डेयरी टुडे नेटवर्क,
आणंद, 31 अक्टूबर 2021,
भारत को 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बनाने में सहकारिता बहुत बड़ा योगदान दे सकती है। यह बात केंद्रीय सहकारिता और गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को अमूल के 75वें स्थापना वर्ष के अवसर पर आयोजत समारोह को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के सपने को सिद्ध करने के लिए सहकारिता से बड़ा कोई मार्ग नहीं हो सकता है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि आज अमूल का 75वां स्थापना वर्ष अमृत महोत्सव चल रहा है। जब मात्र 200 लीटर दूध एकत्रित होता था तब कल्पना भी नहीं की होगी कि आज अमूल का 2020-21 का वार्षिक टर्नओवर 53,000 करोड़ को पार कर चुका है।
उन्होंने कहा कि प्रतिदिन 30 मिलियन दूध की प्रोसेसिंग और स्टोरेज करने की क्षमता आज अमूल ने विकसित की है। 36 लाख किसान परिवार इसको अपना व्यवसाय बनाकर, अमूल के साथ जुड़े हुए हैं और अपना जीवन सम्मान से जी रहे हैं।
केन्द्रीय गृह मंत्री ने कहा कि आज यहां कई योजनाओं की शुरूआत हुई है जिनमें सरदार पटेल सभागार का उद्घाटन, अमूल के सभी दुग्ध उत्पादकों की स्मृति में भारत सरकार ने डाक टिकट जारी किया, कोरोना के सौ करोड़ टीके के लिए भी एक विशेष कवर का उद्घाटन हुआ और 5000 करोड़ रूपए एनसीडीसी, भारत सरकार के माध्यम से डेयरी क्षेत्र को देने वाली योजना का भी शुभारंभ हुआ।
गुजरात के आणंद में केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि 18,600 से ज्यादा गांव की छोटी-छोटी दुग्ध सहकारी समितियां अमूल से जुड़कर इसे एक वटवृक्ष बनाने में अपना योगदान दे रही हैं। 18 जिला स्तरीय डेरियां और पूरे देश में 87 मिल्क प्रोसेसिंग प्लांट अमूल द्वारा लगाए गए हैं।
सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने सहकारिता मंत्रालय बनाया है, वो ‘सहकार से समृद्धि’ के सूत्र वाक्य के साथ बनाया गया है। मुझे पूरा विश्वास है कि 5 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी के अंदर सहकारिता बहुत बड़ा योगदान कर सकती है। आत्मनिर्भर भारत के सपने को सिद्ध करने के लिए सहकारिता से बड़ा कोई मार्ग नहीं हो सकता है।
सरदार पटेल और अमूल के साथ संबंधों का जिक्र करते हुए केंद्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह ने कहा कि सरदार पटेल का अमूल के साथ घनिष्ठ संबंध था। निजी डेयरी के अन्याय के खिलाफ किसानों के संघर्ष को पटेल की प्रेरणा और मेहनती नेता त्रिभुवनदास पटेल ने सकारात्मक सोच में बदल दिया।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि श्वेत क्रांति का जो स्वप्न लाल बहादुर शास्त्री जी ने देखा था वह आज सफल होता दिखाई दे रहा है लेकिन आज अमूल को और आगे देखने का समय आ गया है। सहकारिता क्षेत्र में हमारी सक्सेस स्टोरी और कृषि व पशुपालन के साथ जुड़े विषयों को कोऑपरेटिव बेसिस पर आगे बढाने और कृषि को आत्मनिर्भर बनाने का भी समय आ गया है। उन्होने कहा कि हमारी सक्सेस स्टोरी वाली सहकारी समितियों को निश्चित रूप से आगे आना होगा, 36 लाख के परिवार तक ही सीमित रहने की सोच ठीक नहीं होगी। हमें सहकारिता के माध्यम से कृषि और किसान, पशुपालक और मिल्क प्रोसेसिंग जैसी चीजों को नए सिरे से देखना होगा और इसमें अपने-अपने अनुभव व सफलता के मानकों की उपलब्धि का उपयोग करना होगा तभी सहकारिता मजबूत हो सकती है। उन्होने कहा कि इसी सोच के कारण आणंद में नेशनल डेयरी डेव्लपमेंट बोर्ड की स्थापना हुई थी।
केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी का किसान की आय दोगुनी करने का जो आग्रह और लक्ष्य है उसमें सहकारिता क्षेत्र का बहुत बड़ा योगदान हो सकता है। अमूल की यात्रा का जिक्र करते हुए श्री शाह ने कहा कि अमूल ने 1946 में सबसे पहले प्राइवेट डेयरी की जगह कोऑपरेटिव और सहकारिता के मंत्र को स्वीकार किया जो एक बहुत बड़ा निर्णय था। श्री शाह ने कहा कि अमूल ने लाल बहादुर शास्त्री जी के श्वेत क्रांति के आह्वान को उठाया और डॉक्टर कुरियन भी इससे जुड़े। विज्ञान के सिद्धांत को स्वीकार कर उसमें सहकारिता के मूलतत्व को समाहित रखते हुए मार्केटिंग, मैनेजमेंट और उत्पादन में विज्ञान को स्वीकार किया। 1980 और 1990 के दशक में फिर से एक बार एक बहुत बड़ा अभियान शुरू किया गया और दुनिया भर की टेक्नोलॉजी का अभ्यास कर पूरी टेक्नोलॉजी में आमूलचूल परिवर्तन किया गया। 1995 के बाद 2000 तक सूचना तंत्र, मोबाइल ऐप, कॉल सेंटर का उपयोग कर दुग्ध उत्पादकों ने एक नई प्रकार की सेवा का शुभारंभ किया। जब डिजिटल क्रांति शुरू हुई तो डिजिटल भुगतान के द्वारा भी अमूल ने घर-घर तक सीधे बैंक से पैसा पहुंचाने का काम किया। इस परिवर्तन से पूरे सहकारिता क्षेत्र के लोगों को सीखना चाहिये क्योंकि जो समय के साथ नहीं बदलते वे अपने आपको आगे नहीं बढ़ा पाते।
श्री अमित शाह ने कहा कि समाज के प्रति जिम्मेदारी निभाने में भी अमूल ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्राकृतिक आपदाओं के समय सहायता और न्यूट्रिशन प्रोग्राम को बढ़ावा देने में भी अमूल ने बहुत सहयोग दिया है। श्री शाह ने कहा कि आज सरदार पटेल की जयंती है और आज सहकारिता आंदोलन से जुड़े प्रत्येक व्यक्ति के लिए संकल्प लेने का दिन है कि हम सहकारिता आंदोलन को फिर से एक जज्बे के साथ भारत की आर्थिक व्यवस्था का एक मजबूत स्तंभ बनाएँ। श्री शाह ने कहा कि मुझे पूरा विश्वास है कि एक बार फिर से नए और आधुनिक बीज डाले जाएंगे और जो फसल होगी वह एक बार फिर हरियाली और श्वेत क्रांति लाएगी। समारोह में केंद्रीय पुरुषोत्तम रुपाला समेट मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी शिरकत की।
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