नवीन अग्रवाल, डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 20 नवंबर 2024,
कर्नाटक का नंदिनी मिल्क ब्रांड देश की राजधानी नई दिल्ली में दस्तक देने जा रहा है। अपने विस्तार के तहत नंदिनी मिल्क को दिल्ली मेंं लॉन्च किया जा रहा है, जहां यह अमूल और मदर डेयरी जैसे स्थापित मिल्क ब्रांड्स को टक्कर देगा। कर्नाटक मिल्क फेडरेशन (KMF), जो नंदिनी ब्रांड के तहत अपने डेयरी प्रोडक्ट का मार्केट करता है, दूध और दही जैसे ताजा डेयरी प्रोडक्ट्स के साथ नई दिल्ली तक अपनी पहुंच का विस्तार करने के लिए तैयार है। आपको बता दें कि नंदिनी कर्नाटक का सबसे बड़ा मिल्क ब्रैंड है और कर्नाटक के अलावा आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, केरल, महाराष्ट्र और गोवा में भी इसकी जबरदस्त पकड़ है। नंदिनी ब्रांड का मालिकाना हक कर्नाटक कोऑपरेटिव मिल्क प्रोड्यूसर्स फेडरेशन लिमिटेड (KMF) के पास है। KMF, अमूल बनाने वाले गुजरात कोऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन (GCMMF) के बाद देश का दूसरा सबसे बड़ा डेयरी कोऑपरेटिव फेडरेशन है।
अमूल और मदर डेयरी को मिलेगी कड़ी टक्कर-KMF के प्रबंध निदेशक एमके जगदीश ने बताया, “कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया 21 नवंबर को राष्ट्रीय राजधानी में नंदिनी दूध और दही उत्पादों को लॉन्च करेंगे। हम 26 नवंबर को बेंगलुरु में इडली और डोसा बैटर भी पेश करेंगे। KMF अपने प्रोडक्ट्स कर्नाटक, महाराष्ट्र (मुंबई, नागपुर, पुणे और सोलापुर सहित), गोवा, हैदराबाद, चेन्नई और केरल में बेचता है।
दिल्ली में एंट्री उत्तर भारतीय बाजार में प्रवेश करने का प्रयास होगा, जहां इसका नंदिनी ब्रांड गुजरात सहकारी दूध विपणन संघ के अमूल के साथ कॉम्पिटीशन करेगा। केएमएफ ने मांड्या से दिल्ली और हरियाणा के कुछ हिस्सों सहित आसपास के इलाकों में दूध पहुंचाने के लिए 2,190 टैंकरों का इस्तेमाल करने की योजना बनाई है। यह एक तरफ से लगभग 2,400-2,500 किलोमीटर की है, जिसमें दूध को ताजा बनाए रखने के लिए कड़े गुणवत्ता नियंत्रण की आवश्यकता होती है।
अधिकारी ने कहा, “प्रतिदिन परिवहन किए जाने वाले दूध की अनुमानित मात्रा लगभग 100,000 किलोग्राम है। 33 किलोलीटर टैंकरों के साथ, प्रतिदिन तीन टैंकरों की आवश्यकता होगी। केएमएफ कर्नाटक के 22,000 गांवों में 15 यूनियनों, 24 लाख दूध उत्पादकों और 14,000 सहकारी समितियों के विशाल नेटवर्क की देखरेख करता है। यह प्रतिदिन 8.4 मिलियन लीटर दूध का प्रसंस्करण करता है और 65 से अधिक उत्पाद पेश करता है। महासंघ किसानों को प्रतिदिन 17 करोड़ रुपये वितरित करता है और 2021-22 में लगभग 19,800 करोड़ रुपये का कारोबार करने की सूचना दी है।
केएमएफ सशस्त्र बलों को भी दूध की सप्लाई करता है तथा मध्य पूर्व, सिंगापुर, भूटान, म्यांमार और अमेरिका जैसे अंतर्राष्ट्रीय बाजारों में दूध का एक्सपोर्ट करता है।
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