डेयरी टुडे डेस्क,
17 सितंबर 2017,
प्रधानंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने 67वें जन्मदिन पर देश को सरदार सरोवर बांध के रूप में एक बड़ी सौगात दी। 56 साल बाद पूरे हुए देश के सबसे ऊंचे बांध का उद्घाटन करने वाले पीएम ने दभोई में एक जनसभा को संबोधित किया। पीएम ने यहां बांध के बनने में आई परेशानियों समेत इससे देश को होने वाले फायदे भी गिनवाए। पीएम ने कहा कि वे पानी के कमी के दर्द को महसूस कर सकते हैं, क्योंकि इसका सामना वे खुद भी कर चुके हैं। अब नर्मदा पर इस बांध के बन जाने के बाद बाढ़ और सूखे की समस्या हल हो पाएगी।
उन्होंने कहा कि पहले भारत-पाक सीमा तक पीने का पानी बीएसएफ तक पहुंचाने के लिए सैकड़ों ऊंट लगाने पड़ते थे, हमने उन तक नर्मदा का पानी पहुंचाया। मोदी ने कहा कि बांध को लेकर आई सबसे बड़ी परेशानियों में से एक ये भी थी कि विश्व बैंक ने पर्यावरण का हवाला देकर योजना से अपने हाथ पीछे खींच लिए थे, लेकिन सरकार ने इसे बनाकर ही दम लिया। बांध के खिलाफ कई षडयंत्र किए गए, लेकिन दृढ़ संकल्प लिया गया और इस चुनौती से पार पाया।
मोदी ने कहा कि गुजरात के संतों ने हमारा साथ दिया और गुजरात के मंदिरों से भी पैसे दिए गए थे और तब जाकर सरदार सरोवर डैम बना। पीएम ने कहा कि बांध को लेकर अनाश शनाप आरोप लगाए गए, लेकिन उनकी सरकार ने राजनीतिक विवाद से बचाने की कोशिश की। पीएम ने सरदार पटेल समेत भीम राव अंबेडकर और महात्मा गांधी जैसे महापुरुषों का जिक्र किया। सरदार पटेल के लिए कहा कि देश में एकता के प्रतीक माने जाने वाले पटेल ने कश्मीर से कन्याकुमारी तक देश को बांधे रखा था। सरदार पटेल की बनाई जा रही प्रतिमा के लिए पीएम ने कहा कि ये अमेरिका के ‘स्टेच्यू ऑफ लिबर्टी’ से भी दो गुना ऊंची प्रतिमा होगी। उन्होंने कहा कि केवल मुट्ठीभर लोगों ने ही देश को आजादी नहीं दिलाई, बल्कि देश को आजादी दिलाने में आदिवासियों ने बलिदान दिया है।
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