ रुपये का लॉस हुआ था। देश की बड़ी एफएमसीजी कंपनी हिंदुस्तान यूनिलीवर को 1994 में अपना आइसक्रीम ब्रैंड बेचने के बाद क्वॉलिटी बिजनस-टु-बिजनस (B2B) सप्लायर के तौर पर ऑपरेट कर रही है। कन्ज्यूमर सेगमेंट में यह डेयरी बेस्ट ब्रांड के तहत मिल्क, बटर, मिल्क पाउडर और चीज जैसे प्रॉडक्ट्स बेचती है।

क्वॉलिटी डेयरी की दिसंबर 2018 में समाप्त हुए नौ महीनों में बिक्री काफी घटी थी। इसके साथ ही कंपनी को बड़ा लॉस हुआ था। सूत्रों ने कहा, ‘लोन सहित वित्तीय देनदारियां चुकाने में नाकाम रहने और प्रमोटर्स के नई कैपिटल लाने में सक्षम न होने जैसे कारणों से पिछले वर्ष में क्वॉलिटी की मार्केट वैल्यू और वित्तीय प्रदर्शन में भारी गिरावट आई है।’

क्वॉलिटी डेयरी की शुरुआत 1992 में हुई थी। इसके पास प्रति दिन लगभग 30 लाख लीटर की मिल्क प्रोसेसिंग कपैसिटी है। कंपनी की छह मैन्युफैक्चरिंग यूनिट उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में हैं। दुनिया में भारत मिल्क का सबसे बड़ा प्रड्यूसर है। इंडस्ट्री का अनुमान है कि अगले एक दशक में देश का मिल्क प्रॉडक्शन दोगुना होकर 100 करोड़ लीटर प्रति दिन पर पहुंच सकता है। देश में डेयरी सेगमेंट में अमूल, मदर डेयरी बड़ी कंपनियां हैं। इस मार्केट में लैक्टालिस और फोनटेरा जैसी ग्लोबल डेयरी कंपनियां भी मौजूद हैं।
(साभार-नवभारत टाइम्स)

2094total visits.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय खबरें