डेयरी टुडे नेटवर्क,
चंडीगढ़, 24 अक्टूबर 2017,
अगर आप शुद्ध दुध पीना चाहते हैं लेकिन आपके पास गाय या भैंस पालने के लिए जगह नहीं हो तो अब आप गाय-भैंस को पेइंग गेस्ट के तौर पर रख सकते हैं। इससे आपको फ्री में शुद्ध दूध पीने को मिलेगा और गाय की सेवा भी हो जाएगी। जी हां हरियाणा सरकार दुधारू पशुओं के लिए पेइंग गेस्ट यानी पीजी खोलेगा। यहां मवेशी ठीक उसी तरह रखे जाएंगे जैसे आम तौर पर स्टूडेंट या युवा पीजी में रहते हैं। पीजी सिस्टम शहरों के उन लोगों के लिए फायदेमंद होगा जिनके पास मवेशी रखने की जगह नहीं है। दूसरा फायदा यह होगा कि पीजी के मालिक को मवेशी का दूध भी फ्री में मिलेगा।
गाय-भैंस के लिए पीजी सिस्टम शुरू करने वाला हरियाणा, देश का पहला राज्य होगा। हरियाणा के कृषि एवं किसान कल्याण और पशुपालन एवं डेयरी मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि उनकी सरकार शहरों के आसपास 50-100 एकड़ जमीन पर डेयरी क्षेत्र विकसित करने की योजना पर काम कर रही है। इन डेयरी एरिया में दुधारू पशुओं के लिए पीजी भी खोले जाएंगे।
धनखड़ ने कहा कि जिस तरह से युवाओं के पीजी या हॉस्टल होते हैं, उसी प्रकार पशुओं की पीजी होगी। इसमें जो व्यक्ति अपने घर पर गाय- भैंस नहीं पाल सकते हैं, वे पीजी में ग्वाले की मदद से गायों व भैंसों को पाल सकेगा। पीजी के मालिक को मवेशी का शुद्ध दूध भी मिल सकेगा।
पशुपालन मंत्री ओम प्रकाश धनखड़ ने बताया कि झज्जर में 27-29 अक्टूबर तक तीन दिवसीय सर्वश्रेष्ठ नस्ल के पशुओं के मेले का आयोजन किया जाएगा और इस पशु मेले में देसी, राठी, साहीवाल नस्ल की गाय व मुर्राह नस्ल की भैंसों की सौंदर्य प्रतियोगिता भी करवाई जाएगी। मंत्री ने बताया कि इस तीन दिवसीय पशु मेले का उद्घाटन राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी करेंगे, जबकि समापन समारोह में मुख्यमंत्री मनोहर लाल मुख्य अतिथि होंगे। इसके अलावा 28 अक्टूबर को केन्द्रीय कृषि मंत्री राधामोहन सिंह भी मौजूद रहेंगे।
उन्होंने बताया कि आज डेरी क्षेत्र को सेवा क्षेत्र की ओर ले जाने की जरूरत है। इस कड़ी में हिसार में एक्सीलेंसी सेंटर खोलने के लिए इजराइल के साथ समझौता किया गया है। धनखड़ ने बताया कि डेरी प्रबंधन, दुधारू पशुओं की गतिविधियों की मॉनिटरिंग के लिए इलेक्ट्रॉनिक्स तकनीक, पशुओं के अनुकूल वातावरण व पौष्टिक चारा इत्यादि इन चार बिंदुओं पर फोक्स कर हम डेरी क्षेत्र को सेवा में परिवर्तित कर सकते हैं।
धनखड़ ने बताया कि इस समय हरियाणा में लगभग 36 लाख दुधारू पशुधन है। औसतन हरियाणा में 6.8 लीटर प्रति पशु दूध उत्पादकता है जिसे 2022 तक 10 लीटर प्रति पशु तक ले जाने का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि मेले में कम से कम 10 लीटर दूध देने वाली गाय व 18 लीटर दूध देने वाली भैंसों की ही प्रविष्टियां ली जाएंगी। मेले में लगभग 2500 पशुओं के आने की संभावना है तथा तीन दिन तक 5000 व्यक्ति इस मेले में एक साथ रहेंगे, जो पशु विशेषज्ञों के साथ विभिन्न सत्रों में आयोजित चर्चाओं में भाग लेंगे। इसके अलावा, प्रतिदिन लगभग 15,000 पशुपालकों को मेला देखने के लिए आमंत्रित किया जाएगा, जिसके लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी।
धनखड़ ने कहा कि भौगोलिक दृष्टि से हरियाणा दिल्ली के निकट है और इसके 5 करोड़ की जनसंख्या की एक बड़ी मार्केट का फायदा हरियाणा का किसान उठा सकता है। आईआईटी के छात्रों का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सोनीपत में इस ग्रुप ने न्यू जीलैंड की टेक्नॉलजी अपनाकर दिल्ली में दूध की आपूर्ति करने की शुरुआत की है।
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