रिसर्च में दावा, मां के दूध में Covid-19 वायरस खत्म करने की ताकत!

डेयरी टुडे नेटवर्क,
नई दिल्ली, 11 मई 2020,

देश और दुनिया में कोरोना वायरस (Coronavirus) का संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। पूरे विश्व में कोरोना संक्रमित लोगों का आंकड़ा 45 लाख के पार जा पहुंचा है। 187 से ज्यादा देशों में अब तक 42,78,180 लोग इस बीमारी की चपेट में आ चुके हैं और इनमें से 2,92,815 लोगों को जान गंवानी पड़ी है। अभी तक कोई भी देश कोरोना महामारी की दवा या वैक्सीन नहीं खोज पाया है। लेकिन इस बीच मां के दूध से कोरोना वायरस के इलाज का दावा किया जा रहा है।

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अंतर्राष्ट्रीय न्यूज एजेंसी रॉयटर्स (Reuters) की एक रिपोर्ट के मुताबिक, एक महिला के स्तन के दूध से एंटीबॉडी बनाकर उसका परिक्षण किया गया। रिसर्च में पता चला कि मां के दूध में कोविड-19 के एंटीबॉडी हो सकते हैं, जो बच्चों का संक्रमण से बचाव कर सकता है। इसी वजह से संक्रमित महिलाओं को भी अपने बच्चों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए स्तनपान जारी रखने की सलाह दी गई है। शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मां के दूध से वायरस का संचारण नहीं होता है और दूध में निश्चित तौर पर एंटीबॉडी हो सकता है।

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इससे पहले एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि कोरोना वायरस (Corona Virus) वयस्कों, खास तौर से उम्रदराज वयस्कों और कमजोर इम्यूनिटी (Immunity) वालों को ही ज़्यादातर प्रभावित कर रहा है और बच्चों को इससे बहुत कम खतरा है। लेकिन पिछले कुछ हफ्तों के आंकड़े देखें तो अमेरिका (USA), यूके, फ्रांस, इटली (Italy), स्पेन और स्विटज़रलैंड में करीब 100 ऐसे मामले आए, जिनमें बच्चों में कावासाकी सिंड्रोम जैसे लक्षण पाए गए। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) जांच कर रहा है कि इस सिंड्रोम का कोविड 19 (Covid 19) संक्रमण से क्या संबंध है।

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कावासाकी सिंड्रोम एक ऐसी बीमारी है जिससे रक्त शिराएं (Blood Vessels), हृदय और अन्य अंग प्रभावित होते हैं। तेज बुखार, लो ब्लड प्रेशर, खराश और सांस में तकलीफ इसके लक्षण (Symptoms) के तौर पर सामान्य रूप से पांच साल से कम उम्र के बच्चों में दिखते हैं। लेकिन, भारत (India) में यह बीमारी इस उम्र से बड़े बच्चों में भी देखी गई है। हृयूमैटिक फीवर (Rheumatic Fever) के बाद यह सबसे बड़ा कारण है, जो बच्चों में दिल के रोग (Heart Disease) पैदा करता है।

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वहीं, कुछ डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना वायरस के संपर्क में आने से कुछ बच्चों में दुर्लभ, जानलेवा लक्षण विकसित हो रहे हैं। जिसे शोधकर्ता ‘पीडियाट्रिक मल्टी-सिस्टम इंफ्लेमेटरी सिंड्रोम बता रहे हैं। इसे भी संभावित रूप से कोविड-19 से जुड़ा लक्षण बताया जा रहा है’ डॉक्टरों को छोटे बच्चों में कई प्रकार के लक्षण नजर आ रहे हैं जो उनके शारीरिक अंगों को प्रभावित कर सकते हैं।

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