जरूर कराएं अपनी गाय और भैंस का बीमा, भारी सब्सिडी दे रही है सरकार

डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 17 जुलाई 2017

पशुओं का बीमा कराना आज के दौर में काफी जरूरी है। इसके लिए केंद्र और राज्य सरकार की तरफ से कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। और बीमा के प्रीमियम पर सब्सिडी दी जा रही है। कई बार पशु अकाल मौत का शिकार हो जाते हैं और उनका बीमा न होने के कारण पशुपालक को भारी आर्थिक नुकसान होता है। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा पशुधन बीमा योजना चलाई जा रही है, जिसमें पशुपालक तीन सौ से भी कम रुपए में अपनी गाय और भैंस समेत दूसरे पालतू जानवरों का साल भर का बीमा करा सकते हैं।

इस योजना के तहत प्रदेश में गाय-भैंस, बैल, सांड, भेड़, बकरी समेत सभी पशुओं का बीमा किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद के मुताबिक इस योजना में पहले केवल 50 प्रतिशत अनुदान केंद्र सरकार देती थी पर अब 25 प्रतिशत अनुदान राज्य सरकार भी देगी। ऐसे में पशुपालक को बीमा के रकम की केवल 25 प्रतिशत धनराशि ही देनी होगी। यदि कोई पशुपालक अपने पशु का बीमा कराना चाहता है तो उसे सिर्फ अपने नजदीकी पशुचिकित्सालय में सूचित करना होगा और बीमा कंपनी का कर्मचारी खुद पशुओं का बीमा करने आपके दरवाजे पर पहुंचेगा। पशु की मौत होने पर उसका पोस्टमार्टम कराना होगा और इसकी रिपोर्ट के आधार पर ही बीमा कंपनी क्लेम की राशि प्रदान करेगी। आपको बता दें कि 19वीं पशुगणना के अनुसार उत्तर प्रदेश में कुल चार करोड़ 75 लाख पशुधन है।

यूपी के सभी जिलों में लागू है पशुधन बीमा योजना

जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना के तहत एक लाख 10 हजार पशुओं का बीमा करने का लक्ष्य रखा गया है, और प्रदेश में 60 हजार पशुओं का बीमा कराया जा चुका है। पुराने नियमों के अनुसार प्रदेश के 39 जिलों में राष्ट्रीय पशुधन बीमा योजना चालू थी। लेकिन अब यह योजना उत्तर प्रदेश के सभी जिलों में लागू है। जिस पशुपालक के पास अधिकतम पांच पशु है तो वह पशुओं का बीमा करा सकता है।

बीमा कराने पर पशुओं के लगेगा डिजिटल टैग

पशुओं का बीमा कराने के बाद इंश्योरेंस कंपनी की ओर से ही पशुओं के कानों में डिजिटल टैग लगाए जाएंगे। टैग लगने के बाद बीमित पशुओं का पूरा विवरण बीमा कंपनी के साथ-साथ पशुपालन विभाग के पास भी रहेगा। इस टैग से पशुओं के बारे में पूरी जानकारी ली जा सकेगी।

टैक्स फ्री है पशुधन बीमा योजना

जोखिम प्रबन्धन एवं पशुधन बीमा योजना कर मुक्त है। स्वदेशी पशुओं का बीमाकरण प्राथमिकता के आधार पर किया जाना है, ताकि छोटे/सीमान्त किसानों तथा भूमिहीन मजदूरों को योजनान्तर्गत लाभान्वित किया जा सके। पशु बीमाकरण हेतु बीमा कम्पनी द्वारा पशुपालक के साथ पशु का एक फोटो और पशु का टैग लगा हुआ एक स्पष्ट फोटो लेना अनिवार्य है। पशु बीमाकरण प्रक्रिया में वांछित फोटोग्राफ की जिम्मेदारी बीमा कम्पनी की होगी। पशु को वर्तमान बाजार मूल्य के आधार पर बीमित किया जाता है।

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