डेयरी टुडे डेस्क,
लखनऊ, 24 अगस्त 2017,
लखनऊ में सेना के जवानों के स्वास्थ्य के लिए दूध की आपूर्ति का जिम्मा जिस मिलिट्री फार्म पर था, वहां पर अनियमितता इस कदर बढ़ी कि सात महीने के दौरान 300 गायों ने दम तोड़ दिया। संक्रमण के कारण गायों को टीबी हो गई। जवानों को कई महीने तक टीबी वाली गायों का दूध पिलाया गया। दैनिक जागरण में छपी खबर के मुताबिक मामले की कोर्ट आफ इंक्वायरी शुरू हुई तो उसमें गायों को कम चारा मिलने और दवाओं की उपलब्धता न होने की बात भी सामने आयी। फिलहाल कोर्ट आफ इंक्वायरी छह महीने में भी पूरी न हो सकी है।
रक्षा मंत्रलय ने देश की सभी 39 मिलिट्री फार्म को बंद करने का आदेश यू ही नहीं दिया है। कई मिलिट्री फार्म में गायों की देखभाल को लेकर जमकर अनियमितताएं हुई हैं। सन 1899 में स्थापित लखनऊ मिलिट्री फार्म भी इससे अछूता नहीं रहा। यहां पिछले तीन साल के दौरान गायों की देखभाल को लेकर जमकर लापरवाही हुई।
कभी इस फार्म में दो हजार गायें होती थी। जिनकी संख्या घटकर अब एक हजार रह गई है। हालात दो साल पहले से बिगड़ने शुरू हुए। जब मिलिट्री फार्म के दो जिम्मेदार अधिकारियों के बीच समन्वय न होने के कारण गायों की देखभाल के लिए बजट तक जारी नहीं हो सका। जवानों का चारा और दवा खरीदने का अधिकारी इंचार्ज से वापस ले लिया गया। इस बीच गायें टीबी का शिकार हो चुकी थी।
पिछले साल अगस्त से भले ही चारा और दवा खरीदने का अधिकार इंचार्ज को मिल गया, लेकिन गायों की मौत का सिलसिला भी इसी समय शुरू हुआ। अगस्त 2016 से मार्च 2017 के बीच 300 गायों की मौत हो गयी। यह आंकड़ा दस्तावेजों पर दर्ज है। जबकि सूत्र बताते हैं कि गायों की मौत इससे कहीं अधिक हुई है।
मध्य कमान ने कराई जांच: इतनी बड़ी संख्या में गायों की मौत होने के बाद अनियमितताओं को लेकर मध्य कमान मुख्यालय ने कोर्ट आफ इंक्वायरी गठित करने का आदेश दिया। यह कोर्ट आफ इंक्वायरी मध्य यूपी सब एरिया मुख्यालय कर रहा है। मध्य कमान मुख्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक अब तक इंचार्ज, वेटनरी इंचार्ज सहित कई लोगों से पूछताछ हुई है।
जांच में सामने आया है कि मिलिट्री फार्म में तैनात कर्मचारियों में सफाई के प्रति जागरूकता नहीं थी। गंदगी अधिक थी जिससे संक्रमण तेजी से फैला। वेटनरी इंचार्ज पर गायों की देखभाल में लापरवाही बरतने का आरोप लगा।
मध्य कमान मुख्यालय की जनसंपर्क अधिकारी गार्गी मलिक सिन्हा का कहना है कि इस मामले में जानकारी के लिए सेना को पत्र भेजा गया है, लेकिन अब तक उनकी तरफ से कोई उत्तर नहीं मिला है। मामले की जानकारी मिलने के बाद ही कुछ बताया जा सकता है।
साभार-दैनिक जागरण
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