डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 26 मई 2006,
भारत में इस वक्त भीषण गर्मी पड़ रही है। उत्तर भारत के ज्यादातर राज्यों में पारा 45 डिग्री सेंटीग्रेड के आसपास है। इंसानों के साथ-साथ पशुओँ का भी हाल बेहाल है। इतनी भीषण गर्मी, लू-लपट में हमारे पशुओं भी हीट स्ट्रेस में आ जाते हैं। लेकिन बेजुबान पशु इसे कह नहीं सकते है, इसलिए ये पशुपालकों की जिम्मेदारी है कि वे अपनी गाय, भैंस और दूसरे पशुओं का ध्यान रखें और उनके लक्षणों पर गौर से नजर रखें।
जैसे ही पशु हीट स्ट्रेस में आएगा तो वह हांफने लगेगा। उसकी जीभ बाहर आ जाएगी। सांसे तेज चलने लगेंगीं। गाय सामान्यतः एक मिनट में 15 से 30 बार सांस लेती है। गाय में अगर सांस लेने की रफ्तार एक मिनट में 50 से अधिक हो तो हम कहेंगे कि वह हीट स्ट्रेस का शिकार हो गई है।
गर्मी के मौसम में पशु चारा खाना कम कर देते हैं जिसके कारण जितना चारा दाना वह खाते हैं उससे उनकी ऊर्जा, प्रोटीन और विटामिन मिनरल्स की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति नहीं होती है। इसलिए गर्मी के मौसम में पशुओं के खान पान का विशेष ध्यान रखना होता है।
1. गर्मी के मौसम में पानी सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्व है। इसलिए इस मौसम में पशुओं को भरपूर मात्रा में साफ और शीतल जल पिलाएं। धूप में रखा हुआ पानी कदापि ना दें।
2. गर्मी के मौसम में भूसे की मात्रा कम कर दें और रातिब मिश्रण की मात्रा बढा दें।
3. इस समय कोशिश करें कि पशु को जो भी हरा चारा दिया जाए वह मुलायम हो।
4. इस मौसम में चूंकि पशु कम चारा खायेगा इसलिए पर्याप्त ऊर्जा और प्रोटीन की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए उसके रातिब मिश्रण में ऊर्जा और प्रोटीन की मात्रा बढा दें। इसके लिए कोई भी अनाज जैसे गेहूं, चावल, ज्वार, बाजरा 40 किलो; चोकर या चूरी 37 किलो और कोई भी खली 20 किलो लेकर उसमें 1 किलो सादा नमक और 2 किलो विटामिन मिनरल मिक्सचर मिला लें। इस प्रकार बने रातिब मिश्रण में ऊर्जा और प्रोटीन की मात्रा अधिक होगी।
5. ऊर्जा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए पशुओं को प्रतिदिन 100 ग्राम तक सरसों का तेल भी दिया जा सकता है।
6. इस समय पशु की इलेक्ट्रोलाईट्स की आवश्यकता बढ़ जाती है इसलिए पशुओं को विरबेक कम्पनी का प्रोब्लेण्ड पाऊडर 50 से 100 ग्राम प्रतिदिन दिया जा सकता है। इसे देने से इलेक्ट्रोलाईट्स बैलेंस बना रहेगा।
7. इसके अलावा पशुओं को चारा दाना सुबह और शाम को ठंडक के समय ही दें।
8. पशुशाला में गर्मी से बचाव के पर्याप्त इंतज़ाम करें जैसे फर्राटा पंखे लगा दें। हो सके तो फोगर लगा दें। ये ना हो सके तो पशुओं के ऊपर पानी में भीगी टाट पट्टी ही डाल दें ताकि ठंडक बनी रहे।
9. पशुओं को ज्यादा देर धूप में ना रखें।
10. अगर कोई पशु हीट स्ट्रेस से ग्रसित दिखे तो तुरंत चिकित्सीय सहायता लें।
संकलन -डॉ संजीव कुमार वर्मा, प्रधान वैज्ञानिक (पशु पोषण)
केंद्रीय गोवंश अनुसंधान संस्थान, मेरठ छावनी
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