डेयरी टुडे नेटवर्क,
कोटा, 13 अक्टूबर 2017,
कोटा जिला दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ द्वारा संचालित डेयरी प्लांट में स्टॉफ की गंभीर लापरवाही का मामला सामने आया है। बुधवार को सहकारी संघ के संचालक मंडल की वार्षिक आमसभा की बैठक के दौरान संचालक मंडल के सदस्य जयकिशन मीणा ने सरस डेयरी प्रशासन की बड़ी लापरवाही को उजागर किया है।
मीणा के मुताबिक 12 अगस्त की रात को डेयरी प्लांट के टैंक से 10 हजार लीटर दूध नाले में बह गया। जिसकी कीमत 5 लाख रुपये है। जिस वक्त वॉल्वो खुला रहने से टैंक से दूध डेयरी के नाले में बह रहा था। उस समय स्टाफ रात में दाल बाटी की पार्टी कर रहा था। यहां तक की चेयरमैन श्रीलाल गुंजल, एमडी श्याम बाबू वर्मा तक को इस बारे में पता नहीं लगा। वाट्स अप के जरिए मीणा को मामले का पता लगा, तो जिम्मेदारों की शिकायत की। 8 सितंबर को संचालक मंडल की मीटिंग हुई। मामले को चेयरमैन और एमडी के सामने रखा गया। अध्यक्ष ने एमडी को कमेटी गठित कर दोषियों का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। कमेटी में एमडी समेत तीन अधिकारी और दो संचालक मंडल के सदस्य शामिल किए गए। मीणा भी कमेटी के सदस्य है।
कमेटी को जांच करने के साथ दोषी व्यक्ति से दूध का हर्जाना वसूल करना था। मीणा ने बताया कि एक माह और तीन दिन निकल जाने के बाद भी, एमडी मामले की जांच नहीं कर पाए। उन्होंने मामले को ठंडे बस्ते में डालने का भी आरोप लगाया। मंच से मीणा ने अध्यक्ष गुंजल से कहा वह मामले की जांच करवाए और यदि एमडी वर्मा जांच कराने में असक्षम हैं, तो एमडी से 10 हजार लीटर दूध की कीमत 5 लाख रुपए डेयरी फंड में जमा कराएं।
वहीं एमडी ने कहा कि वह जल्द जांच कराकर दोषियों से हर्जाना वसूलेंगे। अध्यक्ष गुंजल ने भी उन्हें तत्काल कार्रवाई करने के निर्देश दिए। मीणा ने बताया कि सरस डेयरी प्लांट में लगे ज्यादातर कैमरे बंद पड़े है। दूध बहने की इतनी बड़ी घटना हो गई। डेयरी प्रशासन का उसका पता तक नहीं लगा। मीणा ने मांग की प्लांट में जो भी कैमरे खराब पड़े है डेयरी प्रशासन उन्हें ठीक करवाए।
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