डेयरी टुडे नेटवर्क,
मोगा(पंजाब), 14 सितंबर 2017,
मोगा के गांव गिल स्थित डेयरी फार्मिंग के प्रति किसानों को उत्साहित करने के लिए एक सेमिनार का आयोजन किया गया। एक दिवसीय सेमिनार में फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, मुक्तसर, फरीदकोट, ब¨ठडा और लुधियाना के साहिवाल और देसी गाय पालकों ने भाग लिया। इस मौके पर डायरेक्टर डेयरी विकास इन्द्रजीत सिंह ने बताया कि वातावरण तबदीली के कारण तपस का बढ़ने यकीनी है और गर्मी के बढ़ते प्रकोप के कारण मानव, जीवजंतु, वनस्पति और पशु धन पर प्रभाव पड़ना लाजमी है। इसलिए देसी दुधारू पशुओं की नस्ल पालना भी जरूरी है।
डॉ. प्रेम कुमार उप्पल ने साहिवाल गाय की जन्म नस्ल के गुण, चिह्न और अन्य निशानियों के बारे में किसानों को बताया कि पाकिस्तान के मिटगुमरी जिले में इसकी पैदाइश हुई। उन्होंने बताया कि आज भी उस इलाकों में चोटी की गाय पाली जातीं हैं। डायरेक्टर पशुपालन डॉ. अमरजीत ¨सह ने किसानों को पशु पालन के बारे में अवगत करवाया। डॉ. यशवंत सिंह डिप्टी डायरेक्टर कृषि विज्ञान केंद्र, कुराली ने पशु पालकों को संबोधन होते देसी पशु धन के पालन -पोशन, खाना -खुराक और आम बीमारियों के बारे में जागरूक किया। साहिवाल केटल सोसायटी के नुमाइंदे जगदेव ¨सह अहमदगढ़, जसविन्दर सिंह ढिल्लों लुधियाना, सुखहरप्रीत सिंह और सुरिन्दर सिंह मुक्तसर ने किसानों के साथ तजुर्बे साझा किए। इस मौके पर 200 से अधिक साहिवाल गाय पालक मौजूद रहे।
(साभार-दैनिक जागरण)
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