डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 29 मई 2019,
देश के कई राज्यों में दूध के रेट बढ़ने का जो सिलसिला शुरू हुआ है वो थमने वाला नहीं है। बताया जा रहा है कि मानसून आने में देरी के चलते देश के कई हिस्सों में सूखे जैसे हालात पैदा हो गए हैं। ऐसे में पशुओं के लिए हरे चारे की बेहद कमी हो गयी है। जाहिर है कि हरे चारे के आभार में इस सीजन में दूध का उत्पादन सीधे तौर पर प्रभावित होगा। कॉपरेटिव और प्राइवेट डेयरी कंपनियों के अधिकारियों के मुताबिक पिछले साल के मुकाबले इस साल के खराब मौसम की वजह से चारे की कमी हो गयी है। वहीं पिछले साल के मुकाबले इस साल चारे की कीमत में 18 से 20 प्रतिशत की बढ़ोतरी हो गयी है। ऐसे में दूध उत्पादन करने वाले चारे की वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर सूखा चारा जानवरों को खिला रहे हैं। हालांकि यह जानवरों के आहार के लिए हारे चारे के मुकाबले कम पौष्टिक होता है।
गुजरात को-ऑपरेटिव मिल्क मार्केटिंग फेडरेशन के मैनेजिंग डायरेक्टर एस आर सोढ़ी ने कहा कि अमूल का दूध उत्पादन 21 मिलियन लीटर प्रतिदिन था, जिसमें पिछले साल के मुकाबले 5 से 6 प्रतिशत की कमी हुई है। वहीं पिछले साल के विंटर सीजन के मुकाबले 20 प्रतिशत की कमी हुई है। ऐसे हरे चारे की कमी की वजह से है।
सोढ़ी के मुताबिक भारत में एक गाय औसत तौर पर 4 लीटर और भैंस 5 से 6 लीटर प्रतिदिन के हिसाब से दूथ का उत्पादन करती है। वहीं क्रास ब्रीड गाय 8 से 9 लीटर दूथ का उत्पादन करती है। उन्होंने बताया कि फेडरेशन ने अपनी क्षमता के मुताबिक हरे चारे के उत्पादन में बढ़ोत्तरी की है। जीसीएमएमएफ प्रतिदिन 9 हजार टन जानवर के चारे का उप्तादन करता है।
जीलीएमएमएफ ने हाल ही में रिटेल मिल्क प्राइस में 2 रुपे की बढ़ोत्तरी की है। इसके बाद देशभर के 6 मिल्क ब्रांड को दूध की कीमतों में 2 रुपए का इजाफा करना पड़ा है। हालांकि जिस तरह से चारे की कमी हो रही है। ऐसे में आने वाले दिनों में दूध की कीमतों में और इजाफा हो सकता है। खासकर मिल्क मैन दूध की कीमतें बढ़ा सकते हैं।
(साभार- मनी भास्कर)
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Very nice
Sahi jankari hai but ye chenta ka bisay hai