यूपी: दुग्ध समितियों में महिलाओं को मिलेगी प्राथमिकता-लक्ष्मी नारायण

डेयरी टुडे नेटवर्क,
लखनऊ, 19 जुलाई 2017

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब नई दुग्ध समितियों में महिलाओं को प्राथमिकता देने जा रही है. प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री लक्ष्मी नारायण चौधरी ने मंगलवार को यह जानकारी दी. लक्ष्मी नारायण चौधरी ने कहा कि महिलाओं को इन समितियों में प्राथमिकता देने का उद्देश्य किसानों की आर्थिक हालत को मजूबत करना है. महिलाएं बचत की प्रवृत्ति रखती हैं, इसलिए जब उनको भुगतान किया जाएगा तो वह कुछ पैसे जरूर बचाएंगी जो उनकी माली हालत को मजबूत करेगा. अब सीधे महिला के खाते में बेचे गए दूध का पैसा भेजने की व्यवस्था की जा रही है.

पराग के केंद्रों पर दुग्ध कलेक्शन बढ़ा

चौधरी ने बताया कि वर्तमान सरकार के कार्यकाल में सूबे में पराग के केंद्रों पर दूध का कलेक्शन 60,000 लीटर प्रतिदिन बढ़ गया है. इसके साथ ही सरकार ने आगामी सितंबर माह तक पांच लाख लीटर और दिसंबर तक 10 लाख लीटर प्रतिदिन दूध के उत्पादन का लक्ष्य तय किया है. सरकार ने कन्नौज की एक लाख लीटर क्षमता वाली डेयरी को सितंबर माह तक तथा कानपुर की पांच लाख लीटर क्षमता वाली डेयरी को दिसंबर माह तक शुरू करने का लक्ष्य रखा है.

कन्नौज की डेयरी से मिलेगा गाय का दूध

प्रदेश के दुग्ध विकास मंत्री ने कहा कि इसके साथ ही पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर कन्नौज की डेयरी को गाय के दूध की डेयरी के तौर पर ही विकसित किया जाएगा. इसके लिए वहां पर मशीनें भी उसी के हिसाब से लगवाई जाएंगी. सरकार कन्नौज, कानपुर, लखनऊ, वाराणसी, गोरखपुर, फैजाबाद सहित 10 स्थानों पर कुल 26 लाख लीटर की क्षमता वाले प्रोजेक्ट ला रही है. इसके साथ ही चार पुरानी डेयरियों का तकनीकी उन्नयन किया जा रहा है. यह सभी 14 प्रोजेक्ट मार्च, 2018 तक आरंभ हो जाएंगे.

किसानों को जल्द मिलेगा भुगतान

मंत्री ने कहा कि दुग्ध समितियों के जरिए अभी तक किसान को भुगतान में देरी होती थी, लेकिन अब किसान को एक हफ्ते के अंदर ही सीधे उसके खाते में भुगतान करने की व्यवस्था की जाएगी. इसके साथ ही किसान से अब जैसे ही दूध लिया जाएगा, तुरंत ही अब उसके मोबाइल पर उससे खरीदे गए दूध की मात्रा तथा उसके मूल्य का संदेश भी चला जाएगा, जिससे कि उसके साथ गड़बड़ी न की जा सके.

जल्द किसानों को रोज मिलेगी दूध के दाम की जानकारी

उन्होंने कहा कि सूबे में अभी हर क्षेत्र में दूध की खरीद और बिक्री का भाव अलग-अलग है पर अब आने वाले अगस्त माह से पूरे प्रदेश में पराग की बिक्री और खरीद का भाव एक ही होगा. चौधरी ने बताया कि गाय के दूध की गुणवत्ता बच्चे के लिए मां के दूध की तरह ही होती है. साथ ही आयुर्वेदिक दवाओं के निर्माण में गाय के दूध और घी का ही प्रयोग किया जाता है. गाय की उपयोगिता केवल दूध के लिए ही नहीं है, बल्कि गौ मूत्र कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के उपचार में लाभदायक होता है. उन्होंने बताया कि सरकार एक ऐसा पोर्टल भी विकसित करा रही है, जिस पर हर रोज किसानों से खरीदे जाने वाले दूध की जानकारी भी उपलब्ध हुआ करेगी.

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