डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 26 अगस्त 2021,
केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा है कि भारत ने खाद्यान्न के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। कृषि व सम्बद्ध उत्पादों में हमारा देश दुनिया में नंबर एक या दो पर है। हमारे किसानों व वैज्ञानिकों की इतनी ताकत है कि हम दुनिया में प्रतिस्पर्धा करें तो लगभग सभी जिंसों में नंबर एक हो सकते हैं। आज इतना उत्पादन व बढ़ती हुई उत्पादकता हम सब के लिए गौरव व प्रसन्नता का विषय है, लेकिन आजादी के 75वें वर्ष में हम ऐसे मुकाम पर खड़े है, जहां हमें आत्मावलोकन करने के साथ ही चुनौतियां तथा उनके समाधान पर विचार करना होगा। श्री तोमर ने यह बात किसानों के लिए राष्ट्रीय खाद्य एवं पोषण अभियान का शुभारंभ करते हुए कही। इसका आयोजन भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने किया है।
भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् द्वारा आयोजित #AzadiKaAmritMahotsav के अंतर्गत “किसानों के लिए खाद्य एवं पोषण” विषय पर देशव्यापी अभियान का आज शुभारम्भ किया। pic.twitter.com/xWtd05qXAW
— Narendra Singh Tomar (@nstomar) August 26, 2021
श्री तोमर ने कहा कि वर्षा आधारित व अन्य क्षेत्रों में कब-कौन सी खेती हो व किन बीजों को ईजाद किया जाएं, इस पर आईसीएआर सफलतापूर्वक काम रही है, यह भी प्रयत्न किया जा रहा है कि कृषि व किसान नई तकनीक से जुड़े। उत्पादन में हमारी महारत है लेकिन इस प्रचुरता को प्रबंधित करना भी महत्वपूर्ण है। हमारे उत्पाद गुणवत्तापूर्ण हो, वैश्विक मानकों पर खरे उतरे, किसान महंगी फसलों की ओर आकर्षित हो, कम रकबे-कम सिंचाई में, पर्यावरण के मित्र रहते हुए पढ़े-लिखे युवा कृषि की ओर आकर्षित हो, यह सरकार के साथ किसानों की भी जिम्मेदारी है। कृषि विज्ञान केंद्र (केवीके), कृषि विश्वविद्यालय व राज्य सरकारों के साथ ही भारत सरकार की कोशिश है कि किसान नई-नई चीजों को सीखे, नए बीज व तकनीकें उन तक पहुंचे लेकिन इसकी एक सीमा है, इसलिए सरकार के कृषि विस्तार कार्यक्रमों से किसान भी जुड़े तो सोने में सुहागा हो सकता है। केवीके से जुड़े किसान अन्य किसानों को उन्नत खेती के लिए प्रेरित करें व एफपीओ, एग्री इंफ्रा फंड, परंपरागत खेती के अंतर्गत जैविक खेती का रकबा बढ़ाने सहित विभिन्न योजनाओं में सभी किसानों की भागीदारी सुनिश्चित करें। हम सबकी कोशिश पूरे गांव को समृद्ध करने की होना चाहिए। इससे क्रमशः विकासखंड, जिला, राज्य और अंततः देश समृद्ध होगा व भारत आत्मनिर्भर बन सकेगा।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी एक व्यापक दृष्टिकोण के आधार पर वर्ष 2014 से लगातार काम कर रहे हैं। मोदी जी की सरकार आने के समय भारत सरकार का कृषि का बजट लगभग 21 हजार करोड़ रूपए होता था, जिसे बढ़ाकर अब 1.23 लाख करोड़ रू. से अधिक कर दिया गया है। मोदी जी द्वारा ग्राम पंचायतों के विकास के लिए भी वित्त आयोग के अनुदान की राशि लगभग पांच गुना कर दी गई है। कृषि हमारी प्रधानता है, कृषि ने प्रतिकूल परिस्थितियों में भी अपनी प्रासंगिकता बार-बार सिद्ध की है। कोविड संकट के बावजूद कृषि का न कोई संस्थान बंद हुआ, न उत्पादन प्रभावित हुआ बल्कि कठिन परिस्थितियों में भी ज्यादा बुआई व बंपर उत्पादन हुआ और सरकार ने पहले से ज्यादा उपार्जन किया है।
Union Agriculture Minister @nstomar launches National Food and Nutrition Campaign for farmers
India can be number one in the world with the strength of farmers and scientists, says Shri Tomar
Details: https://t.co/crKN5zYty3 pic.twitter.com/omzR4dEib8
— Alpana Pant Sharma (@PIBAgriculture) August 26, 2021
श्री तोमर ने कहा कि प्रधानमंत्री द्वारा 75 सप्ताह तक आजादी का अमृत महोत्सव मनाने का निर्णय लिया गया है। हमारे देश की आजादी हमें आसानी से नहीं मिली, हमारे पूर्वजों ने अपने प्राणों का बलिदान किया, हंसते-हंसते फांदी के फंदों को चूम लिया, तब जाकर लहू से सनी हुई यह महत्वपूर्ण आजादी हम लोगों को प्राप्त हुई है। आजादी का अमृत महोत्सव मनाने के साथ प्रधानमंत्री जी ने युवा पीढ़ी में देश के प्रति जज्बे को और मजबूत करना चाहते हैं। साथ ही, उन्होंने हर क्षेत्र- हर जगह इस महोत्सव का लाभ देश की प्रगति के लिए लेने की जरूरत पर बल दिया है।
कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि सरकरा ने प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में कुपोषण की समस्या हल करने का संकल्प लिया है, साथ ही इस दिशा में अनेक योजनाएं व कार्यक्रम हाथ में लिए हैं। श्री चौधरी ने कहा कि वर्ष 2023 को भारत के नेतृत्व में पोषक-अनाज वर्ष मनाया जाएगा, जो हमारे लिए गर्व का विषय है। आईसीएआर के महानिदेशक डा. त्रिलोचन महापात्र ने बताया कि आईसीएआर द्वारा अधिकाधिक किसानों के बीच कृषि संबंधी उपलब्धियां महोत्सव के दौरान बताई जाएगी, साथ ही उन्हें लाभान्वित किया जाएगा। आईसीएआर के उप महानिदेशक डा. ए.के. सिंह ने कार्यक्रमों की रूपरेखा बताई।
कार्यक्रम से आईसीएआर के सचिव श्री संजय गर्ग, सभी उपमहानिदेशक-सहायक महानिदेशक तथा अन्य अधिकारी-वैज्ञानिक, कृषि विश्वविद्यालयों के कुलपति, अन्य कृषि संस्थानों के अधिकारी एवं देशभर के सभी केवीके में मौजूद हजारों किसान वर्चुअल जुड़े थे। इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री श्री तोमर ने महोत्सव के कार्यक्रमों व गतिविधियों के संकलन पर आधारित पुस्तिका का विमोचन किया।
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