मोगा, पंजाब, 6 अगस्त 2017,
मोगा के गांव गिल स्थित डेयरी विकास विभाग के इंस्पेक्टर को विजिलेंस विभाग ने तीन साल पहले उसके कार्यालय से आठ हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ा था। इसके बाद विजिलेंस विभाग ने आरोपी इंस्पेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम एक्ट के तहत केस दर्ज किया था। एडिशनल सेशन जज की अदालत ने शनिवार को केस का फैसला सुनाते हुए दोषी सरकारी अधिकारी को चार साल कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
गांव ठठी भाई निवासी साधु सिंह पुत्र जलौर सिंह ने 14 जुलाई 2014 को विजिलेंस को लिखित शिकायत देकर आरोप लगाया कि उसके पास 20 गाय हैं। इन गायों की सुरक्षा करने के लिए उसने सभी गायों का 85 हजार रुपये में बीमा करवाया दिया था। इसके बाद पंजाब सरकार की ओर से डेयरी धंधे से जुड़े लोगों को लोन दिया जा रहा हैं। उसने गायों पर 60 हजार रुपये का लोन लेने के लिये तीन महीने पहले आवेदन फाइल गांव गिल स्थित डेयरी विकास विभाग को सबमिट करवाई। उसकी फाइल को लोन मंजूरी के लिए चंडीगढ़ भेज दिया था। जून 2014 में आवेदनकर्ता साधू सिंह का फाइल पर एतराज लगकर वापस गांव गिल स्थित विभाग के पास लौट आई। गिल स्थित डेयरी विकास विभाग के इंस्पेक्टर छिंदर सिंह लोन वाली फाइल पर लगे एतराज को दूर करके दोबारा चंड़ीगढ़ स्थित विभाग को भेज दी थी। छिंदर सिंह ने उसको बुलाकर लोन पास करवाने के एवज में 20 हजार रुपये मांगे। दोनों में आठ हजार रुपये में सौदा तय हो गया। साधु सिंह ने इसकी शिकायत विजिलेंस विभाग को कर दी थी।
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