बरेली के युवक ने MBA के बाद खोला डेयरी फार्म, होती है 80 हजार रुपये महीने की कमाई

BY नवीन अग्रवाल
बरेली/गाजियाबाद, 11 अक्टूबर 2017,

आज कल नया ट्रेंड चल रहा है, युवा उच्च शिक्षा के बाद नौकरी के बजाए अपना बिजनेस स्थापति कर रहे हैं और खुद दूसरों को रोजगार देने वाले बन रहे हैं। लेकिन कोई युवा एमबीए करने के बाद मल्टीनेशनल कंपनियों की नौकरी को ठुकरा कर डेयरी फार्म खोले तो कुछ अटपटा सा लगता है। पर बरेली के युवक मोहित बजाज ने कुछ ऐसा कर दिखाया है कि वो दूसरों के लिए प्रेरणा बन गए हैं। आज हम डेयरी के सुल्तान में बरेली के इसी युवा डेयरी फार्म संचालक मोहित बजाज की सफलता की कहानी बता रहे हैं।

एमबीए के बाद मोहित बजाज ने खोला डेयरी फार्म


बरेली के 27 वर्षीय मोहित बजाज ने 2012 में एमबीए की डिग्री हासिल की। एमबीए के बाद ही उनके पास कोटक महिंद्रा बैंक समेत कई नामी मल्टीनेशनल कंपनियों से नौकरी के ऑफर थे और उन्हें लाखों का पैकेज भी मिल रहा था। लेकिन जोश और जज्बे से भरे मोहित ने इन ऑफरों को ठुकरा दिया और कंस्ट्रक्शन के अपने फैमिली बिजनेज को ज्वाइन कर लिया। पर उनका मन अपने फैमिली बिजनेस में नहीं लगा। मोहित अपने कॉलेज के वक्त से ही कुछ अलग और जमीन से जुड़ा  हुआ काम करना चाहते थे। और फिर यहीं से उनके मन में डेयरी फार्म खोलने का विचार आया।

IVRI से ली कॉमर्शियल डेयरी की ट्रेनिंग

मोहित के मन में डेयरी फार्म खोलने के विचार तो आ गया लेकिन उन्हें इसकी ए बी सी डी भी नहीं पता थी। बस ये पता था कि बाजार में मिलावटी दूध की भरमार है,लोगों को शुद्ध दूध नहीं मिल पा रहा है अगर इसका बिजनेस किया जाए तो अच्छी कमाई हो सकती है। मोहित ने  इधर-उधर से कुछ जानकारी जुटाई लेकिन बात नहीं बनी। फिर उन्होंने डेयरी की मुकम्मल जानकारी के लिए बरेली के इज्जतनगर में स्थित आईवीआरआई यानी इंडियन वेटरनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट से एक हफ्ते के कॉमर्शियल डेयरी फार्मिंग की ट्रेनिंग ली। यहां उन्हें पता चला कि पशुओं का चयन कैसे करना है, उनकी देखभाल कैसे करनी है और डेयरी का प्रबंधन कैसे  करना है।

एक गाय से शुरू किया फार्म, आज हैं 50 गाय और भैंस


इस ट्रेनिंग के बाद मोहित ने 2015 में बरेली के आउटर में मट कमल नैनपुर इलाके में स्थित अपनी जमीन पर डेयरी फार्म की शुरुआत की। मोहित बताते हैं उन्हें पहले सिर्फ एक देसी गाय से अपने डेयरी फार्म की शुरुआत की। इस काम में परिवार का तो सहयोग था लेकिन दूसरे रिश्तेदार मजाक उड़ाते थे। लेकिन अपनी धुन के पक्के मोहित ने एक गाय से ही डेरी शुरू की और फिर धीरे-धीरे पशुओं की संख्या बढ़ाते गए। आज मोहित के ये-लो मिल्क डेरी फार्म में कुल पचास पशु हैं, जिनमें गाय और भैंस दोनों शामिल हैं।

5 बीघा में फैले फार्म में तालाब भी और चारा भी


मोहित का डेयरी फार्म पांच बीघा में फैला हुआ है। मोहति के पास हॉलिस्टियन फ्रीशियन, जर्सी, साहिवाल और रेड सिंधी नस्ल की कुल बीस गायें हैं जबकि अच्छी नस्ल की 30 मुर्रा भैंसें हैं। फार्म पर बाकायदा पक्का शेड बनाया गया है साथ ही इन्होंने फार्म में ही एक तालाब भी बनाया है। इस तालाब में भैंसे और गाय नहाती हैं। अपने फार्म में ही मोहित ऑर्गेनिक तरीके से चारा उगाते हैं, हालांकि कुुछ चारा बाहर से भी मंगाना पड़ता है।

रोजना 500 लीटर दूध का उत्पादन, शहर में है काफी डिमांड


मोहित ने बताया कि लोगों के बीच गाय की तुलना में भैंस के दूध की डिमांड ज्यादा है। इसीलिए उन्होंने दोनों को पाला है और इनका शुद्ध दूध लोगों को मुहैया करा रहे हैं। मोहित के डेयरी फार्म में रोजाना करीब 500 लीटर दूध का उत्पादन होता है, जिसे वे एक लीटर की बोतल में भर कर ग्राहकों को सप्लाई करते हैं। शहर के राजेंद्र नगर, मॉडल टाउन, डीडी पुरम, गुलमोहर पार्क, शास्त्री नगर, कर्मचारी नगर आदि इलाकों में दूध की सप्लाई होती है। मोहित देसी गाय का दूध 60 रुपये प्रति लीटर, एचएफ और जर्सी गाय का दूध 45 रुपये प्रति लीटर, जबकि भैंस का दूध 55 रुपये प्रति लीटर की दर से बेचते हैं। दूध के अलावा मोहित डिमांड आने पर पनीर, मसाला पनीर, दही, देसी घी, खोया और मावा भी तैयार कर बेचते हैं। मोहित ने फार्म पर पशुओं की देखभाल और दूध सप्लाई के लिए 10 लोगों को स्टाफ रखा है। मोहित का कहना है कि आज उन्हें सभी खर्चे निकाल कर 70 से 80 हजार रुपये महीने की कमाई हो जाती है।

डेयरी फार्मिंग से अच्छा कोई बिजनेस नहीं-मोहित


मोहित के मुताबिक डेयरी फार्म चलाने में काफी मेहनत है और रोजना कुछ ना कुछ समस्याओं का भी सामना करना पड़ता है। लेबर की समस्या सबसे बड़ी है। डेयरी के कुशल लोग नहीं मिलते हैं और जो मिलते हैं वो टिक कर काम नहीं करते। इसके साथ ही पशुओँ को बीमार होने पर उन्हें चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराना भी बड़ी समस्या है लेकिन उन्हें इसकी खुद काफी जानकारी है, इसीलिये फोन पर ही डॉक्टर से कंसल्ट कर हल्का-फुल्का इलाज कर लेते हैं। मोहित ने ये भी कहा कि वो अपना डेयरी फार्म बढ़ाना चाहते हैं और इसके लिए लोन लेना चाहते हैं लेकिन किसी भी बैंक या सरकारी संस्था से उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा है। अब तक मोहित करीब पचास लाख रुपये की लागत लगा चुके हैं। इतनी मुसीबतों के बाद भी मोहित अपने काम से काफी खुश हैं और उनका कहना है कि यदि और बिजनेस की तरह डेयरी फार्म में प्रोडक्शन के साथ खुद की मार्केटिंग की जाए तो इससे बेहतर कोई दूसरा धंधा नहीं है।

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  • मेरा नाम बॉबी यादव है और मैं उत्तर प्रदेश के बरेली जिला के आंवला रामनगर ग्राम पृथ्वीपुर का रहने वाला हूं मैं अपना 5 वर्षों का डेरी फार्म खोलना चाहता हूं और मेरे पास पैसे की समस्या है आपसे राय लेना चाहता हूं पांच मैचों की डेयरी खोलने में कैसा उसका सेट बनाना पड़ेगा और कैसे बैंक से लोन मिलेगा

  • sir me 5 lakh ka loan lekar dairy farm stat karna chah rha hu.bta sakte ho aap kon si cow lu

  • the maintenance of cow and buffalow are very poor...althou he is earning good but the way i see eating place of straw is not showing good symbol of food...

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