डेयरी टुडे नेटवर्क,
मुंबई/नई दिल्ली, 5 मई 2020,
देश में कोरोना लॉकडाउन के साथ डेयरी किसानों, दुग्ध उत्पादकों और पशुपालकों के व्यवसाय और कमाई पर बहुत बुरा असर पड़ा है। लॉकडाउन के बीच सबकुछ बंद है। हालांकि इस लॉकडाउन में दूध घरों तक पहुंच रहा है, लेकिन पहले की तुलना में डेयरी का मार्केट पूरी तरह से टूट चुका है। अब इस स्थिति के बीच में दूध उत्पादकों को भारी घाटे से बचाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने निर्णय लिया है कि 127 करोड़ रुपये खर्च करके वह 4 करोड़ लीटर दूध का पाउडर बनाएगी। पूरे महाराष्ट्र में सरकारी अधिकारी पशुपालकों से दूध इकट्ठा करेंगे, जिसके बाद इसका पाउडर बनाने की प्रक्रिया शुरू होगी।
जाहिर है कि कोरोना के चलते होटल से लेकर रेस्टोरेंट तक सब कुछ बंद हैं। ना मिठाई बन रही है और ना दूध का कोई बड़ा लेनदेन हो रहा है, जिसके चलते बाजार से 17 लाख लीटर दूध की कमी आई है और उत्पाद को भी नुकसान हो रहा है। सरकार ने राहत देते हुए अब अगले 2 महीने तक अतिरिक्त 4 करोड़ लीटर दूध के मिल्क पाउडर में बदलने का फैसला लिया है। पिछले हफ्ते महाराष्ट्र कैबिनेट द्वार इस बारे में फैसला लेने के बाद इस पर काम भी शुरू किया जा चुका है।
कैबिनेट के इस फैसले को महाराष्ट्र राज्य सहकारी दुग्ध महासंघ लागू कर रहा है। संस्था की ओर से सरकार और समितियों से दूध इकट्ठा किया जाएगा। उत्पादक को कुल मिलाकर 25 रुपये प्रति किलो तक दूध का दिया जाएगा। सरकार के इस फैसले के बाद किसानों को बड़ी राहत मिलने की उम्मीद है।
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Article is nice and based on facts
धन्यवाद, अनिल जी