डेयरी टुडे नेटवर्क
नई दिल्ली, 10 अक्टूबर 2017,
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को कहा कि सरकार 2022 तक 90 फीसदी भारतीय ग्रामीण घरों में पाइपलाइन से पानी की आपूर्ति करने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति ने इंडिया वॉटर वीक 2017 का उद्घाटन करते हुए कहा कि पानी की उपलब्धता मानवा गरिमा का पर्याय है और 600,000 गांवों और शहरी इलाकों में रह रहे लोगों को साफ पानी उपलब्ध कराना सरकार के लिए सिर्फ एक परियोजना नहीं है।
राष्ट्रपति ने कहा, “यह एक पावन प्रतिबद्धता है। सरकार ने 2022 तक सभी ग्रामीण क्षेत्रों में पीने योग्य पानी उपलब्ध कराने के लिए रणनीतिक योजना बनाई है। 2022 तक 90 फीसदी ग्रामीण आवासों में पाइप से पानी की आपूर्ति उपलब्ध कराने की योजना है।”
उन्होंने कहा कि पानी अर्थव्यवस्था, पारिस्थितिकी और मानव जीवन के लिए जरूरी है। पानी की कमी का मुद्दा जलवायु परिवर्तन और पर्यावरणीय चिंताओं की वजह से अधिक जटिल हो गया है।
उन्होंने कहा, “पानी का अधिक बेहतर और उचित इस्तेमाल भारतीय कृषि और उद्योग दोनों के लिए चुनौती है। इसके लिए हमारे गांवों और शहरों में नए मानदंडों के निर्माण की जरूरत है।”
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि मौजूदा समय में भारत में 80 फीसदी पानी का इस्तेमाल कृषि में और सिर्फ 15 फीसदी का उद्योगों द्वारा होता है। उन्होंने कहा कि हर साल शहरी भारत से 40 अरब लीटर अपशिष्ट जल उत्पन्न होता है। इसलिए इस अपशिष्ट जल में मौजूद विषाक्त तत्वों को घटाने के लिए प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल करने और फिर इस पानी का इस्तेमाल सिंचाई उद्देश्यों के लिए करने की जरूरत है।
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