डेयरी टुडे नेटवर्क,
रांची/नई दिल्ली, 28 मार्च 2020,
कोरोना महामारी की वजह से देशभर में दूध की बिक्री पर भारी असर पड़ा है। झारखंड राज्य में भी दूध की बिक्री आधे से भी कम हो गई है। झारखंड मिल्क फेडरेशन ने दूध की खपत कम होने के कारण शुक्रवार को राज्य के 25 हजार दूध उत्पादक किसानों से दूध की खरीदारी नहीं की। आगामी दो दिन भी फेडरेशन दूध की खरीदारी नहीं करेगा।
फेडरेशन के प्रबंध निदेशक सुधीर कुमार ने बताया कि लोग दूध के पैकेट छूने से डर रहे हैं। उन्हें भ्रम है कि पैकेट से कोरोना का संक्रमण हो सकता है। 22 मार्च से ही दूध की खपत लगातार कम होती गई। औसतन हर दिन की खपत करीब 1.35 लाख लीटर है, जबकि अभी करीब 35 हजार लीटर दूध की ही मांग है। इससे डेयरियों में दूध के भरे कई टैंक खड़े हैं। अगर इस दूध का कोई उपाय नहीं किया गया तो यह खराब हो सकता है। उन्होंने कहा कि दूध के पैकेट से लोगों को डरने की जरूरत नहीं है। दूध देने वाले किसानों को पहले सेनेटाइज किया जाता है।
दूध की मांग कम होने से मेधा डेयरी में चार दिनों में 4.10 लाख लीटर दूध का स्टॉक जमा है। इसे लेकर अब दूसरे निजी डेयरी संचालकों से बात की जा रही है, लेकिन सभी डेयरी की यही स्थिति है। मेधा अब अधिकतर दूध रायपुर भेज रहा है।
दूसरे डेयरी सुधा, मदर, अमूल और ओसम दूध की भी मांग गिरने से दूध का स्टॉक भर चुका है। फेडरेशन ने इन निजी डेयरी कंपनियों को बचे हुए दूध लेने को कहा, लेकिन सभी ने हाथ खड़े कर दिए। झारखंड में सबसे अधिक दूध का संग्रह मेधा डेयरी द्वारा ही किया जाता है। बाकी डेयरी बिहार और राजस्थान से दूध खरीदते हैं।
मेधा तीन गाड़ियों से गली-मुहल्लों में दूध की बिक्री करेगा। किसी खास जगह पर गाड़ी खड़ी होगी, जहां से लोग बिना भीड़ लगाए दूध की खरीदारी कर सकेंगे। इस बीच ओसम दूध की भी गाड़ी भी दूध बेचने के लिए घूम रही है, लेकिन शुक्रवार को ये गाड़ियां खड़ी रही लेकिन कोई दूध का पैकेट लेने के लिए नहीं आया।
हिंदुस्तान की खबर के मुताबिक बिहार में भी दूध के पैकेट की बिक्री कम होने के बाद वहां के व्यवसायियों ने झारखंड मिल्क फेडरेशन को 20 रुपए लीटर दूध देने का ऑफर दिया है, लेकिन यह ठुकरा दिया गया। दूसरी ओर बंगाल से भी 25 रुपए लीटर तक दूध देने का ऑफर आया है।
दूध नहीं खरीदने की घोषणा के बाद राज्य के दर्जनों दूध उत्पादक किसानों ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ट्वीट कर मांग की है कि दूध की खरीदारी दूसरे राज्यों से बंद कर किसानों से लिया जाए। एक किसान रोजामात अंसारी ने लिखा है कि सुधा डेयरी जो दूध बिहार से खरीदकर झारखंड लाता है उसे बंद कराया जाए। मेधा डेयरी का बचा दूध भी दूसरे डेयरी से बिकवाया जाए।
(साभार- दैनिक हिंदुस्तान)
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You are right sir
क्या करेगी डैरी भी दूध खरीद कर बहा तो नहीं सकती