BY नवीन अग्रवाल/डेयरी टुडे नेटवर्क
लखनऊ/कानपुर, 25 जुलाई 2017
उत्तर प्रदेश में कामधेनु डेयरी फार्मर्स की समस्याओं को लेकर अब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गंभीर दिखाई दे रहे हैं। दूध की कीमत नहीं मिलने और लोन के बोझ तले दबे कामधेनु डेयरी फार्मर्स को सरकार से जल्द ही काफी सहूलियतें मिलने वाली हैं। तीन मई को लखनऊ में कामधेनु डेयरी फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन की तरफ से एक प्रदेश स्तर के सम्मलेन का आयोजन किया था इस सम्मेलन में यूपी के दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी, पशुधन विकास राज्य मंत्री जय प्रकाश निषाद समेत पशुपालन विभाग और दुग्ध विकास विभाग तमाम आलाधिकारियों ने शिरकत की थी। इसी सम्मेलन में कामधेनु डेयरी चलाने वालों की समस्याओं पर विचार करने के लिए एक समिति बनाने के फैसला लिया गया था। इस समिति में पशुपालन विकास बोर्ड के सीईओ डॉ. बी बी एस यादव, पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. चरण सिंह यादव, कामधेनु योजना के निदेशक जी सी पाण्डेय समेत कई और अफसरों की शामिल किया गया था। तब से इस समिति की कई बैठकें हो चुकी हैं।
लोन पीरियड नौ साल किया गया-सूत्र
सूत्रों के मुताबिक कामधेनु डेयरी फार्मर्स की लोन पीरियड को पांच साल से बढा कर नौ साल करने, डेयरी में दूध नहीं देने वाली गायों और भैंसों को हटाने, डेयरी में देसी गायों को रखने की अनुमति देने, पशुओं को दूसरे राज्यों से खरीदने की शर्त को खत्म कर यूपी से भी खरीदने की अनुमति देने जैसी कई बडी मांगों को मान लिया गया है। सूत्रों ने ये भी बताया कि कामधेनु योजना के तहत जो भी डेयरियां चल रही हैं यदि वो तय मानक के पचास फीसदी से ज्यादा पशुओं के जरिए संचालित हो रही है तो सरकार की तरफ से उनके सभी लाभों और सुविधाओं को बरकरार रखा जाएगा। बताया जा रहा है कि 15 जून को प्रदेश के कृषि उत्पादन आयुुक्त की अध्यक्षा में हुई बैठक में इनके अलावा भी कई और मागों को मानने पर भी सहमति बन चुकी है। इसको लेकर शासनादेश भी तैयार हो चुका है और जल्द इसे जारी कर दिया जाएगा।
डेयरी फार्मर्स एसोसिएशन की मेहनत रंग लाई
इस संबंध में कामधेनु डेयरी फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नवनीत महेश्वरी ने बताया वो लगातार डेयरी फार्मर्स की समस्याओं को लेकर सरकार के सामने अपनी मांगे उठाते आए हैं और इसी का नतीजा है कि आज सरकार उनकी ज्यादातर मांगों को मानने पर मजबूर हुई है। सरकार द्वारा बनाई गई उच्चस्तरीय समिति में शामिल रहे श्री महेश्वरी ने बताया कि हमारी सबसे बडी समस्या दूध के सही दाम नहीं मिलने की है। हालांकि इसको लेकर अभी सरकार ने अभी कोई समाधान नहीं सुझाया है।
कामधेनु योजना को नई ताकत मिलने की उम्मीद
आपको बता दें कि पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की सरकार में इस महात्वाकांक्षी योजना को शुरू किया गया था। तत्कालीन सरकार ने काफी जोर-शोर के साथ इस योजना को लांच किया था और डेयरी खोलने वालों को काफी सब्जबाग दिखाए थे। लेकिन इतनी बडी योजना के लिए जो आधारभूत ढांचा तैयार किया जाना था वो सरकार नहीं बना पाई और इसी का नतीजा रहा कि धीरे-धीरे कामधेनु योजना अपनी चमक खोती गई और बडी-बडी नौकरियां छोड कर डेयरी उद्योग में अपना भविष्य संवारने का सपना लेकर आने वाले हजारों युवाओं, पेशेवरों के सामने संकट खडा होता गया। हद तो तब हो गई जब मार्च में सत्ता में आने वाली बीजेपी की सरकार ने भी इस योजना से अपने हाथ खींच लिए और कामधेनु योजना की जगह गोपालक योजना शुरू करने का एलान कर दिया। कामधेनु डेयरी फार्मर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष नवनीत महेश्वरी, महासचिव मानस अग्रवाल और उनके साथियों की संघर्ष की बदौलत अब योगी सरकार इनकी समस्याओं को लेकर जाग्रत हुई है। अब उम्मीद बंधी है कि जल्द ही इनकी वाजिब मांगों को माना लिया जाएगा और प्रदेश में दम तोडती कामधेनु योजना को नई ताकत मिल सकेगी।
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Me ak dairy kholana chahata hu
यह बहुत ही महत्वपूर्ण एवं आवश्यक योजना है, हमारे भारत जैसे कृषि प्रधान देश के लिये ।।
मैं भी एक डेरी फार्म खोलना चाहता हूँ ।।
कामधेनुु डेयरी के लिए अच्छी खबर है, अगर हमें ये सभी सुुविधाएं मिल जाएंगी तो कामधेनु डेयरियां बंद होने से बच जाएंगी, मुख्यमंत्री आदित्यानाथ योगी को जल्दी ही इन्हें लागू करना चाहिए ताकि हमारे जैसे डेयरी संचालकों की समस्याएं कुछ कम हो जाएं
Kamdhenu is good how to appeal p information