डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 4 नवंबर 2017,
भारत के संपूर्ण आहार और खाद्य ब्रांड के तौर पर शनिवार को यहां 918 किलोग्राम खिचड़ी तैयार की गई. इसे ‘गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्डस’ में स्थान दिया गया है. खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय द्वारा यहां आयोजित विश्व खाद्य सम्मेलन 2017 एवं प्रदर्शनी में ग्रेट इंडिया फूड स्ट्रीट के ब्रांड एंबेस्डर और जाने माने खानसामा संजीव कपूर और उनकी टीम ने इस खिचड़ी को तैयार किया. चावल, दाल, ज्वार, रागी सहित कई तरह के अनाज वाली, तमाम विटामिन युक्त, पोषक खिचड़ी को भारत के खाद्य ब्रांड के तौर पर पेश किया गया. इस अवसर पर ‘गिन्नीज बुक ऑफ वर्ल्ड्स’ के अधिकारी इस अवसर पर उपस्थित थे. मास्टरशेफ कपूर और अक्षयपात्र एनजीओ ने बनाने की तैयारियों की रात भर निगरानी की. योगगुरु रामदेव ने इसमें तड़का लगाया.
गिनीज विश्व रिकॉर्ड की प्रोजेक्ट मैनेजर पाउलिना सपिंस्का ने कार्यक्रम में कहा, ‘‘हम अभी भी खिचड़ी का इंतजार ही कर रहे हैं. मुझे यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि 918 किलोग्राम खिचड़ी को गिनीज बुक में जगह दी जा रही है.’’ विश्व रिकॉर्ड बनाने के लिए न्यूनतम वजन 500 किलोग्राम आवश्यक था. हालांकि शेफ कपूर ने 800 किलोग्राम से अधिक का लक्ष्य तय किया था. टीम में इम्तियाज कुरैशी, रणवीर बरार, सुधीर सिब्बल, राकेश सेठी, अक्षय नैय्यर, सतीश गौड़ा जैसे शेफ भी शामिल रहे.
योग गुरु रामदेव ने खिचड़ी को संपूर्ण आहार बताया. उन्होंने कहा यह भारत का आहार है, उपहार है. ‘खिचड़ी’ को विश्व पटल पर पेश करने के लिये उन्होंने सरकार का आभार जताया. उन्होंने कहा, खिचड़ी का विश्व रिकार्ड बनेगा, भारत के खाद्य बाजार को नया आधार मिलेगा. यह स्वदेशी का प्रतीक है, यह विदेश में धूम मचायेगी.’’ खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने खिचड़ी को भिन्नता में एकता का प्रतीक बताया. उन्होंने कहा कि पूरे देश में किसी न किसी रूप में खिचड़ी पकाई जाती है. अमीर-गरीब, यह हर-एक का खाना है. ‘‘हम इसे भारत के आहार के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पेश करेंगे. खिचड़ी की अपनी संदुरता है. आज गुरु पर्व के दिन तैयार की गई इस खिचड़ी को विदेशी मेहमानों के साथ साथ आम जनता और गरीब बच्चों को वितरित किया जायेगा.’’
जाने माने खानसामा संजीव कपूर ने कहा, ‘‘आज खिचड़ी का दिन है. यह पूरे देश का प्रतिनिधित्व करने वाली खिचड़ी है. यह चावल, मूंग दाल, ज्वार, रागी, गाजर आदि से बनी है.’’ आईटीसी होटल्स के मास्टर शेफ कुरैशी ने खिचड़ी जैसे भारतीय खाद्य को प्रोत्साहित करने की सरकारी कोशिश की सराहना करते हुए कहा कि इसे अब विश्व भर में काफी दिलचस्पी से पसंद किया जा रहा है.
बच्चों को दोपहर का भोजन उपलब्ध कराने वाली प्रमुख संस्था अक्षयपात्र के उत्तर भारत के अध्यक्ष नरसिंह दास ने संवाददाताओं को बताया कि इस खिचड़ी को बनाने में करीब 125 किलो चावल, 45 किलो मूंग छिल्का की दाल, ढाई-तीन किलो घी और सुविधानुसार नमक का इस्तेमाल किया गया है. खिचड़ी को खाद्य मेले में आये 60 से अधिक देशों के कंपनी प्रमुखों को परोसने के साथ साथ दिल्ली में अंतरराज्जीय बस अड्डे के समीप हनुमान मंदिर और आजादपुर कॉलोनी में आम लोगों को वितरित किया गया.
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