डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 9 फरवरी 2018,
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने देश में कृषि संबंधित व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) से शुक्रवार को इनोवेशन एवं इनक्यूबेशन केंद्र स्थापित करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर काम कर रही है।राष्ट्रपति कोविंद ने आईएआरआई के 56वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि युवा वैज्ञानिकों एवं कृषि-स्नातकों को कृषि क्षेत्र में अब भी मौजूद उन संभावनाओं का दोहन करना चाहिए, जो अब तक अछूते रहे हैं। उन्होंने देश को खाद्य मामले में आत्मनिर्भर बनाने में आईएआरआई के प्रयासों की भी सराहना की। राष्ट्रपति ने विद्यार्थियों को बदलाव का वाहक बनने का आह्वान करते हुए कहा कि उन्हें कृषि समुदाय के कल्याण में योगदान देना चाहिए।
राष्ट्रीय मिशन के तौर पर इस्तेमाल किए जा रहे ‘नीम कोटेड यूरिया’ की टेक्नोलोजी का विकास इसी संस्थान ने किया है। इसी संस्थान द्वारा विकसित अनेक प्रजातियों के योगदान से देश में गेहूं का रेकॉर्ड उत्पादन हुआ है — राष्ट्रपति कोविन्द
— President of India (@rashtrapatibhvn) February 9, 2018
उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था कि कृषि देश की अर्थव्यवस्था का स्तंभ है। देश की प्राथमिकता ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों की आय बेहतर करना है। उन्होंने कहा कि देश 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने पर काम कर रहा है और विद्यार्थियों में इसे प्राप्त करने में योगदान देने की क्षमता है। राष्ट्रपति ने स्नातक पूरा कर रहे विद्यार्थियों को कृषि-उद्यमी बनने का सुझाव देते हुए कहा कि उन्हें कृषि क्षेत्र में अपनी कंपनी शुरू करने के लिए मुद्रा जैसी सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना चाहिए।
देश के खाद्यान्न उत्पादन में बहुत बड़ा बदलाव लाने वाली ‘हरित-क्रांति’ में इस संस्थान की अहम भूमिका रही है। यहां के पूर्व छात्रों में डॉक्टर एम. एस. स्वामीनाथन, डॉक्टर संजय राजाराम और डॉक्टर एस. के. वासल जैसे विश्व में सम्मानित कृषि वैज्ञानिक शामिल हैं — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/BqRp0m00rS
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राष्ट्रपति ने कहा कि विद्यार्थियों को कृषि संबंधित व्यवसाय शुरू करने में मदद करने के लिए संस्थान को इनोवेशन और इनक्यूबेशन केंद्र बनाने की जरूरत है। कृषि संबंधित कारोबार शुरू करने में मदद के लिए कई योजनाएं भी शुरू की गयी हैं। उदाहरण के लिए मुद्रा योजना के तहत ऋण मुहैया कराया जाता है और पूंजी निवेशकों को भी निवेश के लिए आगे आना चाहिए। राष्ट्रपति ने कहा कि सीमित प्राकृतिक संसाधनों तथा बढ़ती आबादी के मद्देनजर नवाचार पर ध्यान देना चाहिए।
राष्ट्रपति ने कहा कि बीज से लेकर बाजार तक इनोवेशन की अपार संभावनाएं हैं। विद्यार्थी इसमें काफी योगदान दे सकते हैं। आपके अंदर बदलाव का वाहक बनने की क्षमता है। उन्होंने शोध कार्यों तथा बीजों की विविधता के लिए आईएआरआई का आभार जताते हुए कहा कि देश खाद्य आयातक से निर्यातक बन गया है। उन्होंने कहा कि इस संस्थान से पढ़ कर गये कई विद्यार्थियों ने कृषि को ही अपना पेशा बनाया और वे काफी अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने बेहतर प्रौद्योगिकी अपनायी और वे अन्य किसानों को भी प्रोत्साहित करेंगे।
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान द्वारा विकसित बासमती किस्मों के निर्यात से करीब 18,000 करोड़ रुपये सालाना विदेशी मुद्रा प्राप्त होती है — राष्ट्रपति कोविन्द
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