दूध के दाम गिरे, लेकिन डेयरी कंपनियों के मुनाफे में भारी बढ़ोतरी

डेयरी टुडे डेस्क,
मुंबई, 27 अगस्त 2018,

डेयरी कंपनियों के शुद्ध लाभ में चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में अच्छी बढ़ोतरी रही है। इसमें डेयरी कंपनियों को कम उत्पादन लागत का फायदा मिला है। उदाहरण के लिए प्रभात डेयरी का शुद्ध लाभ वित्त वर्ष 2019 की पहली तिमाही में 90 फीसदी बढ़कर 11.1 करोड़ रुपये रहा है। पिछले साल की इसी तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ 5.8 करोड़ रुपये रहा था। हालांकि कंपनी का राजस्व केवल 7.3 फीसदी बढ़कर 386 करोड़ रुपये रहा है, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 360 करोड़ रुपये था। मुंबई की प्रभात डेयरी की दूध खरीद आलोच्य तिमाही में 16 फीसदी बढ़कर औसतन 10.8 लाख लीटर प्रतिदिन रही। कंपनी की दूध खरीद कीमत 24 फीसदी घटकर 20.6 रुपये प्रति लीटर रही।

हैदराबाद की हेरिटेज फूड्स का कुल शुद्ध लाभ अप्रैल-जून तिमाही में 14 फीसदी बढ़कर 21.3 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की इसी तिमाही में 18.7 करोड़ रुपये था। कंपनी का राजस्व महज 4 फीसदी बढ़कर 642 करोड़ रुपये रहा, जो पिछले साल की अप्रैल-जून तिमाही में 617 करोड़ रुपये था। अप्रैल-जून तिमाही में डेयरी कंपनियों के शुद्ध लाभ में भारी बढ़ोतरी के आंकड़े ऐसे समय आए हैं, जब दूध उत्पादक किसान दूध की कीमतों में भारी गिरावट से बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। देश के दक्षिणी और पश्चिमी राज्यों में दूध की औसत कीमतें घटकर 17 से 18 रुपये प्रति लीटर पर आ गईं। हालांकि अब दूध की कीमतें बढ़कर 25 रुपये प्रति लीटर पर आ गई हैं। इस साल जुलाई में महाराष्ट्र सरकार के न्यूनतम बिक्री कीमत 25 रुपये प्रति लीटर तय करने के बाद दाम बढ़े हैं। दूध की कीमतों में इस बढ़ोतरी से आने वाली तिमाहियों में डेयरी कंपनियों का मार्जिन कम हो सकता है।

अमूल ब्रांड के दूध उत्पादों की बिक्री करने वाली गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) के प्रबंध निदेशक आर एस सोढी ने कहा, ‘डेयरी कंपनियों के मुनाफे में अप्रैल-जून तिमाही में सुधार दूध की कम कीमतों से हुआ है। किसानों की सहकारी संस्था होने के नाते हम देश की अन्य निजी डेयरियों से 8 से 10 रुपये ज्यादा कीमत देते हैं। हालांकि दूध की कीमतों में बढ़ोतरी से मार्जिन घटने के कारण डेयरी कंपनियां सितंबर तिमाही में इतना लाभ हासिल नहीं कर पाएंगी।’ आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु की राज्य सरकार किसानों को 5 रुपये प्रति लीटर तक की सब्सिडी देती हैं। महाराष्ट्र सरकार ने जुलाई में ऐसी ही सब्सिडी की घोषणा की है। लेकिन यह सब्सिडी मूल्य संवर्धित उत्पादों के लिए खरीदे और इस्तेमाल किए जाने वाले दूध पर मिलेगी। इस वजह से डेयरी कंपनियां खुदरा बिक्री के लिए खरीदे जाने वाले दूध पर सब्सिडी का लाभ हासिल नहीं कर पाएंगी। एडलवाइस सिक्योरिटीज की एक विश्लेषक श्रृद्धा सेठ ने कहा, ‘प्रभात डेयरी को करीब 25 फीसदी आमदनी ताजा दूध से होती है, जिस पर सब्सिडी नहीं मिलती। हालांकि कंपनी को नहीं लगता कि उसके मार्जिन पर दबाव बढ़ेगा।’

(साभार- बिजनेस स्टैंडर्ड)

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