जम्मू-कश्मीर: डेयरी सेक्टर में ‘AMUL’ करेगा निवेश, युवाओं को मिलेगा डेयरी उद्यमी बनने का मौका

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 6 अगस्त 2019,

जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटने के बाद वहां निवेश की संभावनाएं बनने लगी है। भारत सरकार की तरफ से जम्मू-कश्मीर में दूध के क्षेत्र में विकास की योजना तैयार की जा रही है। इस काम में गुजरात कॉपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (जीसीएमएमएफ) सरकार को पूरा सहयोग देगा। जीसीएमएमएफ अमूल नाम से देश भर में दूध की सप्लाई करता है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में जीसीएमएमएफ के प्रबंधकों ने कश्मीर के राज्यपाल से मुलाकात भी की है। कश्मीर में धारा 370 के प्रावधानों को हटने के बाद वहां डेयरी उद्योग में एक नई उम्मीद जगी है।

सूत्रों के मुताबिक जीसीएमएमएफ के प्रबंधकों ने कश्मीर के उच्च स्तरीय अधिकारियों से भी मुलाकात की है और कश्मीर के डेयरी जगत में तकनीक सपोर्ट के साथ प्रबंधन एवं दूध खरीदारी सिस्टम को डेवलप करने की इच्छा जताई है। फिलहाल कश्मीर में डेयरी उद्योग से जुड़े लोग काफी कम कमा पाते हैं। क्योंकि वहां दूध उत्पादन की लागत ऊंची है और उन्हें निजी कंपनियों के दूध उत्पादकों से मुकाबला करना पड़ता है। यही वजह है कि कश्मीर के किसान डेयरी के क्षेत्र में दिलचस्पी कम ले रहे हैं।

कॉपरेटिव मॉडल पर मवेशियों के खाद्य पदार्थ बनाने का काम शुरू होगा

डेयरी मंत्रालय सूत्रों के मुताबिक कश्मीर में धारा 370 के हटने के बाद जीसीएमएमएफ की मदद से डेयरी क्षेत्र का तेजी से विकास होगा। इस साल 5 जुलाई को पेश बजट में भी केंद्र सरकार ने कृषि क्षेत्र में बुनियादी सुविधाओं के विकास की घोषणा की थी। सूत्रों के मुताबिक जीसीएमएमएफ की तरफ से जम्मू-कश्मीर के किसानों को डेयरी उद्यमी के तौर पर विकसित किया जाएगा और उन्हें हर प्रकार की सहायता दी जाएगी। कॉर्पोरेटिव मॉडल पर वहां मवेशियों के खाद्य पदार्थ बनाने का काम शुरू किया जाएगा। साथ ही दूध की खरीदारी उसकी प्रोसेसिंग और मार्केटिंग की व्यवस्था भी कॉर्पोरेटिव तरीके से होगा।

जम्मू-कश्मीर में पैक्ड मिल्क बेचने का बड़ा बाजार

स्थानीय सरकार से मदद नहीं मिलने की वजह से जम्मू-कश्मीर में डेयरी उद्योग का विकास नहीं हो सका। अब तक वहां सिर्फ दो प्रोसेसिंग यूनिट काम कर रही है। इसकी प्रोसेसिंग क्षमता प्रतिदिन 50,000 लीटर दूध को प्रोसेस करने की है। कश्मीर की महिलाएं सेल्फ हेल्प ग्रुप के माध्यम से डेयरी के क्षेत्र में काम कर रही है। प्रोसेसिंग यूनिट से प्रोसेस्ड 20-25 हजार लीटर दूध को अमूल प्रतिदिन खरीदता है जिसे स्नो कैप के नाम से बेचा जाता है। श्रीनगर एवं आसपास के इलाकों में बिना पैक के दूध की बिक्री की जाती है, लेकिन अभी इन इलाकों में दूध की बिक्री के लिए काफी बड़ा बाजार है। इस बाजार में बटर, चीज, आइसक्रीम एवं पनीर की बिक्री के लिए काफी बड़ा बाजार मौजूद है।

निवेदन:– कृपया इस खबर को अपने दोस्तों और डेयरी बिजनेस, Dairy Farm व एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ शेयर जरूर करें..साथ ही डेयरी और कृषि क्षेत्र की हर हलचल से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज https://www.facebook.com/DAIRYTODAY/ पर लाइक अवश्य करें। हमें Twiter @DairyTodayIn पर Follow करें।

Editor

Recent Posts

डेयरी स्टार्टअप Doodhvale फार्म्स ने निवेशकों से जुटाए 25 करोड़ रुपये, कारोबार बढ़ाने में होगा इस्तेमाल

डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 22 नवंबर 2024, डेयरी स्टार्टअप दूधवाले फार्म्स ने कारोबार बढ़ाने…

3 weeks ago

दिल्ली-एनसीआर में लॉन्च हुआ Nandini Milk, मदर डेयरी और अमूल को मिलेगी टक्कर

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 21 नवंबर 2024, दिल्ली-एनसीआर के बाजार में कर्नाटक…

3 weeks ago

दिल्ली में AMUL और Mother Dairy के सामने चुनौती खड़ी करेगी कर्नाटक की नंदिनी डेयरी

नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क, नई दिल्ली, 20 नवंबर 2024, कर्नाटक का नंदिनी मिल्क ब्रांड…

3 weeks ago

पंजाब सरकार डेयरी फार्मिंग को बढ़ावा देने के लिए जल्द लेकर आएगी नई परियोजना

डेयरी टुडे नेटवर्क, चंडीगढ़, 19 नवंबर 2024 पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान राज्य में डेयरी…

4 weeks ago