डेयरी टुडे नेटवर्क,
मुंबई, 9 मई 2018,
महाराष्ट्र सरकार ने दूध का पाउडर बनाने वाले संस्थानों को 3 रुपये प्रतिलीटर प्रोत्साहन राशि देने का फैसला किया है। राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में इसका निर्णय लिया गया है। इस फैसले से सरकार की खजाने पर 32.76 करोड़ रुपये का बोझ पड़ेगा। आपको बता दें कि इससे पहले सरकार ने 2012 में भी दूध पाउडर के लिए अनुदान देने का फैसला लिया था।
दूध की दर को लेकर महाराष्ट्र में जगह-जगह आंदोलन चल रहे हैं। किसानों को शिकायत है कि उन्हें दूध का उचित मूल्य नहीं मिल रहा हैं। इससे उन्हें नुकसान हो रहा है। अब सरकार ने दूध का पाउडर बनाने वाले सरकारी व गैरसरकारी संगठनों को प्रोत्साहन अनुदान राशि देने का निर्णय लिया है। महाराष्ट्र में प्रतिदन 1.32 करोड़ लीटर दूध का उत्पादन होता है जिसमें 94 लाख लीटर दूध का प्रतिदिन खप जाता है, लेकिन 38 लाख लीटर दूध बच जाता है। इस अतिरिक्त दूध का पाउडर बनाया जाता है, जो दो साल तक चलता है।
राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजार में दूध के पाउडर की कीमतें गिर गईं हैं, जिससे राज्य में इस साल मार्च तक 26,506.70 मिट्रिक टन पाउडर का स्टॉक जमा हो गया है। पाउडर बनाने वाली संस्थाओं का कहना है कि 100 लीटर दूध का पाउडर बनाने पर उन्हें 324.55 रुपये का नुकसान होता है। यानी प्रति लीटर दूध पर 3.24 रुपये का घाटा उठाना पड़ता है।
मंगलवार को मंत्रिमंडल की बैठक के बाद प्रदेश के पशुसंवर्धन, दुग्धविकास व मत्स्य व्यवसाय मंत्री महादेव जानकर ने बताया कि दूध से पाउडर बनाने वाले 6 सहकारी और 14 निजी दुग्ध संघों को मिलाकर कुल 20 संस्थाओं को अनुदान मिलेगा। उन्होंने बताया कि मार्च 2018 में उत्पादित दूध पाउडर की तुलना में अब 20 प्रतिशत अधिक दूध पाउडर तैयार किए जाने का अनुमान है। राज्य में दूध का अतिरिक्त उत्पादन हो रहा है। जाहिर है कि महाराष्ट्र सरकार के अनुदान देने के फैसले से दूध उत्पादक किसानों को काफी लाभ होगा। सरकार ने दूध के लिए 27 रुपये प्रति लीटर दर निश्चित की है।
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