नवीन अग्रवाल,
डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 9 सितंबर 2021,
“इनोवेशन्स और सस्ती टेक्नोलॉजी का उपयोग करना आज दुग्ध उत्पादन बढ़ाने, बीमारियों को नियंत्रित करने और बेहतर कीमित सुनिश्चित करने के लिए बेहद आवश्यक है।” यह बात केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रुपाला ने कही। श्री रुपाला बुधवार को इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्श द्वारा “Innovations & Advancements in the Indian Dairy Industry” विषय पर आयोजित दो दिवसीय ई-कॉन्फ्रेंस के प्रथम सत्र को संबोधित कर रहे थे।
Delivered the keynote address at the E-Conference on “Innovations & Advancements in the Indian Dairy Industry”.
Being the largest milk-producing country, India is moving with great speed with respect to technology when it comes to assisting the dairy industry. pic.twitter.com/6fWCZuDbck
— Parshottam Rupala (@PRupala) September 8, 2021
श्री परषोत्तम रूपाला ने अपने संबोधन में दुग्ध उत्पादन बढ़ाने में तकनीकी उन्नयन की भूमिका पर जोर दिया। उन्होंने यह भी बताया कि भारत सरकार ने फार्म स्तर पर डेयरी पशुओं के प्रजनन को बढ़ाने के लिए सब्सिडी शुरू की है। किसानों को वर्तमान में उनके पास पशुओं की संख्या बढ़ाने के लिए कुल 50 प्रतिशत सब्सिडी दी जाएगी। इसका मुख्य उद्देश्य गांव के स्तर पर दूध का उत्पादन बढ़ाना और डेयरी किसानों की आय बढ़ाना है। उन्होंने कहा कि भारतीय डेयरी उद्योग को अमूल मॉडल अपनाना चाहिए। उन्होंने नई तकनीकों और नए नवाचारों के जरिए इस मॉडल को और अधिक कुशल बनाने की सलाह भी दी। उन्होंने कहा कि हालांकि भारत दुनिया में दूध का सबसे बड़ा उत्पादक है, लेकिन वैश्विक मानकों की तुलना में प्रति पशु उत्पादन अभी भी कम है। इसलिए प्रति इकाई स्तर पर उत्पादन बढ़ाने पर ध्यान दिया जाना चाहिए।
Visionary ideas ! Chief Guest Mr. Parshottam Rupala, Hon’ble Minister, Ministry of Fisheries, Animal Husbandry and Dairying, Government of India addressing the ICC E-Conference On Innovations and Advancements in the Indian Dairy Industry @PRupala @indianchamber15 pic.twitter.com/ITB1paejke
— Dr. Rajeev Singh, ICC (@rajeevstyagi) September 8, 2021
कॉन्फ्रेंस के संबोधित करते हुए राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) के चेयरमैन मीनेश शाह ने कहा कि इनोवेशन डेयरी क्षेत्र के विकास के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण है। खेत से लेकर उपभोक्ता तक की पूरी वैल्यू चेन में सुधार आज की मांग है। उन्होंने बताया कि भारतीय कन्ज्यूमर इन दिनों natural ingredients के साथ हेल्दी प्रोडक्स्य पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ऐसे में फार्मर्स को भी इनके बारे में जानकारी होना चाहिए और उन्हें इस दिशा में काम भी करना चाहिए। श्री शाह ने उत्पादकता बढ़ाने और दूध की बर्बादी को कम करने के लिए ग्रामीण स्तर पर अक्षय ऊर्जा जैसे सौर ऊर्जा के उपयोग का भी सुझाव दिया।
If we see close linkages b/w dairying & livelihoods of farmers, application of innovations & advancements assumes importance as each breakthrough, improvement, development will lead to increase in incomes for milk producers, said Shri @ShahMeenesh Chairman NDDB at an E-Conference pic.twitter.com/G6w5GyHio5
— National Dairy Development Board (@NDDB_Coop) September 8, 2021
टेक्नोलॉजी के बारे में बात करते हुए, गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन लिमिटेड (AMUL) के प्रबंध निदेशक डॉ. आरएस सोढ़ी ने उल्लेख किया कि डेयरी उद्योग के लिए नई तकनीक का अनुकूलन बहुत महत्वपूर्ण है, लेकिन जो अधिक महत्वपूर्ण है वह है सस्ती तकनीकों को अपनाना। ताकि किसान और सहकारी समितियां इन टेक्नोलॉजी को खरीद सकें और लाभ ले सकें। उन्होंने डेयरी से संबंधित वैल्यू एडेड की मार्कें विपणन और ब्रांडिंग में भी नवाचार किया जाना चाहिए।
During @indianchamber15-organised e-conference, Shri @ShahMeenesh spoke on NDDB bringing innovations& advancements in multiple aspects of dairy value chain such as Productivity Enhancement, Milk Processing, ICT, Renewable Energy Usage, Product Development& Income Diversification pic.twitter.com/Hoxau9KMCd
— National Dairy Development Board (@NDDB_Coop) September 8, 2021
इंडियन चैंबर ऑफ कॉमर्स के वरिष्ठ उपाध्यक्ष प्रदीप सुरेका ने अपने स्वागत संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि डेयरी क्षेत्र में निजी उद्यमों को फलने-फूलने के लिए आवश्यक परिस्थितियों का निर्माण करने के लिए सरकारी हस्तक्षेप महत्वपूर्ण है, और यह अत्यधिक प्रभावी हो सकता है जब एक दीर्घकालिक योजना बनाई जाए।
ई-कॉन्फ्रेंस में मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल प्राइवेट लिमिटेड के प्रबंध निदेशक, मनीष बंदलिश, स्टेलप्प्स टेक्नोलॉजीज प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ रंजीत मुकुंदन, हिंदुस्तान थर्मोस्टैटिक्स के मिल्क प्रोक्योरमेंट के महाप्रबंधक संयम जैन, फ्रिक इंडिया लिमिटेड के मार्केटिंग निदेशक पी सुधीर कुमार, प्रॉम्प्ट इनोवेशन प्राइवेट लिमिटेड के सीईओ डॉ सुधींद्र तात्ती समेत कई विशेषज्ञों ने संबोधित किया। सम्मेलन के दूसरे दिन गुरुवार को भी कई विशेषज्ञों ने सम्मेलन को संबोधित किया। ई-कॉन्फ्रेंस में देश के विभिन्न हिस्सों से सैकडों प्रतिभागियों ने शिरकत की और डेयरी क्षेत्र से विकास से जुडे विचारों को सुना।
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