पशुपालकों और डेयरी किसानों को किसान क्रेडिट कार्ड सुविधा देने के राष्ट्रव्यापी अभियान की शुरूआत

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 18 नवंबर 2021,

आजादी का अमृत महोस्तव कार्यक्रम के त हत मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, पुरुषोत्तम रूपाला ने वर्चुअल माध्यम से “राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान” की आधिकारिक रूप से शुरूआत की।

मंत्रालय द्वारा जारी विज्ञप्ति के अनुसार देश के सभी पात्र पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालकों को किसान क्रेडिट कार्ड का लाभ प्रदान करने के लिए मत्स्य विभाग (डीओएफ) और वित्तीय सेवा विभाग (डीएफएस) के सहयोग से 15 नवंबर 2021 से लेकर 15 फरवरी 2022 तक “राष्ट्रव्यापी एएचडीएफ केसीसी अभियान” का आयोजन कर रहा है। इस अभियान का आयोजन करने के लिए 10-11-2021 को राज्यों के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए गए।वित्तीय सेवाओं के विभाग द्वारा बैंकों के साथ-साथ राज्य सरकारों को भी आवश्यक निर्देश जारी किए गए हैं।

आज भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए पशुधन क्षेत्र बहुत ही महत्वपूर्ण है, जिसमें कृषि और संबद्ध क्षेत्र जीवीए का एक तिहाई हिस्सा शामिल है और जिनका सीएजीआर 8 प्रतिशत से ज्यादा है। इसके साथ ही पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन गतिविधियां लाखों लोगों को सस्ता और पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराने के अलावा किसानों के लिए,विशेष रूप से भूमिहीन, लघु और सीमांत किसानों तथा महिलाओं के बीच आय सृजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।यह समय की मांग है कि देश में पशुपालन गतिविधियों में शामिल भूमिहीन, लघु और सीमांत किसानों तथा महिलाओं को सम्मानजनक रूप से मान्यता प्रदान की जाए और केसीसी के माध्यम से कार्यशील पूंजी के लिए उनकी संस्थागत ऋण आवश्यकताओं को पूरा किया जाए, जिससे इस क्षेत्र की क्षमता का दोहन किया जा सके और रोजगार सृजन तथा आय में वृद्धि की जा सके।

पिछले वर्ष 1 जून 2020 से लेकर 31 दिसंबर 2020 तक,पशुपालन एवं डेयरी विभाग द्वारा वित्तीय सेवा विभाग के सहयोग से दुग्ध सहकारी समितियों और दुग्ध उत्पादक कंपनियों के पात्र डेयरी किसानों को एएचडीएफ केसीसी उपलब्ध कराने के लिए विशेष अभियान चलायागया था,जिसके परिणामस्वरूप 14 लाख से ज्यादा नए एएचडीएफ केसीसी को स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है।तथापि, पूरे देश में लगभग 10 करोड़ एएचडी किसान हैं, इसलिए डेयरी सहकारी समितियों के अलावा भीइसके विस्तार की पर्याप्त संभावनाएं मौजूद है,जिससे कि अन्य पात्र डेयरी किसानों के साथ-साथ पशुपालन गतिविधियों में शामिल अन्य को भी कवर किया जा सके।

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