लॉकडाउन में बर्बाद हुई आइसक्रीम इंडस्ट्री, 85% तक घटी बिक्री, 10,000 करोड़ का नुकसान!

Dairy Today Network,
नई दिल्ली, 26 अप्रैल 2020,

कोरोना महामारी ने डेयरी इंडस्ट्री को बुरी तरह बर्बाद कर दिया है। गर्मियों में आइसक्रीम की मांग बहुत बढ़ जाती है और डेयरी इंडस्ट्री की कमाई का बहुत बड़ा जरिया भी होती है। लेकिन इस साल आइसक्रीम इंडस्ट्री पूरी तरह से ठप हो गई है। जानकारों के मुताबिक कोरोना की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण इस साल गर्मी के मौसम में आइसक्रीम इंडस्ट्री (Ice Cream Industry) को अनुमानित तौर पर 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हो सकता है। पिछले साल के मुकाबले इस साल मार्च से अप्रैल के बीच आइसक्रीम सेल्स में 80 से 85 फीसदी तक ​की गिरावट देखने को मिली है। Amul, हिंदुस्तान यूनीलिवर लिमिटेड, Vadilal, Havmor और Mother Dairy जैसे प्रमुख आइसक्रीम उत्पादक कंपनियां आमतौर पर अपनी सालाना कमाई का 40 फीसदी इनकम इसी दौरान करती हैं, लेकिन इस साल कोरोना वायरस की आंच इस पर भी दिखाई दे रही है।

गर्मी निकली जा रही, कब बिकेगी आइसक्रीम?

हैवमोर आइसक्रीम्स के प्रबंध​ निदेशक आनिद्य दत्त ने कहा, ‘हमारी रेवेन्यू एकदम नहीं है। हालांकि इस महामारी को लेकर हमें उम्मीद है कि हमारा देश बहुत बेहतर कर रहा है। इस साल गर्मी के मौसम का एक बड़ा हिस्सा खत्म हो चुका है। निश्चित तौर पर इससे हमारे रेवेन्यू पर बड़ा असर पड़ेगा।’ अमूल के MD आर एस सोढ़ी का कहना है कि घर ले जाकर खाने वाले आइसक्रीम की मांग में तेजी आई है। लॉकडाउन के दौरान भी लोग आइसक्रीम टब्स और ब्रिक्स खरीद रहे हैं।

पहले से तैयार स्टॉक्स का एक बड़ा हिस्सा इन्वेन्ट्री में

चूंकि, लॉकडाउन में मैन्युफैक्चरिंग बंद है। ऐसे में मौजूदा स्टॉक्स का एक बड़ा हिस्सा जनवरी और फरवरी के दौरान तैयार किया गया था। आइसक्रमी बिक्री के लिए गर्मी का मौसम सबसे बेस्ट होता है, यही कारण है कि गर्मी आने से पहले 2-3 महीने पहले ही इसकी मैन्युफैक्चरिंग शुरू हो जाती है।

लॉजिस्टिक्स से लेकर स्टोरेज तक की परेशानी

लेकिन, ट्रांसपोर्ट और लॉजिस्टिक्स जैसी समस्याओं की वजह से आइसक्रीम मेकर्स के पास एक बड़ा इंडस्ट्री बाजार तक पहुंच नहीं पा रहा है। इसके अलावा, इन उत्पादकों को स्टोरेज कॉस्ट भी देना पड़ा रहा है। इसमें एक बड़ा हिस्सा इलेक्ट्रिसिटी और वेयरहाउस जैसे फिक्स्ड कॉस्ट का है।

केंद्र और राज्य सरकार से राहत की गुहार

इंडियन आइसक्रमी मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (IICAM) ने केंद्र और राज्य सरकारों से राहत के लिए लेटर भी लिखा है। IICMA ने इस लेटर में कहा कि उन्हें इलेक्ट्रिसिटी बिल पर कम से कम 50 फीसदी की छूट मिले। यह छूट मार्च 2020 से लेकर जुलाई 2020 तक के लिए दी जाए। इसके साथ ही, आइसक्रमी कंपनियां अब सप्लाई चेन्स पर भी नजर बनाए हुए हैं ताकि लॉकडाउन खत्म होने के तुरंत बाद अगले 30 से 40 दिनों कें अदर वो अपने सेल्स को बढ़ा सकें।

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