हरियाणा: कर्ज में डूबे 10 लाख किसानों का 4,750 करोड़ रुपये का ब्याज और जुर्माना माफ

डेयरी टुडे नेटवर्क,
चंडीगढ़/रोहतक, 3 सितंबर 2019,

हरियाणा की मनोहर लाल खट्टर सरकार ने प्रदेश के करीब 10 लाख किसानों को विधानसभा चुनाव से पहले बड़ा तोहफा दिया है। सोमवार को रोहतक और भिवानी में जन आशीर्वाद रथयात्रा के दौरान मुख्यमंत्री खट्टर ने सहकारी बैंकों से कर्ज लेने वाले किसानों के लिए एकमुश्त समाधान योजना (ओटीएस) का एलान किया। इस योजना के तहत कर्ज के ब्याज और जुर्माने की करीब 4750 करोड़ की राशि माफ की जाएगी। सीएम खट्टर के मुताबिक अब तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कुल 4750 करोड़ रुपये का राहत पैकेज किसानों को दिया जा रहा है। वास्तविक आंकड़ों के बाद पैकेज लगभग पांच हजार करोड़ रुपये के आसपास पहुंच जाएगा।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया कि एकमुश्त समाधान योजना का लाभ लेने के लिए किसानों को तीन महीने में सहकारी बैंकों से लिए गए कर्ज की मूल राशि जमा करानी होगी। मूल ऋण की अदायगी की अंतिम तिथि 30 नवंबर 2019 तय की गई है। उन्होंने बताया कि प्राथमिक सहकारी कृषि समितियों, जिला केंद्रीय सहकारी बैंक, हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक के ऋणी किसानों को इस योजना का सीधा लाभ मिलेगा। जिन किसानों के खाते इन बैंकों द्वारा एनपीए (नॉन परफार्मिंग एसेस्ट्स) घोषित कर दिए गए थे और किसान ऋणों को नया नहीं करवा पा रहे थे, अब इस घोषणा के बाद किसान फसलों के ऋण खातों का चक्र बदलवा सकेंगे।

मुख्यमंत्री खट्टर ने बताया कि प्राथमिक कृषि एवं सहकारी समितियों से लगभग 13 लाख किसानों ने ऋण ले रखे हैं, जिनमें से 8.25 लाख किसानों के खाते एनपीए घोषित हो चुके हैं। पैक्स (प्राइमरी एग्रीकल्चरल कोऑपरेटिव सोसायटी) की फसली ऋणों की चार प्रतिशत ब्याज दर राज्य सरकार वहन करती है। तीन प्रतिशत नाबार्ड वहन करता है। फसली ऋणों की अदायगी समय पर नहीं करने वाले किसानों को पांच प्रतिशत की दर से ब्याज पर पेनल्टी लगाई जाती थी, जो अब पूरी तरह माफ की जाएगी। चार प्रतिशत राज्य सरकार की ओर से वहन की जाएगी और नाबार्ड की तीन प्रतिशत ब्याज की दर में से 1.5 प्रतिशत प्रदेश सरकार और 1.5 प्रतिशत पैक्स अपने स्तर पर वहन करेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि पैक्स के ऋणी किसानों को इस घोषणा से 2500 करोड़ का लाभ मिलेगा।

जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से प्रदेश के 85 हजार किसानों ने ऋण लिए हैं, जिनकी मूल ऋण राशि 1800 करोड़ रुपये बनती है, जिनमें से 32 हजार किसानों के खाते एनपीए हो गए हैं। बैंकों द्वारा 12 से 15 प्रतिशत की ब्याज दर से किसानों को ऋण दिया जाता है। सरकार ने ऐसे किसानों की सहायता के लिए एक कार्य योजना बनाई है, जिसमें पेनल्टी पूरी तरह से माफ कर दी गई है।

जिन किसानों ने जिला केंद्रीय सहकारी बैंकों से पांच लाख रुपये तक का ऋण लिया है, उन्हें दो प्रतिशत ब्याज दर में छूट, पांच से दस लाख रुपये तक के ऋण वाले किसानों को पांच प्रतिशत ब्याज दर में छूट और 10 लाख से अधिक के ऋण पर 10 प्रतिशत ब्याज दर में छूट दी जाएगी। इस पर किसानों का चक्रवृद्धि ब्याज पूरी तरह से माफ कर दिया गया है। इससे किसानों को 1800 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

श्री खट्टर ने बताया कि तीसरी श्रेणी के हरियाणा भूमि सुधार एवं विकास बैंक (लैंड मॉरगेज बैंक) के 1.10 लाख ऋणी किसान हैं, जिनमें से 70 हजार किसानों के खाते एनपीए हो चुके थे। इन किसानों की मूल ऋण राशि 750 करोड़ रुपये की है और ब्याज व जुर्माने की राशि 1400 करोड़ देय बनती है। इन बैंकों के किसानों का पूरा पैनल ब्याज माफ कर दिया गया है। केवल सामान्य ब्याज का 50 प्रतिशत ही किसानों को देना होगा, शेष 50 प्रतिशत राज्य सरकार वहन करेगी। लैंड मॉरगेज बैंक के किसानों को इस योजना से 450 करोड़ रुपये का लाभ मिलेगा।

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