कोरोना संकट में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने दिए ‘पशु आहार’ के नए विकल्प

डेयरी टुडे नेटवर्क,
अहमदाबाद/नई दिल्ली, 1 मई 2020,

कोरोना महामारी से उपजे हालात में पशुओं की देखभाल और उनके लिए चारे का इंतजाम करने भी भारी हो गया है। लॉकडाउन के कारण एकतरफ किसानों के लिए चारा जुटाना मुश्किल हो गया है, वहीं दूसरी तरफ बाजार में मिलने वाले पशु आहार के दाम भी बेतहाशा बढ़ गए हैं। पशुओं के चारे के कच्चे माल जैसे मक्का और ग्वार की आपूर्ति में बाधा पहुंच रही है। ऐसे में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (NDDB) ने देश में कैटल फीड प्लांट्स में बदलाव की रणनीति पेश की है। इसका मकसद परंपरागत चारे की कमी से दूध की उत्पादकता कम न होने देना है।

यह भी पढ़ें : दही, छाछ, Cheese और प्रोबायोटिक का प्रयोग करें, Corona के संक्रमण से बचें : डॉ. जे बी प्रजापति

जाहिर है कि दूध उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए डेयरी के पशुओं की उत्पादकता बढ़ाने की जरूरत है। इसके लिए संतुलित पशु आहार की जरूरत होती है। कोविड महामारी के कारण हुए लॉकडाउन के कारण मवेशियों के चारे का उत्पादन प्रभावित हो रहा है। इसे देखते हुुए एनडीडीबी के पोषण विशेषज्ञों ने न्यूनतम लागत फॉम्युलेशन (एलसीएफ) सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल कर स्थानीय सामग्री का इस्तेमाल कर प्रमुख कच्चा माल का विकल्प तैयार किया है, जिनकी आपूर्ति बंदी के कारण बाधित है। उदाहरण के लिए ग्वार मील और मक्का इस समय उपलब्ध नहीं है। ऐसे में पशुओं के चारे में इसकी जगह कपास के बीज का अवशेष और मक्के का आटा इस्तेमाल करने का सुझाव दिया है, जो स्थानीय स्तर पर उपलब्ध है।

यह भी पढ़ें : लॉकडाउन में डेयरी का धंधा चौपट, इस राज्य में डेयरी किसानों को रोजाना 44 करोड़ का नुकसान

एनडीडीबी के चेयरमैन दिलीप रथ ने कहा कि पशुओं के चारे के तमाम संंयंत्र कच्च्चे माल और पैकेजिंग के सामान की अनियमित आपूर्ति के संकट से जूझ रहे हैं। एक राज्य से दूसरे राज्य में ट्रकों की आवाजाही सीमित होने के अलावा श्रमिकों की कमी का संकट भी सामने आ रहा है। अब प्रमुख उद्योगों पर प्रतिबंधों में ढील देने से स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद है। प्रमुख कच्चा माल उपलब्ध न होने की वजह से पशुओं का चारा तैयार करने में आ रही दिक्कत को देखते हुए एनडीडीबी ने पशुओं का चारा तैयार करने वाले संयंत्रों के लिए नए फॉर्मूले पर काम करना शुरू किया, जिससे पशुओं के चारे की मांग पूरी की जा सके।

यह भी पढ़ें : अब कोरोना से होगी फाइट, Amul ने लॉन्च किया हल्दी Milk, जानिए कीमत और फायदे

राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड के चेयरमैन दिलीप रथ ने कहा कि एनडीडीबी के पशुओं के पोषण के विशेषज्ञ चारे के कच्चे माल का नया फॉर्मूला दे रहे हैं। एनडीडीबी अपने फॉम्युलेशन का सहयोग देश के सभी पशु आहार संयंत्रों तक बढ़ा रहा है, जिससे उत्पादन सामान्य हो सके। सहकारी क्षेत्र के 60 संयंत्र हैं, जहां 35 लाख टन पशुआहार का उत्पादन होता है। बताई गई मात्रा के मुताबिक पशु आहार के नियमित इस्तेमाल से डेयरी पशुओं का स्वास्थ्य बेहतर रहता है, बछड़ों की वृद्धि दर में सुधार, दूध उत्पादन में बढ़ोतरी होती है और उत्पादन लागत में कमी आती है।
(साभार-बिजनेस स्टैंडर्ड)

यह भी पढ़ें : दूध बेचने के आलावा भी हैं कई रास्ते…जानिए कैसे कमाई बढ़ा सकते हैं डेयरी किसान

निवेदन:– कृपया इस खबर को अपने दोस्तों और डेयरी बिजनेस, Dairy Farm व एग्रीकल्चर सेक्टर से जुड़े लोगों के साथ शेयर जरूर करें..साथ ही डेयरी और कृषि क्षेत्र की हर हलचल से अपडेट रहने के लिए हमारे फेसबुक पेज https://www.facebook.com/DAIRYTODAY/ पर लाइक अवश्य करें। हमें Twiter @DairyTodayIn पर Follow करें।

2330total visits.

5 thoughts on “कोरोना संकट में राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड ने दिए ‘पशु आहार’ के नए विकल्प”

  1. दुग्ध उत्पादकों के लिये उपयोगी जानकारी।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

लोकप्रिय खबरें