कोराना संकट में किस प्रकार बदला डेयरी सेक्टर का परिदृश्य?, NPC के वेबिनार में हिस्सा लें

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 23 जून 2020,

कोरोना महामारी (COVID-19) के पिछले तीन महीने से ज्यादा के समय में देश में अगर कोई सेक्टर मजबूती के साथ आगे बढ़ा है तो वो है डेयरी सेक्टर (Dairy Sector)। डेयरी इंडस्ट्री की इस कामयाबी के पीछे कई कारण हैं। एक तो लॉकडाउन के दौरान डेयरी सेक्टर से जुड़ी कंपनियों और सहकारी समितियों ने इनोवेटिव प्रयोग कर दूध और दूसरे डेयरी उत्पादों को उपभोक्ताओं तक निर्बाध रूप से पहुंचाने का काम किया और दूसरी तरफ मदर डेयरी, अमूल डेयरी जैसी कंपनियों ने हल्दी मिल्क, जिंजर मिल्क, तुलसी मिल्क जैसे उत्पाद बजार में उतार कर लोगों को इम्युनिटी बढ़ाने का विकल्प दिया। कई सर्वेक्षणों और स्टडी में ये सामने आ चुका है कि कोरोना काल के दौरान दूध के अलावा पनीर, दही, बटर, छाछ जैसे डेयरी उत्पादों की खपत में वृद्धि हुई है। जाहिर है कि इसी सब का नतीजा है कि कोरोना काल में देश के डेयरी उद्योग ने अन्य उद्योगों की तुलना में अधिक वृद्धि की है।

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डेयरी सेक्टर के इस बदले हुए परिदृश्य और आगे की संभावनाओं पर चर्चा के लिए राष्ट्रीय उत्पादकता परिषद (National Productivity Council) ने आगामी 26 जून, 2020 को एक वर्चुअल परिचर्चा यानि वेबिनार का आयोजन किया है। इस वेबिनार में क्वालिटी लिमिटेड के चेयरमैन डॉ. आर एस खन्ना समेत डेयरी इंडस्ट्री के दिग्गज और विशेषज्ञ अपने विचार रखेंगे और डेयरी सेक्टर के भविष्य का खाका खीचेंगे। जाहिर है कि डेयरी इंडस्ट्री (#DairyIndustry), डेयरी फार्मिंग (#DairyFarming) और पशुपालन के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए इस वेबिनार में काफी कुछ जानने का अवसर मिलेगा। इस वेबिनार के लिए इस लिंक (https://bit.ly/2B1qldv) के जरिए रजिस्ट्रेशन कराया जा सकता है।

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जाहिर है कि किसानों की आय बढ़ाने में डेयरी और पशुपालन क्षेत्र की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी सरकार इस को बखूबी समझती है कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य को पाना पुशपालन और डेयरी सेक्टर के विकास के बिना संभव नहीं है। यही वजह है कि मोदी सरकार ने न सिर्फ इसके लिए पहली बार अलग मंत्रालय बनाया, बल्कि कृषि के साथ-साथ इस सेक्टर पर भी पूरा फोकस किया है। इस कोरोना संकट के समय भी किसानों की इनकम का मुख्य स्रोत यही डेयरी और पुशपालन ही रहा है।

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